दिनांक 09 अगस्त 2018, स्थान - गढ़/गंगेव रीवा मप्र
(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)
दिनाँक 8 अगस्त को थाना गढ़ अन्तर्गत कैथा ग्राम के मजदूर युवक शांति कुमार साकेत का ट्रेक्टर पलटने से घटना स्थल पर ही दबकर मृत्यु होने का मामला प्रकाश में आया था. जिंसमे डायल 100 की गाड़ी में गंगेव सीएचसी ले जाया गया था जहां उसे डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था.
बाद में गढ़ पुलिश ने बताया था की बड़े निवेदन के बाद 8 अगस्त को ही डॉक्टर ने उसका पोस्टमॉर्टम किया और तब जाकर युवक की लास परिजनों के हवाले किया गया.
परिजनों ने मामले में लीपापोती और गलत धारा में केस दर्ज करने का लगाया आरोप
दिनाँक 9 अगस्त की शुबह जानकारी प्राप्त हुई की परिजनों ने एफआईआर दर्ज करने में बयान बदलने और दबाब का आरोप लगाया है और पुलिश पर गलत धारा पर मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया है. मृत युवक के माता पिता द्वारा बताया गया की उन्हें घटना के बाद कोई होशोहवाश नही था और जब वह अपना बयान दे रहे थे तब पुलिश ने सही तरीके से रिपोर्ट नही लिखा और आई पी सी की धारा 304 लगाने के स्थान पर धारा 304क लगाया है. परिजनों को यह जानकारी उनके वकील ने बतायी थी.
मृत के माता पिता का कहना था की जब ट्रेक्टर कीचड़ में फंसा हुआ था तब गांव के ही ट्रेक्टर मालिक के लड़के द्वारा तीन चार ड्राइवर को ट्रेक्टर निकालने के लिए बुलाया गया था. जब किसी ड्राइवर द्वारा ट्रेक्टर नही निकल पाया तो ट्रेक्टर मालिक का पुत्र युवक शांति कुमार साकेत को उसके घर बुलाने आया था और बोला की चलो खेत में रोपा लायन लगाने चलना है लेकिन उग्रभान पटेल के खेत में कीचड़ में फसे ट्रेक्टर के पास ले जाया गया और शांति कुमार को ट्रेक्टर निकालने के काम में लगा दिया गया. ट्रेक्टर इतना बुरी तरह से फसा हुआ था की बड़े वाले टायर के नीचे लकड़ी के मोटे लठ्ठे लगाने पड़े थे लेकिन फिर भी ट्रेक्टर नही निकल रहा था. इस कार्य को देखने के लिए कुछ गांव के ही अन्य लड़के खड़े हुए बताए गए हैं जो ट्रेक्टर पलटने के बाद घटनास्थल से भाग खड़े हुए थे.
घटना होने के बाद गांव में हो हल्ला हुआ तो सारे गांव के लोग इकठ्ठा हुए. सभी ने मृत को बाहर निकालने में सहयोग दिया. निकालने वालों में ज्यादातर साकेत एवं केवट समुदाय के लोग थे. बताया गया की जिनकी ज्यादा जिम्मेदारी थी वह घटनास्थल से भाग खड़े हुए.
रातोंरात ट्रेक्टर को कीचड़ से निकाल किया गायब
दिनांक 8 अगस्त की रात से ही कैथा ग्राम में चर्चा होने लगी थी की कैथा, इटहा, एवं अकलसी ग्राम के काफी लोग ट्रेक्टर को निकालने में व्यस्त थे. मोटी रस्सी लाई गई थी जिसकी मदद से दर्ज़नो लोगों द्वारा गांव के ही दिलीप पटेल नामक व्यक्ति के एक अन्य ट्रेक्टर की मदद से घटनास्थल में कीचड़ में फसे ट्रेक्टर को निकाला गया. जबकि मृतक के पिता उग्रसेन साकेत और उनके परिजनों द्वारा बताया गया की पुलिश ने घटना का मुआयना नही किया था और न ही पंचनामा बनाया था तब कैसे ट्रेक्टर निकाल लिया गया. इससे साफ पता चलता है की सबूत मिटाने के प्रयास किये गए थे जिससे ट्रेक्टर को रातोंरात गायब कर दिया जाए जिससे पता न चल पाये की ट्रेक्टर था भी नही. परंतु शायद लोगों को यह पता नही था की पूरा गांव ही घटना देखने को इकठ्ठा था अतः सभी को जानकारी थी की ट्रेक्टर किस जगह पर फसा था. साथ ही इकठ्ठे हुए दर्जनों ग्रामीणों के साथ मृत युवक शांति कुमार साकेत एवं फसे हुए ट्रेक्टर की तस्वीर भी ले ली गई थी अतः इस मामले को दबाया नही जा सकता था.
परिजनों ने लास न जलाने की दी चेतावनी
दिनांक 9 अगस्त की शुबह मृत युवक के माता पिता एवं परिजनों ने बताया की जब तक पुलिश आकर सही तरीके से घटनास्थल का मुआयना पंचनामा नही करती है साथ ही पूरे लोगों के बयान नही लेती है और सही धाराओं में केस दर्ज नही करती है तब तक वह लास को नही जलाएंगे. इस प्रकार इस बात की जानकारी संबंधित गढ़ थाना प्रभारी आशीष मिश्रा के समक्ष तक पहुचायी गई और साथ ही आई जी रीवा जोन जोगा को भी दी गई जिस पर शुबह लगभग साढ़े नौ बजे के आसपास गढ़ थाना प्रभारी आशीष मिश्रा घटनास्थल पर अन्य सिपाहियों के साथ पहुचे.
मृतक युवक के पीड़ित माता पिता के घर पहुच कर गढ़ थाना प्रभारी और साथ ही बीट प्रभारी सत्यभान सिंह द्वारा एक एक करके उपस्थित लोगों के बयान लिए गए जिंसमे मृतक के माता पिता के बयान, अन्य परिजनों के बयान एवं साथ ही मौके पर मृतक को बचाने का प्रयाश करने वालों रामलाल साकेत, बंसपती साकेत, एवं छोग्गी साकेत एवं रामलाल साकेत की पत्नी, दिलीप केवट सहित अन्य के बयान सम्मिलित हैं.
इस पर बाद में गढ़ थाना प्रभारी आशीष मिश्रा एवं बीट प्रभारी सत्यभान सिंह द्वारा बताया गया की यदि लोगों के एक जैसे मिलते जुलते बयान हैं तो सभी के बयान लेने की जरूरी नही हैं.
जांच के दौरान मृतक की माता हुई बेहोश
इस बीच मृतक शांति कुमार साकेत की माता बीच में ही बेहोश हो गई. जिस पर गढ़ थाना प्रभारी को सूचित किया गया और वहां पहुच कर थाना प्रभारी ने मृतक की माता सहित अन्य परिजनों को धैर्य रखने और हिम्मत बांधने की बात कही. बताया की मृतक को वापस तो नही लाया जा सकता है लेकिन पुलिश सत्य की दिशा में हर संभव प्रयाश करेगी और पीड़ित को न्याय दिलवाने का पूरा प्रयाश करेगी. साथ ही पुलिश जाकर घटनास्थल का भी मुआयना करेगी एवं साथ ही पंचनामा भी बनाएगी.
पुलिश पहुची घटनास्थल पर, बनाया पंचनामा
इस बीच पुलिश आरोपी के घर भी पहुची जहां पर आरोपी को पुलिश ने अपनी गाड़ी में बैठाया साथ ही बाद में खेत में घटनास्थल पर भी पहुची जहां पर ट्रेक्टर नही था. ग्रामीणों और बयान देने वालों के माध्यम से बताया गया की ट्रेक्टर दिनांक 8 अगस्त की शाम तक यहीं पर फंसा हुआ था बाद में जिनके खेत में ट्रेक्टर फसा हुआ था उनके द्वारा और साथ ही ट्रेक्टर मालिक द्वारा ट्रेक्टर को रातोंरात ही बाहर निकाल लिया गया. बयान देने वालों ने कहा की इसमे यदि ट्रेक्टर मालिक की कोई गलती नही थी तो ट्रेक्टर को खेत में ही पुलिश जांच तक पड़े रहने देना था उसे रातोंरात गायब करने के पीछे सबूत नष्ट करने का ही प्रयोजन हो सकता था. इस प्रकार गांव में उपस्थित लोगों ने इस घटना को शर्मनाक भी बताया और कहा की घटना तो होतई रहती हैं लेकिन सामाजिक तौर पर घटना होने के बाद ट्रेक्टर मालिकों को पीड़ित से मिलकर उसकी मदद करनी चाहिए थी. उल्टा पीड़ित के विरुद्ध बयानबाजी करने और सबूत मिटाने के पीछे साथ ही पुलिश प्रशासन पर अनायास ही अनैतिक दबाब के पीछे की मन्सा बिल्कुल ही गलत है. इसकी सभी उपस्थित ग्रामीणों ने काफी निंदा की. ज्यादातर का कहना था की पीड़ित उग्रसेन साकेत का शांति कुमार एकमात्र एकलौता पुत्र था लेकिन इस घटना से पीड़ित का परिवार पूरी तरह से टूट बिखर गया है ऐसे में सामाजिक सहयोग के स्थान पर ट्रेक्टर मालिकों द्वारा अनैतिक दबाब बनाया जाना और साथ ही गलत बयानवाजी करना लोगों की गलत मानशिकता को दर्शाता है जिसे कोई भी पढ़ा लिखा समाज बर्दास्त नही कर सकता.
दोपहर बाद हुआ अंतिम संस्कार
मृतक शांति कुमार साकेत का अंतिम संस्कार की तैयारी पुलिश के बयान लेने और मौका मुआयाना करके चले जाने के बाद ही शुरू हो गई. परिजनों और उपस्थित रिश्तेदारों ने लकड़ी कुकुड़ी इकठ्ठा कर दोपहर बाद जाकर मृतक को मुखाग्नि दी. जहां तक प्रश्न मान्यताओं का है उसमे गांव में हिन्दू धर्म के जानकारों ने बताया की दिनांक 8 अगस्त को हिन्दू महीने की एकादसी थी जो बहुत ही पुण्य दिन माना जाता है और मृतक इस संसार के एकादशी को विदा हुआ प्रयाण किया ऐसे में उसकी आत्मा को अच्छी गति मिलेगी ऐसी आत्मा इस मृत्यु लोक में कभी वापिस नही आती ऐसा श्रीमद भगवद गीता का भी कथन है अतः जो होना था हुआ अब माता पिता और परिजनों को धैर्य रखना चाहिए और इस मृत्युलोक की वास्तविकता को समझना चाहिए जो यहां आया है उसे किसी न न किसी कारण बस यहां से प्रयाण करना ही होता है यही इस जगत की सच्चाई है.
संलग्न - घटनास्थल पर मुआयना करने पहुची गढ़ पुलिश और थाना प्रभारी आशीष मिश्रा, साथ ही घटनास्थल की कुछ फ़ोटो...
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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,
ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 9589152587, 7869992139,
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