Sunday, April 15, 2018

चलिए नही बेधड़क, क्योंकि मैं हूँ बांस से हिरुडीह पी डब्लू डी सड़क (मामला गंगेव जनपद अंतर्गत आने वाली बांस से हिरुडीह वाया पुरवा 4 दशक पुरानी पी डब्लू डी सड़क का जिसमे मोरम तक नही पड़ी)

दिनांक 15 अप्रैल 2018, स्थान - गंगेव, रीवा मप्र

(कैथा, रीवा मप्र, शिवानन्द द्विवेदी)

     आज स्वतंत्रता के 70 वर्ष बाद भी भारत के ग्राम के नागरिकों का जीवन स्तर सुधरने का नाम नही ले रहा है और इसके पीछे मुख्य कारण हैं उन्हें मूलभूत मानवाधिकारों का उपलब्ध न हो पाना और मानवाधिकारों से आम जन मानस को वंचित किया जाना।

    बिजली, पानी, सड़क, आवास, स्वास्थ्य एवं अच्छी शिक्षा किसी भी लोकतांत्रिक सरकार द्वारा उसके सभी नागरिकों को उपलब्ध करवाना उस देश की सरकार के संवैधानिक कर्तव्य होते हैं परंतु भारत में व्यापक भष्ट्रचार और प्रशासनिक उदासीनता के चलते आज आम जनमानस इन मूलभूत मानवाधिकारों से वंचित हैं. यद्यपि कुछ ग्रामों को जोड़ने के लिए पीएम सड़क के प्रावधान चल रहे हैं जिसमे ग्रामों के मुख्य मार्ग को जोड़ने का काम तो किया जा रहा है परन्तु समय के हिसाब से नाकाफी है।

  4 दशक पुरानी बांस से हिरुडीह वाया पुरवा पी डब्लू डी सड़क आज भी बनी है कच्ची, नही है कोई सुध लेने वाला, आम जनता हैरान परेशान

    मानवाधिकार के संरक्षण के लिए कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा अभी पिछले दिनों सामाजिक समस्याओं और प्रशासनिक कार्यों का भौतिक सत्यापन करने और अवलोकन करने के उद्देश्य से बांस से हिरुडीह एवं पुरवा की तरफ रुख किया गया जिसमे आम जन से संपर्क स्थापित किया गया तो ग्राम पुरवा निवासी दिव्यांग रामायण सिंह, निरंजन सिंह, किसान अरुण सिंह एवं देवेंद्र प्रताप सिंह, अधिवक्ता बसंत प्रताप सिंह, छात्र आदित्य सिंह सहित कुछ माताओं बहनों के द्वारा जो जानकारी प्राप्त हुई वह भारतीय लोकतंत्र के बहुत पीछे होने या यूं कहें कि एक तरह से नाकाम होने की ही दास्तान बयां करती है. 

      पुरवा निवासी दिव्यांग रामायण सिंह के द्वारा बताया गया की उनकी यह सड़क वर्ष 1981 में पी डब्लू डी के द्वारा बनाई गई थी जिसमे थोड़ा सा मोरम का काम किया गया था लेकिन तब से इस सड़क मार्ग में न कोई मिट्टी और न ही मोरम का काम किया गया है. रामायण सिंह ने बताया की आज यदि थोड़ी भी बारिस हो जाए तो इस सड़क में स्थित गड्ढों में पानी भर जाता है जिससे आम जन को निकलना बड़ा ही मुश्किल पड़ जाता है. यदि किसी को इमरजेंसी मेडिकल फैसिलिटी की आवश्यकता पड़ जाए अथवा कोई महिला का डिलीवरी का केस आ जाए तो उसे खाट पर उठाकर ले जाना पड़ता है. पुरवा निवासी किसान निरंजन सिंह और अरुण प्रताप सिंह द्वारा बताया गया की आज 4 दशक के आसपास हो रहा है तो कैसे सम्भव है की पी डब्लू डी सड़क की यह स्थिति  बनी हुई है? क्या पी डब्लू डी सड़क के लिए इतने दशकों में कोई बजट नही आया होगा? वहीं छात्र आदित्य प्रताप सिंह द्वारा बताया गया की बरसात के मौसम में हमे स्कूल जाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. सड़क में 100 मीटर आगे इशारा करते हुए बताया की सड़क में अब मोरम भी नही है अतः कीचड़ होने से साईकल से लेकर सभी वाहन फस जाते हैं जिससे बरसात में पैदल तक चलना मुश्किल होता है.

    बांस से हिरुडीह वाया पुरवा सड़क को पीएम सड़क बनाये जाने की माग 

   ग्राम बांस, पुरवा और हिरुडीह की महिलाओं ने जानकारी दी की उन्हें विशेष तौर पर भारी तकलीफों का सामना करना पड़ता है अतः सभी चाहते हैं की आज जैसे सभी प्रधानमंत्री सड़कें बनाई जा रही हैं उसी प्रकार इसे भी पीएम सड़क कर दिया जाए जिससे इसका जल्द ही निर्माण हो जाए. सभी ने कहा की पी डब्लू डी की सड़कों में व्यापक अनियमितता होने के कारण ही उनकी यह सड़क आज 4 दशक बाद भी नही बन पायी है. 

   नईगढ़ी माइक्रो इरीगेशन नहर परियोजना का कार्य भी प्रगति पर 

    दौरे के दौरान पाया गया शासकीय माध्यमिक शाला बांस के आगे और पुरवा ग्राम के बीच में नहर का कार्य भी प्रगति पर है जिसमे खुदाई का काम प्रारम्भ किया गया है. जानकारी बाणसागर नहर मंडल संभाग रीवा के अधीक्षण यंत्री श्री शर्मा से जानकारी प्राप्त हुई की यह नहर आसपास के के पटवारी हल्कों जिसमे मनगवां का इटहा, सिरमौर का हिनौती और त्योंथर का जमुई एवं कटरा हल्का आदि सामिल है वर्ष 2020 तक नहर से जोड़ दिया जाएगा. पानी की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण उद्वहन और दबाब पद्धति से पानी की सप्लाई किये जाने का प्रावधान है जिसमे माइक्रो इरीगेशन तकनीक द्वारा जमीन के अंदर से पाइप डालकर गांव गांव में पानी सप्लाई किये जाने का प्रावधान है. यह प्रयाश भी सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पिछले वर्षों किया गया था जिसमे मानवाधिकार आयोग मप्र भोपाल के संज्ञान के चलते आज कार्य में तेजी आई है और किसान खुशहाल होगा. 

संलग्न - बांस के हिरुडीह वाया पुरवा पी डब्लू डी सड़क की स्थिति एवं इसकी दुर्दशा दिखाते ग्राम के नागरिकगण. मामला गंगेव ब्लॉक, रीवा मप्र का.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र,

मोबाइल - 7869992139, 9589152587

1 comment:

ADITYA SINGH said...

$250 million loan took from ADB(Asian development bank) by central government of India to made pmgsy road in four state including m.p. so I hope central use this money and connect many villages to road.