दिनाँक 21 अप्रैल 2018, स्थान - कटरा डीसी रीवा मप्र
(कैथा, रीवा मप्र - शिवानन्द द्विवेदी)
ज़िले के विद्युत वितरण केंद्रों में जले हुए ट्रांसफार्मर को बदल कर नए ट्रासंफार्मर लगाए जाने के नाम पर दलाली का दौर जारी है. पुख्ता जानकारी के अनुसार कटरा विद्युत वितरण केंद्र में आज से 6 माह पूर्व अमिलिया ग्राम के दोनो ट्रांसफार्मर जल गए थे. कारण था - कभी भी लाइन मेंटेनेंस का काम का न होना. हाई टेंशन लाइन में फाल्ट और साथ ही एल टी लाइन में भी लगातार लगने वाले फाल्ट की वजह से आज आये दिन नए नए ट्रांसफार्मर जल जाया करते हैं और बिजली विभाग की नजरअंदाजी और उपेक्षा की वजह से करोड़ों की चपत सरकारी ख़ज़ाने में लग रही है. आखिर रोज़ इतने ट्रांसफार्मर क्यों जल रहे हैं इसके पीछे क्या कारण हैं? ट्रांसफार्मर बदलने में फिर देरी क्यों हो रही है? क्यों आम जनता को अनायास ही परेशान किया जा रहा है जबकि देखा जाए तो औसत और मनमुताबिक बिलिंग का काम लगातार जारी है उसमे कोई सुधार नही हो रहा है. इन सब बातों को लेकर बिजली कंपनी पहले से ही कठघरे में खड़ी है.
राजीव गांधी योजना का ट्रासंफार्मर लगाने के बाद भी नही किया चालू
वहीं अमिलिया तालाब के पूर्व एवं उत्तर के कोने में मंदिर के पास गरीबों और बीपीएल हितग्राहियों के लिए एक योजना विशेष के अंतर्गत लगाया गया राजीव गांधी विद्युतीकरण मिशन का ट्रांसफार्मर ठेकेदार ने चालू ही नही किया. बताया गया की ठेकेदार सामग्री और चिमनी का तेल आदि लेकर ही भाग गया. ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन और थाने में भी रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन कोई सुनवाई नही हुई.
अमिलिया के उपभोक्ताओं में वैद्यनाथ पटेल ने बताया की मिशन अंतर्गत लगाया गया ट्रासंफार्मर यदि चालू हो जाता तो गांव के बिजली का काफी हद तक लोड भी नियंत्रित हो जाता जिससे रोज रोज़ ट्रांसफार्मर जलने का टंटा भी टूट जाता. कौसल पटेल द्वारा बताया गया की यद्यपि राजीव गांधी विद्युतीकरण मिशन योजना का ट्रांसफार्मर आज से कई माह पूर्व लगाया गया है और आज तक लाइन सप्लाई नही दी गई है फिर भी मनमुताबिक और औसत बिलिंग भेजी जा रही है. गरीबों को 5 सौ से ऊपर के बिजली बिल भेजे जा रहे हैं जबकि न तो कोई मीटर रीडिंग लेने आता और न ही यह पता करने की कहाँ बिजली चालू है और कहां बन्द. शैलेन्द्र पटेल द्वारा बताया गया की बिजली कंपनी पूरी तरह दलाली और शोषण पर आमादा है. सभी ने के स्वर में बताया की मुख्यमंत्री गरीबों और किसानों के लिए बड़ी बड़ी योजनाओं की बातें कर रहे हैं पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सभी ने राजीव गांधी विद्युतीकरण मिशन अंतर्गत लगाए गए ट्रांसफार्मर को चालू किये जाने की भी बात कही है और बताया है की यदि उनकी बिजली समस्याओं का समाधान समय पर नही हुआ तो सभी ग्रामीण आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदार यह शासन प्रशासन होगा.
6 माह पहले जला ट्रांसफार्मर, नया लगाने के लिए दिया गया 14 हज़ार रुपये का घूस
त्योंथर डी ई एवं कटरा विद्युत वितरण केंद्र अंतर्गत आने वाले अमिलिया ग्राम के दोनो ट्रांसफार्मर आज से 6 माह पहले जल गए थे. किसानों ने जब गुहार लगाई तो बताया गया की आपके गांव के ट्रांसफार्मर इसलिए नही लगाए जा रहे क्योंकि आपके बिजली बिल बकाया हैं. परंतु गांव वालों ने जल्दी ही बकाया का 40 प्रतिशत से अधिक की बिजली बिल जमा कर दिया और त्योंथर डी ई और कटरा जे ई को नया ट्रांसफार्मर लगाने की गुहार लगाई. तब फिर गांव वालों को बताया गया की 14 हज़ार लाइये तो नया ट्रांसफार्मर लगेगा, इस प्रकार सभी उपभोक्ताओं ने चंदा करके 14 हज़ार इकठ्ठा किया और जब इंजीनियर को दिया तब जाकर एक ट्रांसफार्मर लगा.
दूसरे ट्रांसफार्मर के लिए अभी भी माग रहे अतिरिक्त 5 हज़ार रुपये
ग्राम अमिलिया के ही नियमित बिजली उपभोक्ता और कृषि कार्य हेतु मोटर पंप का कनेक्शन लिए हुए हितग्राहियों में वैद्यनाथ पटेल पिता राम स्वयंबर पटेल अमिलिया
आई वी आर एस नंबर -5347051658220, कौसल पटेल पिता राजधर पटेल अमिलिया, रामराज पटेल पिता राम पियारे पटेल अमिलिया, शैलेंद्र पटेल पिता राजेश पटेल अमिलिया, बृजनंदन पटेल पिता अम्बिका पटेल अमिलिया, लल्लू पटेल पिता रामसखा पटेल अमिलिया आदि उपभोक्ताओं ने बताया की उन्होंने 6 माह पहले जले ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए काफी प्रयाश किये लेकिन बताया गया की अलग से पैसे लगेंगे तभी ट्रांसफार्मर लग पायेगा. अभी बताया गया की जे ई और डी ई ने जमुई सरपंच राहुल पटेल की उपस्थिति में 5 हज़ार अतिरिक्त की माग की है तभी ट्रांसफार्मर लगेगा. इस बाबत सभी ग्रामवशियों ने इकठ्ठा होकर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के समक्ष अपनी पीड़ा व्यथा बताई और अमिलिया हायर सेकेंडरी स्कूल परिषर में ट्रांसफार्मर के पास अपना वक्तव्य और साक्षात्कार भी दिया है. जिसमे सभी ने 14 हज़ार और 5 हज़ार दलाली के तौर पर लिए जाने वाले राशि को एकमत से स्वीकारा है और साथ ही अपने ट्रांसफार्मर को लगाए जाने की माग की है. लोगों ने बताया कि उनके घूस में लिए गए पैसे की वापसी होनी चाहिए साथ ही बिजली न उपयोग किये जाने के कारण 6 माह से लगातार दिया जा रहा अवैधानिक बिल भी काटा जाना चाहिए।
आज इस सूखा अकाल में किसान पहले से ही मारा गया है और ऐसे में यदि सरकारी विभागों द्वारा इस प्रकार उन्हें टार्चर और शोषण किया जाएगा तो किसान का त्रस्त होकर और अधिक मरना और अतमहत्या करना तय है और तब सरकारें इस बात को गंभीरता से नही देखेंगी आखिर क्या वजहें थीं की किसान आत्महत्या कर रहे हैं. अब प्रश्न यह उठता है की ग्रामीण इलाकों में सरकारी नियमानुसार पूरे गांव के बकाया का 20 प्रतिशत और उपोभोक्ताओं की संख्या का 50 प्रतिशत में से दोनो में से कोई भी कंडीशन की पूर्ति होने पर आज तत्काल 24 घंटे में नया ट्रांसफार्मर लगाए जाने का प्रावधान है तो जब सभी कंडीशन पूर्ण हो रही हैं तो आखिर यह बिजली कंपनी क्यों मनमानी करने में तुला है ? आखिर बिजली कंपनी को सरकार के फरमान के अनुरूप काम करने में क्या आपत्ति है? आखिर किसान और परेशान जनता बिजली कंपनी के अधिकारियों को क्यों अलग के घोंस दें? जो बिजली अधिकारी यह घूंस की मांग कर रहे हैं और पूरा गांव इस बात को एक स्वर में बोल रहा है तो इनके ऊपर लोकायुक्त और ई ओ डब्लू द्वारा प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही क्यों न की जाए?
-----------------------------
जब इस विषय मे जिम्मेदारों से बात की गयी तो उनका यह कहना था
1) "कटरा डीसी में कुछ ट्रांसफॉर्मर जले थे जिनमें एक को बदल दिया गया है। हमारी त्योंथर डी ई से बात हुई है। ट्रांसफार्मर एक दो दिन में आ जाएंगे तो जल्दी ही बदल दिए जाएंगे। 14 हज़ार लेकर ट्रांसफॉर्मर बदले जाने की जानकारी हमे नही है। राजीव गांधी विद्युतीकरण मिशन योजना अन्तर्गत ट्रांसफार्मर के विषय मे जानकारी हमे नही थी। पर आपने बताया है तो हम बजाज कंपनी का काम देखने वाले एरिया इंजीनियर अनिल द्विवेदी से कहकर जल्द ही सुधार कार्य करवा देंगे।" - अभिषेक सोनी, कनिष्ठ यंत्री पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण केंद्र कटरा, रीवा मप्र।
----------------------------
2) "अभी तक यह बात हमारे संज्ञान में नही थी कि अमिलिया ग्राम का ट्रांसफॉर्मर जला हुआ है। लेकिन आपने बताया है तो हम जे ई कटरा से जायज़ा लेकर जल्द ही बदलवाने का प्रयास करेंगे। हम इसको जल्द ही दिखवाते हैं।" - त्योंथर डी ई श्री पटेल
------------------------
संलग्न - ज़िले के कटरा डीसी और त्योंथर डी ई अंतर्गत आने वाले अमिलिया ग्राम के त्रस्त और परेशान किसान और उनके परिवार जो की 6 माह से जले पड़े ट्रांसफार्मर के पास खड़े हुए हैं और साथ ही पास स्थित एक वृहद तालाब और उसके पास अमिलिया हायर सेकेंडरी स्कूल.
-----------------
- शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र
मोबाइल - 7869992139, 9589152587
No comments:
Post a Comment