दिनांक 23 अप्रैल 2018, गढ़/गंगेव रीवा मप्र
(कैथा, रीवा मप्र - शिवानन्द द्विवेदी)
ज़िले के मऊगंज प्रधानमंत्री सड़क विभाग अंतर्गत आने वाले गंगेव ब्लॉक की स्टेट क्वालिटी मॉनिटर एवं नेशनल क्वालिटी मॉनिटर के द्वारा समय समय पर जांच होती रहती हैं लेकिन यह जांचें ज्यादातर कागजों पर ही होती हैं. इनका वास्तविकता से कोई लेना देना नही होता. क्योंकि यदि वास्तविकता से कोई लेना देना होता तो इस योजना के अंतर्गत बनाई जाने वाली सड़कों की गुणवत्ता में कोई तो परिवर्तन दिखता. यहां तो जांच में सब कुछ पहले से ही ठीक बताया जा रहा है. अर्थात मैच फिक्स्ड है, बॉलिंग करते रहने से कोई लाभ नही है. बैट्समैन नॉटआउट ही रहेगा और ओवर पूरे होने के पहले ही ठेकेदारों द्वारा पीएमजीएसवाई का मैच जीत लिया जाएगा.
तीन जगहों पर सड़क खोदा और हो गया काम पूरा
भोपाल से आये एस क्यू एम आर पी शर्मा ने अगडाल से कैथा पीएम सड़क को तीन स्थानों पर खुदवाया जिसकी तस्वीर भी सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा ली गई है. इन तीनों स्थानों पर जो देखने को मिला वह बड़ा ही अजीब था. यह बात समझ के परे थी की खोदे गए मटेरियल के अनुपात के विपरीत कहीं उससे कई गुना ज्यादा मटेरियल का ढेर क्यों लगाया गया था इसी से काफी हद तक संदेह जाहिर हुआ. आखिर जब एक तगाड़ी डब्लू एम एम की खुदाई हुई थी तो दस तगाड़ी का ढेर क्यों लगाया गया था? लगे ढेरों को गौर के देखने पर पता चला की कहीं बाहर से या यूं कहें की अपने साथ गाड़ी में लाये गए 40 एमएम, 20 एमएम, गिट्टी और बालू को एकत्रित करके उनके अलग अलग अनुपात में फ़र्ज़ी तरीके से ढेर लगाकर फ़ोटो ले लिए गए थे. वास्तव में ढेर लगा हुआ मटेरियल उस सड़क के खोदे गए भाग का था ही नही जिसका की पुख्ता प्रमाण इसी से लग गया की जितनी सड़क की खोदाई से मटेरियल निकला था वह वहां अलग ढेर लगाए गए मटेरियल से 10 गुना कम था. तब इतना मटेरियल कहाँ से आया? वहां तो साइड में मोरम डाली हुई थी तो इसका मतलब यह हुआ की चलाई के नाम पर इन्होंने अलग से लाया हुआ अच्छा मटेरियल फ़ोटो खींचने के लिए और ऊपर तक भेजने के लिए बाहर से ही लाया था. तो ऐसा है यह पूरा फर्जीवाड़ा. सबसे बड़ी बात तो यही है की जब एस क्यू एम आर पी शर्मा स्वयं यह बोल ररहे हैं की आप प्रधानमंत्री सड़क के ही पीछे पड़े हो जाकर पी डब्लू डी की सड़क देखो तो पता चले की पीएम सड़क कितनी अच्छी बन रही है. इसी बात से समझ आता है की इनको क्वालिटी की नही पड़ी है मात्र यह तुलनात्मक काम देख रहे हैं की यदि पी डब्लू डी सड़क में भष्ट्राचार है तो उसे देखा जाए न की इनके स्वयं के भष्ट्राचार को. मतलब ध्यान बांटने का प्रयाश है की इनके काम को कोई ध्यान न दे. ऐसे स्टेट क्वालिटी मॉनिटर टीम का क्या औचित्य बनता है जो जनता के सवालों का जबाब भी न दे जबकि जनता के लिए बनाई गयी सड़क को चेक करने के लिए आये हैं. इनको रिटायरमेंट के वावजूद भी सरकार काम में लगाकर पैसा दे रही है और यह भस्ट्राचारी जनता को उल्टा पुलटा जबाब देकर फुर्सत होना चाह रहे हैं.
एस क्यू एम आर पी शर्मा ने बताया सब कुछ एक नंबर का है, आप जाके पी डब्लू डी की सड़कें देखिए
जांच दल में आये कोई आर पी शर्मा ने बताया की हमने पीएम सड़क को खोदकर देख लिया है सड़क बिल्कुल एक नंबर की है जिसमे किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नही है. हमने पूरे स्टेट की सड़कों को देखा है और सब सड़कें सही हैं, विशेष कर रीवा की पीएम सड़कें बिल्कुल दुरुस्त हैं. और आपकी कैथा से अगडाल पीएम सड़क में तो कोई खराबी है ही नही.
ऐसा लगा सब पहले से ही फिट था. जबकि देखा जाए तो लौरी नंबर 3 के निवासी योगेंद्र शर्मा के घर के पास ट्रांसफार्मर के पास की रोड बनने के 21 दिन के भीतर ही उखड़ गई थी जिसकी की शिकायतें तो हुईं ही साथ ही न्यूज़पेपर में भी मामले को रखा गया था. इसी प्रकार बिना 8 टन का ही वाहन चले ही साइड से इस सड़क में जगह जगह दरारें आ चुकी है।
देखिए स्टेट क्वालिटी मॉनिटर की तरफ से आये अधिकारियों ने क्या कुछ कहा
1) "आपके प्रश्नों का कोई अंत नही है अतः सबका जबाब तो हम नहीं दे पाएंगे पर आपको बता दें की अगडाल से कैथा प्रधानमंत्री सड़क बहुत ही अच्छी बनायी गई है. हमने अपने लेवल पर इसकी जांच की है जो हमे सही मिली. सैंपल और डेटा इकट्ठा कर लिया है आगे भेज दूंगा. मैं स्टेट क्वालिटी मॉनिटर टीम से हूँ जो पूरे देश के रिटायर्ड अधिकारियों की बनाई जाती है. रीवा में जांच करने के लिए मुझे भेजा गया है. आपको इस सड़क की प्रसंसा करनी चाहिए की इतनी सुंदर सड़क बनाकर दी जा रही है." - आर पी शर्मा, स्टेट क्वालिटी मॉनिटर प्रमुख, भोपाल, मप्र
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2) " देखिए द्विवेदीजी हम तो आप के बीच के ही हैं. हमारी तो आपसे हर दूसरे तीसरे दिन बात होती रहती है. हम कल आकर मामले को समझ लेंगे. आज आप जांच कर लेने दीजिये, यह टीम एस क्यू एम की है जो सीधे भोपाल से आई हुई है. यह रूटीन जांच है. इसके बाद हम कल आते हैं और आगे सड़क में क्या गड़बड़ी है उसको देखते हैं. वैसे हमारी तरफ से पूरे प्रयास किये जा रहे हैं की ठेकेदार मनमानी न करने पाएं." - उपयंत्री अमित गुप्ता, पीएमजीएसवाई, मऊगंज, रीवा मप्र
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3) "हम एक टीम लीडर की हैसियत से आये हैं. हम सड़क की जांच करने समय समय पर आते हैं. हमे सूचना थी की स्टेट क्वालिटी मॉनिटर की टीम आ रही है अतः उसके सदस्यों के साथ हम आये हैं. डामरीकृत सड़क की विभिन्न परतों को खोदकर हम उसमे हर एक की मात्रा देखते हैं की उसमे कितना 40 एमएम, कितना 20 एमएम की गिट्टी है और उसमे कितना बालू या जीएसबी मिला होता है. साथ ही एक विशेष मसीन में हम डामर की परत को घोल बनाकर डालते हैं और देखते हैं की डामर वगैरह का सही अनुपात है की नही. इस मसीन में यही किया जा रहा है" - महेंद्र सिंह, टीम लीडर (टीएल) पीएमजीएसवाई, मऊगंज, रीवा मप्र
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4) "कुल मिलाकर रोड में लीपापोती करके मामले को रफा दफा किया जा रहा है. जैसा की आपको भी पता है की कई बार कंप्लेन होने से ठेकेदार का पैसा रोक दिया गया होगा जिससे अब ये अधिकारी जांच करने के लिए आये हैं और लीप पोत करके चले जाएँगे. पूरे देश में तो यही चल रहा है. आखिर स्टेट क्वालिटी मॉनिटर हमारे बताए हुए स्थान पर चलकर जांच करें जहां हम दिखाते हैं कितनी घटिया रोड बनाई गई थी. अब देखिए अभी पिछले दौरे में उपयंत्री और जीएम द्वारा बताया गया था की अप्रैल अंत तक का टारगेट दिया हुआ है 7 किमी सड़क बनाने के लिए, अब आज 23 अप्रैल हो चुका है और जीएसबी भी अच्छे से नही डाली गई है. क्या ऐसे ही काम चलेगा. जल्दी जल्दी में फिर घटिया काम करके फुरसत कर देंगे. ठेकेदार बोलते हैं की हमारे बइब्रो और जेसीबी लेबर बारात चले गए हैं. कभी बोलेंगे की जेसीबी खराब है तो कभी बइब्रो खराब है तो कभी डम्पर ही नही है. जब इन ठेकेदारों के पास कुछ नही रहता तो इनको एकसाथ इतने बड़े बड़े ठेके कैसे मिल जाते हैं. चलिए एक ठेका की बात हो तो अलग, इन्हें आधा दर्जन सड़कों को बनाने के ठेके मिले हुए हैं. कैसे और किस आधार पर इनको इनकी क्षमता से अधिक का ठेका मिला. तमाम यही फर्जीवाड़ा चल रहा है और इस पीएमजीएसवाई विभाग की मिलीभगत से होता है चाहे यह सब रीवा से हो रहा या भोपाल या दिल्ली से तमाम यही फर्जीवाड़ा है. पनगड़ी के रहवासी परेशान हैं और उनकी पीएम सड़क आज 6 साल से नही बनी है. कहां गए थे तब यह स्टेट क़्वालिटी मॉनिटर और नेशनल कॉलिटी मॉनिटर? क्या इन्हें तब नही दिख रहा था की काम अधूरा पड़ा हुआ है." - योगेंद्र शर्मा, निवासी लौरी नंबर 3, गंगेव, रीवा मप्र.
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संलग्न - कृपया संलग्न देखें अगडाल से कैथा प्रधानमंत्री सड़क की जांच करने आये एस क्यू एम आर एस शर्मा की टीम साथ ही तीन जगह खोदे गए गड्ढे और फ़र्ज़ी तरीके से फ़ोटो खींचने के लिए फैलाया गया मटेरियल।
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शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र। 7869992139, 9589152587
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