दिनांक 17 अगस्त 2018, स्थान गढ़/गंगेव रीवा मप्र
(कैथा श्री हनुमान मंदिर से, शिवानन्द द्विवेदी)
पावन यज्ञस्थली कैथा के अति प्राचीन श्रीहनुमान मंदिर प्राँगण में दिनांक 18 अगस्त से कलश यात्रा के साथ श्रीमद भगवद भक्ति ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ होगा जो अगले आठ दिनों तक चलेगा. दिनांक 25 अगस्त को हवन एवं भण्डारे के साथ सम्पूर्ण कार्यक्रम का विसर्जन होगा.
आचार्य दिलीप जी के मुखारविंद से प्रवाहित होगी कथा
कौशाम्बी से संबंध रखने वाले एवं प्रयाग में अपने अमृतमयी कथा का अविरल प्रवाह करने वाले आचार्य श्री दिलीप जी के मुखारविंद से अमृतमयी पापविनाशक मोक्षप्रदायक श्रीमद भगवद कथा का अविरल रसास्वादन रीवा क्षेत्र की भी जनता करेगी. यह कथा निरन्तर 25 अगस्त 2018 तक चलती रहेगी. आचार्य श्री दिलीप जी अब तक सैकड़ों भागवत कथा पर प्रवचन कार्य कर चुके हैं और वर्तमान आधुनिक वक्ताओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. इसके पूर्व भी रीवा जिले में आचार्य जी ने कई स्थानों पर सुंदर प्रवचन कार्य किया है. उनके प्रवचन में आध्यात्मिक गहराइयों के साथ साथ पौराणिक कथानकों का सुंदर सम्पुट रहता है. लोग आचार्य के कथा प्रसंगों को सुनकर भावविभोर हो जाते हैं. कैथा में वर्ष 2014 के आसपास अंगद पटेल के घर में आयोजित भागवत कथा में भी इन्ही के द्वारा प्रवचन कार्य किया गया था. श्रीमद भगवद कथा के दौरान पूजा पाठ और वेदीपूजा आदि में आचार्य शिवशंकर शुक्ला आचार्य श्री दिलीप जी का सहयोग करेंगे. दिनांक 18 अगस्त को शाम 3 बजे से कलश यात्रा का कार्यक्रम रखा गया है एवं दिनांक 19 अगस्त को वेदीपूजा के साथ शुबह बैठकी का कार्यक्रम होगा. कार्यक्रम में परायण का कार्य शिबह 9 बजे से 12 बजे तक होगा एवं प्रवचन का कार्यक्रम शाम ढाई बजे से 6:30 बजे तक होगा.
भागवत कथा श्रवण से मिटते हैं पाप, मिलता है मोक्ष
श्रीमद भगवद कथा के निरंतर श्रवणपान से सभी पाप मिटते हैं और जीव जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति पाकर मोक्ष की प्राप्ति करता है. हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जीवात्मा अमर, शाश्वत सनातन, अजर, ईश्वर अंश है. लेकिन अज्ञानतावश यह मोह जाल फसे हुए जन्म मृत्यु के चक्र में फसी रहती है. अपने कर्मो के अनुसार जीव फल प्राप्त करता हुआ कर्म बंधन को नही तोड़ पाता है. जब मॉनव को ज्ञान पाप्त होता है तो वह इस संसार सागर से मुक्ति की दिशा में अग्रसर होता है, अच्छे शुभ और सात्विक कर्म करता है, दान करता है, पुण्य के कार्य करता हुआ ईश्वर को प्राप्त करता है और फिर इस संसार सागर में वापस नही आता है.
श्रीमद भागवत कथा वास्तव में यही बताता है की किस तरह से व्यक्ति अपने जीवन को धन्य बनाते हुए मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है.
श्रीमद भगवद कथा के निरंतर श्रवण पान से सभी पाप नष्ट होते हैं और साथ में व्यक्ति ईश्वर के चिंतन करते हुए प्रभु शरण को प्राप्त करता है. जिस प्रकार से महाराज परीक्षित श्रीमद भगवद कथा के श्रवन पान से मुक्ति को प्राप्त हुए ठीक उसी प्रकार से आज कलयुगी मॉनव भी प्रभु श्रीकृष्ण की शरण में आकर उनका शरणागत होकर मुक्ति को प्राप्त कर सकता है.
संलग्न - संलग्न कथा प्रवाचक आचार्य श्री दिलीप जी की फ़ोटो एवं साथ में श्रीहनुमान मंदिर प्राँगण की फ़ोटो.
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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,
ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 9589152587,7869992139
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