Thursday, August 30, 2018

16 लाख की लॉगत और मात्र एक माह में हुआ खस्ताहाल (मामला ज़िले के गंगेव जनपद अन्तर्गत आने वाले देवास पशु औषधालय का जिंसमे सरकार के 16 लाख पानी में बहा दिए गए, ठेकेदारों की मनमानी के चलते हुआ घटिया निर्माण, पशु औषधालय एक माह में हुआ क्षतिग्रस्त)

दिनाँक 31 अगस्त 2018, स्थान - गंगेव/देवास, रीवा मप्र 

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

  निर्माण एजेंसियों एवं सिविल कंस्ट्रक्शन के कार्यों में व्याप्त व्यापक भष्ट्राचार का एक और जीता जागता उदाहरण सामने आया है. ज़िले के गंगेव ब्लॉक अन्तर्गत आने वाले देवास पंचायत में इसी 5 जून 2018 को 16 लाख की लॉगत से बनाया गया पशु औसाधालय पशु चिकित्सा विभाग को ठेकेदारों द्वारा हैंडओवर किया गया था. पशु औसधालय में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा बताया गया की बनने के एक माह के भीतर ही इस पशु औषधालय की फर्स और दीवालों में लगाई गई टाइल्स और दूसरे सामग्री टूट गए. बिल्डिंग में दरार आ गईं. टाइल्स उखड़ गई, टूट गईं. साथ ही राखड़ और डस्ट उपयोग किये जाने एवं सही अनुपात न रखे जाने के कारण पूरा का पूरा औषधालय भवन ही क्षतिग्रस्त होने की कगार पर आ गया है. बेबाकशक्ति न्यूज़ ग्रुप में देवास संवाददाता द्वारा जब पशु औषधालय में कार्यरत कर्मचारियों से जानकारी चाही गई तो उनके द्वारा बताया गया की किसी शम्भू मिश्रा नामक ठेकेदार द्वारा कार्य ठेके पर लिया जाकर किसी गुड्डू यादव नामक पेटी कॉन्ट्रेक्टर द्वारा कार्य करवाया गया था जिंसमे गुणवत्ता की भारी अनदेखी की गई है जिससे भवन निर्माण के मात्र एक माह के भीतर ही भवन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. कार्यरत कर्मचारियों द्वारा बताया गया की अब उन्हें इस भवन परिसर में कार्य करने में खतरा महसूस होता है की कहीं यह भवन टूटकर उनके ऊपर न गिर जाए. इस बाबत सभी कर्मचारियों सहित देवास ग्राम पंचायत के ग्रामवासियों ने ठेकेदार और निर्माण एजेंसी के ऊपर दंडात्मक कार्यवाही की माग की है.

संलग्न - कृपया संलग्न तस्वीरों में देखें देवास पंचायत अन्तर्गत बनाये गए पशु औसाधालय की दरार पड़ी बिल्डिंग और उखड़े हुए टाइल्स आदि की फ़ोटो.

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शिवानन्द द्विवेदी, समाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, ज़िला रीवा मप्र

मोबाइल 7869992139, 9589152587

Wednesday, August 29, 2018

बाधित पीएम सड़क बनवाने कलेक्टर को दिया ज्ञापन (मामला ज़िले के सिरमौर तहसील अन्तर्गत आने वाले पनगड़ी पंचायत का जहां पर निर्माणाधीन पीएम सड़क भठवा से पनगड़ी को बनाये जाने में कुछ असमाजिक तत्व वाधा उत्पन्न कर रहे, वाधा दूर करने कलेक्टर और कमिश्नर को ग्रामीणों ने दिया ज्ञापन)

दिनांक 29 अगस्त 2018, स्थान - भठवा/गढ़, रीवा मप्र

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

   ज़िले के गंगेव ब्लॉक अन्तर्गत आने वाले भठवा से पनगड़ी ग्राम पंचायत की निर्माणाधीन पीएम सड़क को कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा अवैध और जबरन तरीके से कब्जाया जा रहा है जिंसमे इन सरहंगों ने सड़क के बीचोंबीच निर्माण करके अवैध कब्जा जमा लिया है और अब सड़क बनाये जाने का विरोध कर रहे हैं. पनगड़ी कला पंचायत के उपसरपंच शिवेंद्रमणि शुक्ला एवं अन्य शिकायतकर्ताओं द्वारा बताया गया की अरुण यादव, शारदा यादव, रामस्वरूप यादव, गोविंद यादव, रामजी यादव, बिहारी यादव के दवारा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर पीएम सड़क बनाने में अवरोध उत्पन्न किया जा रहा है जिससे भठवा, पनगड़ी, पताई, वनपताई, मदरी, बांस, महादेवन आदि क्षेत्रों के नागरिकों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. 

   इस बाबत शिकायतकर्ताओं राहुल तिवारी, अरुण तिवारी, हरीश कुशवाहा, विकास तिवारी, दसरथ कोरी, सुरेश शुक्ला, रामाधार कोरी अनिल तिवारी, जगमोहन, विनोद सोंधिया, कृष्णकुमार, मुकेश, संदीप, तीरथ, रामनरेश, रोहिणी, श्यामलाल, सौरभ, रामकुमार, दिनेश त्रिपाठी, शिवेंद्रमणि शुक्ला ने बताया की दिनांक 29 अगस्त को दर्जनों ग्रामीणों ने कॉलेक्टर एवं कमिश्नर कार्यालय जाकर ज्ञापन सौंपा है और आरोपियों असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्यवाही की माग की है. 

    बताया गया की कार्यवाही न होने पर 7 दिवश बाद भठवा सड़क पर जाम लगाकर आंदोलन किया जाएगा जिसकी जबावदेही मात्र शासन प्रशासन की होगी.

संलग्न - दिनाँक 29 अगस्त को रीवा कलेक्टर एवं कमिश्नर कार्यालय में पहुचे ग्रामीणों की फ़ोटो एवं साथ ही कलेक्टर कमिश्नर को दिए ज्ञापन/शिकायत की छयाप्रति.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, 

ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 9589152587, 7869992139.

Tuesday, August 28, 2018

गंगेव बाजार सड़क की ठेकेदार ने कर दी तेरही, चल रही बरसी की तैयारी, तिथि के बाद सड़क पहुच जाएगी "गया" ( मामला ज़िले से गुजरने वाली मनगवां चाकघाट वाया गंगेव गढ़ हाईवे सड़क का जिसको एमएस कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी ने बरसात के मौसम में खोद डाला, अब हो रही रोज दुर्घटनाएं, शासन प्रशासन विकाश रथ में व्यस्त)

दिनाँक 28 अगस्त 2018, स्थान गढ़/गंगेव रीवा मप्र

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

   ज़िले की मनगवां से चाकघाट से गुजरने वाली गंगेव गढ़ होते हुए हाईवे सड़क की स्थिति दयनीय बन चुकी है. गंगेव बाजार में ठेकेदार और निर्माण एजेंसी एमएस कंस्ट्रक्शन द्वारा सड़क को एक तरफ से खोद दिया गया है जिससे आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. निरंतर इस बात को मीडिया के समक्ष रखे जाने के बाद भी शासन प्रशासन अपनी चिरनिद्रा से नही जाग पा रहा है.

  बंसल ग्रुप कंपनी ने बरसात आते ही खोद डाली हाईवे

   मनगवां से चाकघाट वाली हाईवे सड़क के निर्माण का कार्य दिलीप बिल्डकॉम के बाद कुछ भाग को एमएस कंस्ट्रक्शन को दिया गया है लेकिन कार्य को सही तरीके से सुपरवाइज़ न कर पाने की वजह से बरसात के मौसम में ही गंगेव की सड़क को एक तरफ से खोद दिया गया. अब जब बरसात आ गई तो काम को बन्द कर दिया गया जिससे सड़क के पश्चिम दिशा में एक तरफ सड़क गहरी खायीं में बदल चुकी है. जब कोई वहां सड़क पर चलता है तो मानो एक तरफ ऊंचा टीला रहता है तो दूसरी तरफ खायीं बनी रहती है ऐसे में मात्र एक तरफ से ही वहां निकल सकते हैं. यदि कोई वाहन अथवा बाइकर्स दूसरी तरफ से आ रहा है तो उसे खायीं की तरफ जबरन और मजबूरन घुसना पड़ता है जिससे फिसलन और ऊबड़ खाबड़ होने की वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं. अभी कुछ दिन पहले दुर्घटना के कारण कई पशु भी अपनी जान दे चुके हैं. आम बाइकर्स और वाहनों का फिसलन और एक्सीडेंट तो आम बात है.

जल्दी बनाई जाए गंगेव बाजार की सड़क

   जब इस संदर्भ में आसपास के रहवाशियों से संपर्क किया गया तो विष्णु पटेल द्वारा बताया गया की उनके द्वारा इस मुद्दे को निरंतर उठाया जा रहा है लेकिन इसकी सुनवाई नही हो रही है. गंगेव में दुकान चला रहे बसौली के बबलू सिंह ने बताया की गंगेव से बसौली जाते समय ऐसा लगता है की कब कोई दुर्घटना हो जाए और कब जान पर बन आये. इसी तरह गंगेव जनपद और कृषि विभाग में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि उन्हें रोज ही बैतरणी पार करना पड़ रहा है। सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर सभी ने एक स्वर में बताया की इस सड़क को जल्दी दुरुस्त किया जाय वरना हम सब मिलकर गंगेव बाजार के बीचोंबीच चक्का जाम करेंगे जिसकी जबाबदेही मात्र शासन प्रशासन की होगी. 

    इस बीच खुलासा न्यूज़ लाइव के ज़िला ब्यूरो चीफ आनंद द्विवेदी ने बताया की हम लगभग सप्ताह में दो दिन गंगेव आते हैं और पाते हैं की जिस दिन बारिश हुई होती है उस दिन इस लगभग दो किमी बंसल ग्रुप द्वारा उखाड़ी गई सड़क पर चलना काफी मुश्किल होता है. किसी प्रकार से इससे पार जाने पर ईश्वर को शुक्रिया अदा करते हैं की आज तो जान बचा लिया.

संलग्न -  कृपया संलग्न तस्वीर में देखें गंगेव से होते हुए गढ़ मार्ग की मनगवां के चाकघाट हाईवे सड़क को किस प्रकार से वर्तमान निर्माण एजेंसी ने खोदकर नष्ट कर दिया है.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, ज़िला रीवा मप्र,

मोबाइल 7869992139, 9589152587

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2122633094645561&id=100006966720612

स्वयं के बनाये कीचड़ में फंसा शिवराज का विकाश रथ (मामला ज़िले के विभिन्न ब्लॉकों में मप्र सरकार द्वारा भेजे गए ठेके के विकाश रथ की दुर्दशा का जो की गांव में घुसने के पहले ही कीचड़ से सराबोर सड़कों में फंस रहा, लोगों की गालियां खाकर कार्यकर्ता हो रहे वापस)

दिनाँक 28 अगस्त 2018, स्थान - गढ़/गंगेव, रीवा मप्र

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

   सरकारी पैसे में वर्तमान मप्र सरकार द्वारा ठेके में दिया गया विकाश रथ अपने ही द्वारा समाज में फैलाये गए कीचड़ में फंसता जा रहा है. बात करें मप्र की शिवराज सिंह चौहान की सरकार द्वारा गांव गांव भेजे गए विकाश रथ की तो दिनांक 27 अगस्त को यह ठेके का विकाश रथ मनगवां विधानसभा एवं गंगेव जनपद की लोटनी, हिनौती, बांस एवं कैथा, पडुआ पंचायत में भेजा जाना था लेकिन हिनौती पंचायत से होते हुए जैसे ही करहिया वाया बड़ोखर ग्राम में घुसा तो बड़ोखर ग्राम की शिक्षा गारंटी की स्कूल के आगे सुरसरी सिंह परिहार के घर से बृजराज सिंह के घर के आगे तक लगभग ढाई सौ मीटर की पंचायती सड़क में कीचड़ के बीच बुरी तरह से फंस गया. इस बीच विकाश रथ में उपस्थित कटनी एवं सीहोर के दो कार्यकर्ता जिनको पेमेंट देकर सरकार ने ठेके में हायर किया हुआ था वह पैदल चलते हुए आदमी ढूंढते हुए कैथा श्रीहनुमान मंदिर तक पहुचे जहां पर उपस्थित मीडिया ग्रुप खुलासा लाइव न्यूज़ के आनंद द्विवेदी एवं सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी मौके पर पहुच कर कीचड़ में फंसी हुई विकास रूपी सरकार की गाड़ी को निकालने में मदद किये. यह अपने आप में अजीबोगरीब वाकया ही कहा जाएगा की सरकार के विकाश की कीचड़ में फंसी गाड़ी को आम जनता निकाल रही है. अब सरकार को अपने विकाश रथ को स्वयं निकाल पाने की कूबत नही बची. पर जिस प्रकार की स्थिति अब बनी हुई है इससे साफ जाहिर है अब शायद आम जनता के बलबूते नही बचा की सरकार की फंसी हुई गाड़ी को निकाल पाए.

बड़ोखर ग्राम की सड़क को खा गया सरपंच सचिव

   बड़ोखर ग्राम की सड़क को हिनौती पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर समाप्त कर दिया. आज से पांच वर्ष पहले भूतपूर्व सरपंच श्रीधर द्विवेदी द्वारा बनाई गई इस पंचायती सड़क को वर्तमान सरपंच ने कुछ नही किया. आम जनता की माने तो मुनेंद्र सिंह परिहार, सुरसरी सिंह परिहार, शिवेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, दंगल सिंह, संते सिंह, बृजराज सिंह राजमणि पटेल, छोटेलाल पटेल, बृजबासी पटेल आदि के अनुसार वर्तमान सरपंच ने एक मुट्ठी मोरम तक इस सड़क में नही डाला.

हिनौती पंचायत में जमकर हुआ भष्ट्राचार 

  यदि वास्तव में देखा जाए तो शान्तिधाम से लेकर अन्य ग्रेवल सड़क निर्माण, मनरेगा एवं पंच परमेश्वर के कई कार्यों में वर्तमान सरपंच और सचिव द्वारा खूब जमकर खाया पिया गया है. यहां तक की कैथा पंचायत के मजदूरों संतोष केवट, तेजेस्वरी केवट, रामखेलावन केवट आदि द्वारा हिनौती पंचायत में कार्य तो करवाया गया लेकिन इनका पेमेंट आज तक नही दिया गया. जबकि देखा जाए तो दूसरी पंचायत के श्रमिक मजदूरों द्वारा किसी अन्य पंचायत में कार्य करवाने का प्रावधान तब तक नही है जब तक उस पंचायत में मजदूर उपलब्ध हों. हिनौती पंचायत में ऐसे कई मजदूर हैं जिनकी मजदूरी आज तक नही मिली है.

  मप्र की सड़कें अमेरिका से हैं बेहतर

    बड़ोखर जैसे कई ग्रामों की बातें सामने आईं तो याद आया की एक बार मप्र के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने अमेरिका दौरे में कहा था की मप्र की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं. शायद यह कथन मानवीय इतिहास का अब तक सबसे बड़ा जोक बन चुका है. पर यह सरकारें तो इतनी बेशर्म हो चुकी हैं जिन्हें हंसी का पात्र बनने पर भी कोई शर्म नही.

   ग्रामों की सड़कें तो खैर है नमूना हैं हीं, यहां तो हाईवे सड़कों की हालात देख लें तो शर्म आती है की क्या यही मानवाधिकार है, क्या यही 70 वर्ष का भारतीय लोकतंन्त्र है. क्या यही 70 वर्ष की स्वतंत्रता बाद कि उपलब्धि है. सवाल यह उठता है किस मुँह से यह राजनेता जनता के समक्ष वोट मांगने आते हैं. 


    इस विकाश यात्रा में सम्मिलित ठेके के कार्यकर्ताओं ने बताया की उनकी सबसे अधिक दुर्दशा हो रही है क्योंकि ग्रामों में कहीं भी सड़क अच्छी नही है और जिस ग्राम में वह जाते हैं वहीं उनके जान पर बन आती है.

सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा रिकॉर्ड फेसबुक लाइव वीडियो को एक दिन में 10 हज़ार से अधिक लोगों ने देखा

   जब मप्र सरकार के कीचड़ में फंसे हुए विकाश रथ को निकालने के लिए आम जनता के साथ सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी एवं खुलासा मीडिया न्यूज़ डिस्ट्रिक्ट ब्यूरो आनंद द्विवेदी पंहुचे तो बड़ोखर ग्राम की शिक्षा गारंटी की स्कूल के पास फेसबुक में लाइव वीडियो भी शेयर किया गया था जिसे मात्र 24 घंटे के भीतर ही 10 हज़ार से अधिक लोगों ने देखा है और विभिन्न प्रकार के मजेदार कमेंट किये जा रहे हैं जिसकी लिंक भी यहां पर नीचे दी जा रही है. इस वीडियो में वह सभी बातें सामने आई हैं जो वर्तमान सरकार के हवा हवाई वादों की पोल को स्पष्ट बयां कर रही है.

फेसबुक वीडियो लाइव लिंक- https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2122566207985583&id=100006966720612

संलग्न - कृपया गंगेव जनपद के हिनौती ग्राम पंचायत के बड़ोखर ग्राम में कीचड़ से वापस लौटती विकाश रथ की फ़ोटो साथ ही बड़ोखर ग्राम की खस्ताहाल कीचड़ से सनी हुई सड़क. 

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 9589152587, 7869992139

Monday, August 27, 2018

कीचड़ से भरी सड़क में पैदल चलना मुश्किल (ज़िला रीवा, गंगेव जनपद अन्तर्गत हिनौती पंचायत की बड़ोखर ग्राम की सड़क की तस्वीर संलग्न) मानवाधिकार का हो रहा हनन


प्रति,
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
मप्र राज्य मानवाधिकार आयोग भोपाल,
अरेरा हिल्स, पर्यावास भवन, भोपाल. मप्र
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  महोदय,

    कृपया विषयान्तर्गत मामले पर संज्ञान लेने का कष्ट करें.

       ज़िला रीवा मप्र के जनपद पंचायत गंगेव अन्तर्गत हिनौती ग्राम पंचायत के बड़ोखर नामक ग्राम की बदहाल सड़क की तस्वीर संलग्न है. थोड़े से ही बारिश में लगभग एक किमी लंबाई की इस सड़क पर इतना अधिक कीचड़ भर जाता है की इस पर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है.

    बुजुर्गों, महिलाओं और स्कूली बच्चों के लिए भीषण संकट उत्पन्न हो गया है. यहां पर एम्बुलेंस तो सपनो में भी नही आ सकती क्योंकि पहले इसमे पैदल तक कोई चलकर बताए. हमारा लोकतंन्त्र और वर्तमान मप्र सरकार इसके लिए बंधाई की पात्र है.

     अब मात्र आपसे ही उम्मीद बची हुई है की जितना जल्दी संभव हो कृपया इस ग्राम क्षेत्र और आसपास के लोगों के मानवाधिकार का संरक्षण करने का कष्ट करें. कृपया अपने संज्ञान में लेकर इस सड़क को चलने योग्य बनवाने का कष्ट करें. इसके लिए मप्र सरकार के साथ ज़िला प्रशासन और सीईओ जनपद और ज़िला पंचायत सीधे जिम्मेदार हैं. ऐसे अक्षम, अप्रतिस्पर्धी, और अयोग्य अधिकारियों को इनके पदों पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नही है. इन्हें अपने पद छोड़ देने चाहिए. जनता के टैक्स का पैसा खाकर भी इनके जमीर नही जाग रहे. कोई सुपरवाईज़िंग नही कोई निगरानी नही. आम जनता के शिकायतों का भी कोई असर नही. ऐसे विभागों पर कृपया दंडात्मक कार्यवाही की अनुशंसा करने का भी कष्ट करें.

     कृपया मानवाधिकार के संरक्षण में आगे आएं और आम जनता के सड़क पर चलने के मानवाधिकार को संरक्षित करने का कष्ट करें.

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संलग्न -  कृपया रीवा ज़िले के गंगेव जनपद अन्तर्गत आने वाली हिनौती पंचायत के बड़ोखर ग्राम की बदहाल सड़क की फ़ोटो देखने का कष्ट करें.

  आमजन के मानवाधिकार के संरक्षण के लिए सदैव तत्पर मानवाधिकार कार्यकर्ता,

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,
ग्राम कैथा, पोस्ट अमिलिया, थाना गढ़, ज़िला रीवा, मप्र
मोबाइल 9589152587, 7869992139

शैक्षणिक योग्यता - एमएससी मैथमेटिक्स - आई आई टी मुम्बई,
विदेशी शिक्षा (रिसर्च एवं टी ए) - वर्ष 2006 से 2012 तक जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल.

Sunday, August 26, 2018

कैथा पंचायती पुलिया निर्माण में भष्ट्राचार - लाख की पुलिया निर्माण में सरपंच सचिव सब खा गया (मामला ज़िला रीवा अन्तर्गत गंगेव जनपद का जिंसमे कैथा पंचायत सरपंच संत कुमार ने लाखों की पुलिया निर्माण में किया भष्ट्रचार, कंक्रीट के स्थान पर पंचायत भवन के पत्थर और डस्ट से बन रही बृजबल्लभ पटेल के घर के पास की पुलिया, पाइप भी पुरानी डाली)

दिनांक 27 अगस्त 2018, स्थान - गंगेव/गढ़ रीवा मप्र

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

  गंगेव जनपद में भष्ट्राचार अपने चरम पर चल रहा है. गंगेव जनपद पंचायत अन्तर्गत आने वाली लगभग ज्यादातर पंचायतों में शेयर का खेल चल रहा है. जनपद सीईओ एवं राजेश सोनी नामक बाबू के करामात निरंतर जारी हैं. चाहे कोई भी सीईओ आये गंगेव जनपद में मात्र राजेश सोनी की चल रही है. सोनी बाबू ने पूरी जनपद की ऐसी तैसी करके रखी हुई है जिस पर कलेक्टर कमिश्नर तक की कार्यवाही की हिम्मत नही. अभी पिछले कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत गरीब परिवारों की शादियाँ करवाई गई थी जिंसमे जमकर फर्ज़ीवाड़ा हुआ था जिसकी खबर प्रदेश के काफी समाचार पत्रों में छपी थी. ऐसे फ़र्ज़ी जोड़ों की शादियाँ हुईं जिनके कई बच्चे भी थे.

   कैथा पंचायत में सभी पुलिया निर्माण में हुई लीपापोती

   जनपदों के लगभग सभी पंचायतों में पञ्च परमेश्वर योजनान्तर्गत पुलिया एवं नाली साथ ही पीसीसी सड़क निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है. इस बीच कैथा पंचायत में भी कई पुलिया निर्माण एवं पीसीसी निर्माण का कार्य किया जा रहा है.

    कैथा पंचायत की पुलिया निर्माण में कंक्रीट के स्थान पर पत्थर और डस्ट का प्रयोग हो रहा है. जबकि देखा जाए तो पुलिया निर्माण के लिए 89 हज़ार रुपये के बिल में अच्छी गुणवत्ता के बालू, गिट्टी एवं 55 बोरी सीमेंट की बात आई है. संलग्न रसीद से साफ स्पष्ट है जिस 89 हज़ार रुपये का फ़र्ज़ी बिल बाउचर बनाया हुआ बताया गया है उसमे किसी भी सामग्री का प्रयोग वास्तविक धरातल पर पुलिया निर्माण में नही हो रहा है.

बृजबल्लभ पटेल के घर के पास पुलिया निर्माण में भष्ट्राचार

  बृजबल्लभ पटेल के घर के पास नामक पुलिया निर्माण की राशि एक लाख रुपये सैंक्शन हुई बतायी गई थी जिंसमे किसी राजवीर ट्रेडर्स के द्वारा 89 हज़ार रुपये सामग्री का बिल बाउचर दिनाँक 04/05/2018 को पास किया गया है. पुलिया निर्माण के लिए राशि पंचायतीराज संचालनालय द्वारा पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत दिनांक 02/10/2016 को सैंक्शन हुई. 

   राजवीर ट्रेडर्स द्वारा जारी किये गए बिल बाउचर में इस पुलिया निर्माण हेतु एक हाइवा बालू 24 हज़ार 500 रुपये के हिसाब से, 310 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से 55 बोरी सीमेंट कुल 17 हज़ार पचास रुपये, दो हाइवा 20 एमएम गिट्टी लागत 39 हज़ार रुपये, एवं ह्यूम पाइप 3 नग लागत 9 हज़ार रुपये की बतायी गई है. इस प्रकार कुल मटेरियल की कीमत 89 हज़ार रुपये बताया गया है जिंसमे यदि वास्तविक धरातल पर देखा जाए तो 8 से 10 बोरी तक घटिया क्वालिटी की राखड़ मिली सीमेंट, पुरानी कैथा पंचायत से निकाले हुए पत्थर, और थर्ड ग्रेड की डस्ट मिलाकर मात्र 10 से 15 हज़ार रुपये के खर्च में पुल बनाई जा रही है जिसकी की फ़ोटो भी संलग्न है. इस पुलिया निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी ही नही हो रही बल्कि सीधे सीधे आंखों में धूल झोंक दिया जा रहा है जिसमे सरकार प्रशासन अंधा हो चुका है. या यूं कहें की सीईओ, इंजीनियर और अन्य अधिकारियों को इतना माल मिल चुका है की सुपरवाईज़िंग  एजेंसी अपने आप आंख बन्द कर ली है.

जनपद और ज़िला स्तर से चलाया जा रहा भष्ट्राचार का धंधा

    जिन ग्राम पंचायतों में हो रहे कार्यों में अनियमितता और भष्ट्राचार की शिकायत जनपद और जिला स्तर पर की जा रही है आखिर उसमे कलेक्टर, कमिश्नर और सीईओ कार्यवाही क्यों नही कर रहे है. क्या वजह है? बात बहुत ही स्पष्ट है की चूंकि इसमे भष्ट्राचार की राशि उच्चस्तर तक जा रही है इसलिए पंचायती कार्यों में अनियमितता की शिकायत पर कोई भी उच्चाधिकारी कोई कार्यवाही नही करता. टीएस होने से लेकर कार्य तक सभी का शेयर फिक्स होने से शिकायतो पर मात्र लीपापोती की जाती है. यदि शिकायतें की जाती हैं तो मात्र उनमे फ़र्ज़ी पंचनामा और फ़र्ज़ी प्रतिवेदन बनाकर ऊपर प्रेषित कर दिया जाता है. इसी बात को पुख्ता करते हुए बता दें की सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा वर्ष 2016 के आसपास भोपाल मंत्रालय बल्लभ भवन से लेकर पीएमओ तक दर्जनों पुख्ता शिकायतें पूरे प्रूफ के साथ भेजी गईं थीं लेकिन जब दो साल बाद उनके निराकरण का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ तो आश्चर्य हुआ क्योंकि पीएमओ में भेजी गई शिकायत के निराकरण में जिंसमे की उच्चधिकारियों और प्रतिस्पर्धी सक्षम टीम द्वारा जांच की माग की गई थी उसकी जांच प्रतिवेदन में जनपद स्तर के बाबू द्वारा उपलब्ध करवाये गए जांच प्रतिवेदन को ही आधार बनाकर सीईओ जनपद एवं ज़िला एवं कलेक्टर रीवा तक के हस्ताक्षर तो थे ही साथ ही प्रादेशिक स्तर पर बल्लभ भवन मंत्रालय के अधिकारियों के भी वही प्रतिवेदन थे. अर्थात मामला साफ स्पष्ट था की जिस जांच और हीलाहवाली से थककर आवेदक द्वारा मामला बल्लभ भवन मंत्रालय एवं पीएमओ को इस आशय के साथ भेजा गया था की इसमे कोई सार्थक कार्यवाही होगी और साथ ही जांच स्वतंत्र एवं निष्पक्ष एजेंसी द्वारा करवाई जाकर सही निराकरण होगा उसमे पीएमओ लेवल तक कहीं कुछ नही हुआ. 

   अब प्रश्न यह उठता है की कार्यपालिका में पीएमओ से बड़ा कौन सा विभाग हो सकता है. आवेदक शिकायतकर्ता जब ज़िला स्तर की हीलाहवाली से थकता है तो सीएमओ और पीएमओ को शिकायत भेजता है लेकिन वहां भी उसे गंभीरता से लेने की बजाय मात्र औपचारिकता पूर्वक निचले स्तर पर फॉरवर्ड कर दिया जाता है नतीज़ा वही मिलता है जो पहले मिल रहा था. जांच प्रतिवेदन मात्र बाबू लेवल के कर्मचारी का ही जाएगा जो पहले ही खा पीकर बैठा हुआ है. 

    भगवान मालिक है ऐसे सरकार प्रशासन का और ऐसे लोकतंन्त्र का.

संलग्न - रीवा ज़िले के गंगेेेे जनपद अन्तर्गत वघटितहै पंचायत केेई घााटीया तरीके से निर्माण की जा रही गुणवत्ताविहीन पुलिया की फ़ोटो साथ ही पञ्च परमेश्वर योजनान्तर्गत बनाई जा रही इस पुलिया के विषय में राजवीर ट्रेडर्स नामक दुकान से जारी किये गए फ़र्ज़ी बिल बाउचर की फ़ोटो भ संलग्न भी.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 9589152587, 7869992139

Friday, August 17, 2018

आचार्य दिलीप जी के मुखारविंद से कैथा की पावन भूमि पर प्रवाहित होगी अमृतमयी भगवद कथा (श्रीहनुमान मंदिर कैथा में श्रावण के पवित्र महीने में आयोजित हो रही श्रीमद भगवद कथा)

दिनांक 17 अगस्त 2018, स्थान गढ़/गंगेव रीवा मप्र

(कैथा श्री हनुमान मंदिर से, शिवानन्द द्विवेदी)

  पावन यज्ञस्थली कैथा के अति प्राचीन श्रीहनुमान मंदिर प्राँगण में दिनांक 18 अगस्त से कलश यात्रा के साथ श्रीमद भगवद भक्ति ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ होगा जो अगले आठ दिनों तक चलेगा. दिनांक 25 अगस्त को हवन एवं भण्डारे के साथ सम्पूर्ण कार्यक्रम का विसर्जन होगा.

 आचार्य दिलीप जी के मुखारविंद से प्रवाहित होगी कथा

   कौशाम्बी से संबंध रखने वाले एवं प्रयाग में अपने अमृतमयी कथा का अविरल प्रवाह करने वाले आचार्य श्री दिलीप जी के मुखारविंद से अमृतमयी पापविनाशक मोक्षप्रदायक श्रीमद भगवद कथा का अविरल रसास्वादन रीवा क्षेत्र की भी जनता करेगी. यह कथा निरन्तर 25 अगस्त 2018 तक चलती रहेगी. आचार्य श्री दिलीप जी अब तक सैकड़ों भागवत कथा पर प्रवचन कार्य कर चुके हैं और वर्तमान आधुनिक वक्ताओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. इसके पूर्व भी रीवा जिले में आचार्य जी ने कई स्थानों पर सुंदर प्रवचन कार्य किया है. उनके प्रवचन में आध्यात्मिक गहराइयों के साथ साथ पौराणिक कथानकों का सुंदर सम्पुट रहता है. लोग आचार्य के कथा प्रसंगों को सुनकर भावविभोर हो जाते हैं. कैथा में वर्ष 2014 के आसपास अंगद पटेल के घर में आयोजित भागवत कथा में भी इन्ही के द्वारा प्रवचन कार्य किया गया था. श्रीमद भगवद कथा के दौरान पूजा पाठ और वेदीपूजा आदि में आचार्य शिवशंकर शुक्ला आचार्य श्री दिलीप जी का सहयोग करेंगे. दिनांक 18 अगस्त को शाम 3 बजे से कलश यात्रा का कार्यक्रम रखा गया है एवं दिनांक 19 अगस्त को वेदीपूजा के साथ शुबह बैठकी का कार्यक्रम होगा. कार्यक्रम में परायण का कार्य शिबह 9 बजे से 12 बजे तक होगा एवं प्रवचन का कार्यक्रम शाम ढाई बजे से 6:30 बजे तक होगा.

  भागवत कथा श्रवण से मिटते हैं पाप, मिलता है मोक्ष

   श्रीमद भगवद कथा के निरंतर श्रवणपान से सभी पाप मिटते हैं और जीव जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति पाकर मोक्ष की प्राप्ति करता है. हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जीवात्मा अमर, शाश्वत सनातन, अजर, ईश्वर अंश है. लेकिन अज्ञानतावश यह मोह जाल फसे हुए जन्म मृत्यु के चक्र में फसी रहती है. अपने कर्मो के अनुसार जीव फल प्राप्त करता हुआ कर्म बंधन को नही तोड़ पाता है. जब मॉनव को ज्ञान पाप्त होता है तो वह इस संसार सागर से मुक्ति की दिशा में अग्रसर होता है, अच्छे शुभ और सात्विक कर्म करता है, दान करता है, पुण्य के कार्य करता हुआ ईश्वर को प्राप्त करता है और फिर इस संसार सागर में वापस नही आता है.

    श्रीमद भागवत कथा वास्तव में यही बताता है की किस तरह से व्यक्ति अपने जीवन को धन्य बनाते हुए मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है. 

    श्रीमद भगवद कथा के निरंतर श्रवण पान से सभी पाप नष्ट होते हैं और साथ में व्यक्ति ईश्वर के चिंतन करते हुए प्रभु शरण को प्राप्त करता है. जिस प्रकार से महाराज परीक्षित श्रीमद भगवद कथा के श्रवन पान से मुक्ति को प्राप्त हुए ठीक उसी प्रकार से आज कलयुगी मॉनव भी प्रभु श्रीकृष्ण की शरण में आकर उनका शरणागत होकर मुक्ति को प्राप्त कर सकता है.

संलग्न - संलग्न कथा प्रवाचक आचार्य श्री दिलीप जी की फ़ोटो एवं साथ में श्रीहनुमान मंदिर प्राँगण की फ़ोटो.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 9589152587,7869992139


कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ होगी भागवत कथा (श्रीहनुमान मंदिर कैथा में श्रावण के पवित्र महीने में आयोजित हो रही श्रीमद भगवद कथा)

दिनांक 17 अगस्त 2018, स्थान गढ़/गंगेव रीवा मप्र

(कैथा श्री हनुमान मंदिर से, शिवानन्द द्विवेदी)

  पावन यज्ञस्थली कैथा के अति प्राचीन श्रीहनुमान मंदिर प्राँगण में दिनांक 18 अगस्त से कलश यात्रा के साथ श्रीमद भगवद भक्ति ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ होगा जो अगले आठ दिनों तक चलेगा. दिनांक 25 अगस्त को हवन एवं भण्डारे के साथ सम्पूर्ण कार्यक्रम का विसर्जन होगा.

 आचार्य दिलीप जी के मुखारविंद से प्रवाहित होगी कथा

   कौशाम्बी से संबंध रखने वाले एवं प्रयाग में अपने अमृतमयी कथा का अविरल प्रवाह करने वाले आचार्य श्री दिलीप जी के मुखारविंद से अमृतमयी पापविनाशक मोक्षप्रदायक श्रीमद भगवद कथा का अविरल रसास्वादन रीवा क्षेत्र की भी जनता करेगी. यह कथा निरन्तर 25 अगस्त 2018 तक चलती रहेगी. आचार्य श्री दिलीप जी अब तक सैकड़ों भागवत कथा पर प्रवचन कार्य कर चुके हैं और वर्तमान आधुनिक वक्ताओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. इसके पूर्व भी रीवा जिले में आचार्य जी ने कई स्थानों पर सुंदर प्रवचन कार्य किया है. उनके प्रवचन में आध्यात्मिक गहराइयों के साथ साथ पौराणिक कथानकों का सुंदर सम्पुट रहता है. लोग आचार्य के कथा प्रसंगों को सुनकर भावविभोर हो जाते हैं. कैथा में वर्ष 2014 के आसपास अंगद पटेल के घर में आयोजित भागवत कथा में भी इन्ही के द्वारा प्रवचन कार्य किया गया था. श्रीमद भगवद कथा के दौरान पूजा पाठ और वेदीपूजा आदि में आचार्य शिवशंकर शुक्ला आचार्य श्री दिलीप जी का सहयोग करेंगे. दिनांक 18 अगस्त को शाम 3 बजे से कलश यात्रा का कार्यक्रम रखा गया है एवं दिनांक 19 अगस्त को वेदीपूजा के साथ शुबह बैठकी का कार्यक्रम होगा. कार्यक्रम में परायण का कार्य शिबह 9 बजे से 12 बजे तक होगा एवं प्रवचन का कार्यक्रम शाम ढाई बजे से 6:30 बजे तक होगा.

  भागवत कथा श्रवण से मिटते हैं पाप, मिलता है मोक्ष

   श्रीमद भगवद कथा के निरंतर श्रवणपान से सभी पाप मिटते हैं और जीव जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति पाकर मोक्ष की प्राप्ति करता है. हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जीवात्मा अमर, शाश्वत सनातन, अजर, ईश्वर अंश है. लेकिन अज्ञानतावश यह मोह जाल फसे हुए जन्म मृत्यु के चक्र में फसी रहती है. अपने कर्मो के अनुसार जीव फल प्राप्त करता हुआ कर्म बंधन को नही तोड़ पाता है. जब मॉनव को ज्ञान पाप्त होता है तो वह इस संसार सागर से मुक्ति की दिशा में अग्रसर होता है, अच्छे शुभ और सात्विक कर्म करता है, दान करता है, पुण्य के कार्य करता हुआ ईश्वर को प्राप्त करता है और फिर इस संसार सागर में वापस नही आता है.

    श्रीमद भागवत कथा वास्तव में यही बताता है की किस तरह से व्यक्ति अपने जीवन को धन्य बनाते हुए मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है. 

    श्रीमद भगवद कथा के निरंतर श्रवण पान से सभी पाप नष्ट होते हैं और साथ में व्यक्ति ईश्वर के चिंतन करते हुए प्रभु शरण को प्राप्त करता है. जिस प्रकार से महाराज परीक्षित श्रीमद भगवद कथा के श्रवन पान से मुक्ति को प्राप्त हुए ठीक उसी प्रकार से आज कलयुगी मॉनव भी प्रभु श्रीकृष्ण की शरण में आकर उनका शरणागत होकर मुक्ति को प्राप्त कर सकता है.

संलग्न - संलग्न कथा प्रवाचक आचार्य श्री दिलीप जी की फ़ोटो एवं साथ में श्रीहनुमान मंदिर प्राँगण की फ़ोटो.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 9589152587, 7869992139



Thursday, August 16, 2018

कैथा में भागवत महायज्ञ का होगा साप्ताहिक आयोजन (ज़िले के थाना गढ़ अन्तर्गत कैथा ग्राम के श्रीहनुमान मंदिर में दिनांक 18 से 25 अगस्त तक आयोजित होगी श्रीमद भगवद कथा, हवन एवं भंडारा 25 अगस्त को)

दिनाँक 16 अगस्त 2018, स्थान - गढ़/गंगेव, रीवा मप्र

(कैथा श्रीहनुमान मंदिर प्राँगण से, शिवानन्द द्विवेदी)

  श्रावण का पवित्र महीना और जगह जगह धार्मिक आयोजन. जी हाँ, समय है कैथा की पवित्र पावन भूमि पर आयोजित होने वाले परंपरागत और पचासों वर्षों से आयोजित होने वाले श्रीमद भगवद कथा के कार्यक्रम का.

   श्रीमद भगवद कथा धर्मार्थ समिति भारत के तत्वावधान में आयोजित होने वाले श्रीमद भगवद भक्ति ज्ञान महायज्ञ का आयोजन दिनांक 18 अगस्त को कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ होगा जो दिनांक 25 अगस्त दिन शनिवार तक चलता रहेगा. दिनांक 25 अगस्त को हवन एवं विशाल भंडारा के साथ सम्पूर्ण कार्यक्रम का विसर्जन होगा.

    इस विशेष कार्यक्रम में कथा प्रवाचक का कार्य आचार्य श्री किसन जी के मुखारविंद से किया जाएगा. आचार्य श्री को आचार्य दिलीप जी के नाम से भी जाना जाता है. आचार्य दिलीप जी यूपी इलाहाबाद से तलूक रखते हैं और अब तक सैकड़ों कथा भागवत में प्रवचन का कार्य कर चुके हैं. 

कैथा मन्दिर प्राँगण में हुआ पुताई कार्य

    इस बीच भागवत कथा कार्यक्रम के पूर्व कैथा श्री हनुमान मंदिर प्राँगण के आसपास सफाई कार्य किया जा रहा है साथ ही मंदिर पुताई लिपाई भी की गई. पुताई और साफ सफाई कार्य में सहभागिता निभाने वाले धर्मार्थ समिति भारत के युवा कार्यकर्ता सम्मिलित रहे जिनमे सज्जन केवट, इंद्रलाल साकेत, हेमराज साकेत, शिवभान केवट, कैलाश केवट, राजकुमार केवट, हरिश्चन्द्र केवट, राम गोपाल साकेत, रोहिणी देवी पटेल, संपूर्णानंद द्विवेदी सहित अन्य कार्यकर्ता सम्मिलित हुए.

   इस विशेष कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी कर रहे हैं साथ ही कैथा श्रीहनुमान मंदिर प्राँगण में आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम कलयुग के देवता, पवन पुत्र, अंजनी के लाल श्री बजरंगबली जी के संरक्षण में सम्पन्न होते हैं. विश्व शांति एवं जीव कल्याणार्थ आयोजित होने वाले यह सभी कार्यक्रम सार्वजनिक कार्यक्रम हैं जो आम जनमानस के सहयोग से होते आये हैं जिनमे सभी भक्त श्रद्धालुओं को सादर आमंत्रित किया गया है.

संलग्न- कृपया संलग्न तस्वीरों में देखें धर्मार्थ समिति भारत के युवा कार्यकर्तागण मंदिर की पुताई एवं साफ सफाई कार्य में सहभागिता निभाते हुए.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

प्रचारक, संयोजक एवं प्रवसक्ता श्रीमद भगवद कथा धर्मार्थ समिति भारत,

ज़िला रीवा, मप्र, मोबाइल 9589152587, 7869992139

Tuesday, August 14, 2018

केदारनाथ कॉलेज मऊगंज में कॉलेज प्रबंधन ने छात्र का बीए में एडमिशन रोंका (मामला ज़िले के मऊगंज अन्तर्गत केदारनाथ शासकीय कॉलेज का जिंसमे छात्र अरविंद तिवारी का कैरियर रंजिसन किया जा रहा बर्बाद, फॉर्म फीड न होने से छात्र दाखिले से हुआ वंचित)

दिनाँक 14 अगस्त 2018, स्थान - गढ़/गंगेव, रीवा मप्र

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

ज़िले के मऊगंज अन्तर्गत शासकीय केदारनाथ कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष में दाखिले में धांधली का मामला प्रकाश में आया है।

   वहीं के एक छात्र अरविंद तिवारी द्वारा बताया गया कि उसने बीए प्रथम वर्ष में दाखिले के लिए फॉर्म भरा था लेकिन रंजिसन कुछ लोगों के षड्यंत्र से उसका फॉर्म वहां के प्राचार्य प्रभारी एवं अन्य बाबुओ द्वारा दबा दिया गया जिससे 9 अगस्त की अंतिम एडमिशन लिस्ट में उसका नाम ही नही आ सका। यद्यपि छात्र द्वारा बताया गया है कि उसके मार्क्स 67% थे जो काफी ठीक थे और आर्ट्स में एडमिशन आसानी से मिल जाता लेकिन उसके परिवार से रंजिश रखने वाले कुछ लोगों ने कॉलेज प्रशासन से मिलकर षड्यंत्र किया और उसके फॉर्म भरे जाने के बाद भी उसका कागज़ात दबा दिया गया और 9 अगस्त को अंतिम ऑनलाइन फीडिंग के बाद ही उसका फॉर्म बाहर निकाला जिससे उसका नाम जोड़े जाने में अब दिक्कत आ रही है। यद्यपि छात्र ने जानकारी दी है कि कॉलेज के एडमिशन रजिस्टर में उसकी एंट्री 340 नंबर पर है।

 एडमिशन डिपार्टमेंट ने बताया प्रयास जारी हैं

  जब इस विषय मे छात्र थक हारकर सामाजिक कार्यकर्ता से संपर्क किया तो वहां के एडमिशन विभाग के आलोक कुमार राय से संपर्क कर जानकारी चाही गई तो उनके द्वारा किसी मैडम से बात कराई गई जिनके द्वारा अपने विभाग की गलती स्वीकार की गयी।उन्होंने बताया कि यह सब हमारे ही विभाग के कुछ कर्मचारियों की गलती की वजह से ऐसा हुआ है। कुछ कर्मचारियों का हवाला देते हुए मैडम द्वारा बताया गया कि छात्र अरविंद तिवारी का फॉर्म कहीं दबा दिया गया था और उसे दिनाँक 9 अगस्त को अंतिम डेट के बाद उन्हें सौंपा गया है जिसको भोपाल केंद्र से ही ऑनलाइन डेट पूरी हो जाने के बाद फीड नही किया जा सका अतः उन्होंने निक आईटी सेंटर भोपाल से संपर्क किया है और उनके द्वारा छात्र का फॉर्म ऑनलाइन फीड करने के प्रयास किये जा रहे हैं जिससे छात्र का यह वर्ष बर्बाद न हो।

     इसी प्रकार एक और भी केस का भी उस मैडम द्वारा हवाला दिया गया और बताया गया कि उनके केदारनाथ कॉलेज मऊगंज में कोई कंप्यूटर ऑपरेटर न होने से स्थिति काफी संकटपूर्ण बनी रहती है। किसी ऑपरेटर द्वारा एक अन्य भी छोटी गलती कर दी गई है जिंसमे उसके द्वारा फीस भरते समय 1200 रुपये के स्थान पर 12 हज़ार रुपये भर देने के कारण पूरा कॉलेज और साथ ही वह छात्र भी परेशान है।

छात्र के शिक्षा प्राप्ति के मूलभूत मानवाधिकार का है हनन 

    यद्यपि चाहे जो भी स्थिति हो परंतु जिन कारणों से छात्र अरविंद तिवारी का बीए प्रथम वर्ष में एडमिशन नही हो पा रहा है और उसका फॉर्म ऑनलाइन नही फीड हो पाया है उसके लिए केदारनाथ कॉलेज प्रबंधन मऊगंज सीधे जिम्मेदार है और हर हाल में कॉलेज प्रबंधन को अपनी गलती सुधारकर उस छात्र को एडमिशन दिया जाना चाहिए जिससे इसके कैरियर को बचाया जा सके साथ ही अरविंद तिवारी का यह वर्ष भी जाया न हो। 

    निश्चित ही यह मानवाधिकार हनन की समस्या है जिसके लिए कॉलेज प्रबंधन सीधे कटघरे पर खड़ा होगा।

संलग्न - संलग्न तस्वीर में देखें छात्र अरविंद तिवारी की फ़ोटो एवं उसके एडमिशन सम्बन्धी अन्य कागज़ात।

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शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, ज़िला रीवा मप्र, मोब 9589152587, 7869992139

15 अगस्त, पर पीएम फसल बीमा टाँय टाँय फिस्स (मामला ज़िले में होने वाली खरीफ वर्ष 2018 की फसल बीमा योजना का जिंसमे डेडलाइन आने पर भी नही हुए अऋणी किसानों की फसल बीमा, अब तक मात्र 5 प्रतिशत भी अऋणी किसानों की नही हुई बीमा )

दिनांक 14 अगस्त 2018, स्थान - गंगेव/गढ़, रीवा मप्र

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

फसल बीमा क्या होती है अऋणी किसानों को कोई इसकी जानकारी नही. स्थिति इतनी नाजुक है की 15 अगस्त की डेडलाइन आ गई लेकिन अब तक ज़िले के लाखों अऋणी किसानों की फसल बीमा नही हुई. सहकारी समितियों से पूंछो तो उनके पास फॉर्म नही और ग्राम सेवकों का कोई रता पता नही. 

  खरीफ 2018 की स्थिति अकाल जैसे 

    वास्तव में देखा जाए तो खरीफ 2018 की स्थिति विशेषकर रीवा ज़िले में अभी भी दुर्भाग्यपूर्ण बनी हुई है. यहाँ औसत से काफी कम वर्षा हुई है, और अब तक बोवनी भी अधिकतम मात्र 30 से 35 प्रतिशत तक हो पायी है. जहां तक सवाल लेव और रोपा का है वह न के बराबर है क्योंकि सिरमौर, मनगवां, त्योंथर आदि तहसीलों में वारिश की स्थिति ठीक नही है ऐसे में लेव रोपा कैसे लगेगी. कुछ हद तक झुरिया खेती हुई है जिसके लिए भी पानी की दरकार है. बारिश कम होने से झुरिया की खेती भी नष्ट होने के कगार पर है. 

  त्रुटिपूर्ण होने के वावजूद भी फसल बीमा से मिलेगी काफी राहत

   अब जबकि सम्भाग में बारिश की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है ऐसे में ऋणी और अऋणी दोनो किसानों के लिए फसल बीमा से काफी राहत मिल सकती है. यद्यपि वर्तमान फसल बीमा त्रुटियों से परिपूर्ण है जिंसमे अच्छा खासा प्रीमियम जमा करने के बाद भी किसान के हाँथ कुछ विशेष नही लगने वाला परंतु फिर भी गई गुजरी स्थिति में भी किसान को उसकी बोवाई बीज और खाद का पैसा तो निकल ही आता है ऐसे में कहा जा सकता है की डूबते को तिनके का सहारा.

 गंगेव ब्लॉक में कृषि विभाग सोया चिरनिद्रा

   यदि लोकल लेवल की बात करें तो गंगेव कृषि विभाग में लगभग 40 आरएईओ होने के बाद भी ग्रामों की खबर लेने वाला कोई नही. कुछ ग्रामों के बीच किसान मित्र भी बनाये गए हैं लेकिन उनकी भी रुचि कोई विशेष नही है, मात्र मानदेय उठा रहे हैं. 

    गंगेव कृषक कल्याण एवं कृषि विभाग में पदस्थ एसएडीओ वीरेंद्र सिंह चौहान से बात की गई तो बताया की हमारे यहाँ आरएईओ कार्य नही करते तो हम क्या करें. चौहान ने बताया की मैं भी आरएईओ ही हूँ और एसएडीओ के प्रभार में हूँ इसलिए सभी आरएईओ हमारी बातें नही सुनते हैं. इससे साफ जाहिर है की वर्तमान प्रभारी एसएडीओ को हटाकर सक्षम फुल चार्ज वाला एसएडीओ आना चाहिए तभी कोई जिम्मेदारी तय हो सकती है

गंगेव कृषि विभाग अक्षम कर्मचारियों के हवाले

    गंगेव कृषि विभाग अक्षम कर्मचारियों के हवाले है. पूरे ब्लॉक में कोई भी कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नही रहता. मात्र गुरुवार को ही आरएईओ की बैठकें होती हैं जिंसमे मात्र कुछ ग्राम सेवक आते हैं. ऐसा लगता है की इन्हें मॉनिटर करने वाला कोई नही. ग्रामीण किसानों द्वारा जब भी कभी खाद बीज के लिए जाया जाता है तो उन्हें वह भी नही दिया जाता बल्कि उन्हें बोला जाता है की जाकर अपने अपने आरएईओ से मिलो. जबकि ग्राम सेवकों का कोई पता नही रहता. गंगेव कृषि विभाग में मात्र बसंत गौतम बैठते हैं साथ ही प्रिंस द्विवेदी नामक एक लड़का जो की चपरासी के पद पर है.

सूखा की स्थिति में अऋणी किसानों का क्या होगा

   अब प्रश्न यह है की इस वर्ष खरीफ 2018 में सूखा लगभग तय है और ऐसे में उन किसानों का क्या होगा जिनका फसल बीमा ही नही हो पाया है. जिन किसानों ने किसी प्रकार से सहकारी समितियों और बैंकों से कर्ज़ अथवा खाद बीज लिया है उनके लिए तो बीमा मानो हो गई लेकिन जिन्होंने किसी प्रकार से कोई कर्ज़ नही लिया अब उनका क्या होगा? ऐसे किसानों का फसल बीमा कैसे होगा क्योंकि 15 अगस्त की बतायी गई डेडलाइन भी बीत चुकी है. 

इन किसानों ने जाहिर की नाराजगी

    गंगेव कृषि विभाग अन्तर्गत आने वाले कैथा, हिनौती, कठमना, लोटनी, मदरी, बांस, इटहा, अकलसी, सोरहवा, मिसिरा, पडुआ, सेदहा, बड़ोखर, अमवा, अमिलिया, अगडाल, आदि ग्रामों के सैकड़ों अऋणी किसानों ने सहकारिता एवं कृषि विभाग के कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़ा किया है और बताया है की उन्हें न तो सहकारी समितियों के माध्यम से और न ही कृषि विभाग के माध्यम से ही फसल बीमा की कोई जानकारी मिली है. सत्यभान पटेल, रामखेलावन द्विवेदी, रामनरेश, जगदीश, संतोष, पिंटू, रामाधार, सिवाधार, गिरीश, सहित सैकड़ों किसानों ने बताया की हमे आजतक फसल बीमा की कोई जानकारी नही मिली है. यदि किसी कागज़ात में हस्ताक्षर करवाने पड़ते हैं तो हमे सीधा पिसान लेकर ग्राम सेवकों और पटवारियों को हूंढने पड़ते हैं. न तो ग्राम सेवक का कोई रता पता है और न ही पटवारी का.

संलग्न - संलग्न तस्वीर में हिनौती आरएईओ के उपस्थित ग्रामीण कृषकजन जिन्हें कभी भी कृषि फसल बीमा की कोई जानकारी ग्राम सेवकों अथवा पटवारियों द्वारा नही बतायी गई.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

ज़िला रीवा मप्र मोबाइल 9589152587, 7869992139

Saturday, August 11, 2018

सहकारी बैंक लालगांव में तेंदूपत्ता बोनस राशि का किया फ़र्ज़ी आहरण (मामला ज़िले के लालगांव सहकारी बैंक का जिंसमे पीड़ित मनफेर कोल के खाते से फ़र्ज़ी तरीके से राशि आहरित कर ली गई, बैंक मैनेजर कार्यवाही करने कर रहा आनाकानी)

दिनांक 11 अगस्त 2018, स्थान - लालगांव, रीवा मप्र 

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

  ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा लालगांव में राशि आहरण का एक फर्जीवाड़ा सामने आया है जिंसमे हितग्राही के बैंक एकाउंट से किसी अन्य व्यक्ति ने अंगूठा/हस्ताक्षर करके पैसा निकाल लिया. अंगूठा/हस्ताक्षर भी हितग्राही के नाम का न होकर निकालने वाले व्यक्ति के नाम का है ऐसा पीड़ित का आरोप है.

   मनफेर कोल के खाते से फ़र्ज़ी तरीके से निकाली गई राशि

   ज़िले के थाना गढ़ अन्तर्गत ग्राम पंचायत सरई कला के ग्राम सरई उन्मूलन के पुस्तैनी निवासी मनफेर कोल पिता छोटा कोल उम्र लगभग 42 वर्ष ने बताया की उसने केंद्रीय ज़िला सहकारी बैंक शाखा लालगांव में अपना बैंक एकाउंट नंबर 184000188395 खोलवाया था जिंसमे उसके तेंदूपत्ता की बोनस राशि वर्ष 2016-17 की आई थी जो उसके खाते में पड़ी थी. उसने फड़ मुंसी से पूंछतांछ किया तो पता चला की जाकर अपना बैंक खाता देखो. जब पीड़ित मनफेर कोल सहकारी बैंक लालगांव गया तो पता चला की उसकी राशि 3 हज़ार 700 रुपये पहले ही निकाल लिए गए हैं. जब उसने बैंक कर्मियों से जानकारी चाही तो उसे जानकारी देने से मना कर दिया गया. बैंक मैनेजर साकेत से भी जानकारी चाही गई तो उसने भी जानकारी देने से मना कर दिया. तब जाकर पीड़ित ने वहां पर हंगामा करना शुरू किया तो कंप्यूटर ऑपरेटर शुक्ला द्वारा बड़े मुश्किल से जानकारी दी गई जिंसमे राशि रुपये 3 हज़ार 700 रुपये का भरा हुआ बाउचर दिखाया गया जो किसी रामनिवास तिवारी के समक्ष निकाला हुआ और साइन किया हुआ था. सबसे बड़े ताज्जुब की बात तो यह थी की रामनिवास तिवारी द्वारा यह राशि मनफेर कोल के फ़र्ज़ी अंगूठे लगाकर और स्वयं ही पहचानकर्ता के रूप में उपस्थित होकर निकाली गई है, ऐसा आरोप मनफेर कोल द्वारा लगाया गया है. यदि वास्तव में ऐसा है तो यह कैसे संभव हुआ? क्योंकि जब भी कभी पैसे की निकासी की गई होती है तो अंगूठे निसानी लगाने वाले व्यक्ति के समक्ष एक पहचानकर्ता की जरूरत होती है. और यहां पर जब मनफेर कोल ने पैसा निकालने वास्ते बाउचर ही नही भरा तो रामनिवास तिवारी ने किसके अंगूठे लगवाकर बैंक कर्मचारियों के समक्ष ऐसा फर्जीवाड़ा किया है? निश्चित रूप से जिस प्रकार का मामला सामने आया है और जैसे आरोप पीड़ित मनफेर कोल ने लगाए हैं इसकी सख्त जांच कर दोषियों के ऊपर कार्यवाही की जानी चाहिए. वैसे सहकारी बैंकों में फर्ज़ीवाड़े कोई नई बात नही हैं. यहां तो लगभग रोज ही कुछ न कुछ मामले सामने आते रहते हैं. शायद डभौरा सहकारी बैंक घोटाला अभी ज्यादा पुराना नही हुआ है जिमसें करोड़ों के राशि की हेराफेरी की गई है. डभौरा केस में अब तक इतनी जांचे हुई हैं लेकिन सीआईडी तक इस मामले में सच्चाई उगलवाने में नाकाम रही है.

संलग्न - मनफेर कोल की अपने बैंक खाते की जानकारी के साथ फ़ोटो. फ़र्ज़ी तरीके से बताए गए निकासी के बाउचर की फ़ोटो एवं अन्य दस्तावेज संलग्न.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

रीवा मप्र, मोब 9589152587, 7869992139,