Friday, April 13, 2018

ज़िले में बेमौसम बारिश ने बढ़ा दी किसानों की मुश्किलें, गहाई हुई हफ्ते भर लेट, बाहर पड़ी सब कच्ची ईंटें पानी में बही

दिनांक 12 अप्रैल 2018, स्थान - गढ़/गंगेव रीवा मप्र

(कैथा, रीवा, मप्र, शिवानन्द द्विवेदी)

   देश के उत्तरी क्षेत्र में कई दिनों से खराब चल रहा मौसम का कहर पिछली रात रीवा में भी बरपा. दिनांक 12 अप्रैल की रात को लगभग एक बजे के बाद से गरज लपक एवं तेज़ आँधी के साथ बूंदा बांदी प्रारम्भ हुई. देखते ही देखते पिछली रात किसानों के लिए दुःस्वप्न बन गई. शायद जब रात में लोग सोये होंगे तो इस बात का अंदाज़ा न लगा पाए होंगे की अर्धरात्रि से ही उनकी नीद उड़ने वाली है. 

    कैथा ग्राम के आसपास बसे हुए किसानों ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए बताया की बेमौसम बारिश ने उनकी फसल की नुकसानी तो की ही साथ ही ईंट के कच्चे लगे छल्लों को भी नुकसान पहुचाया. बता दें की आजकल ग्राम क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास की भरमार होने से काफी लोग पक्के मकान के लिए ईंट पारने का काम कर रहे हैं. इस बीच जिन ग्रामीणों ने ईंट की पराई पूरी करके भठ्ठे अभी नही लगाए हैं उनके लिए यह बेमौसम बारिश काफी नुकसानी के तौर पर देखी जा रही है. 

   कैथा ग्राम के अरुण केवट, दसरथ केवट, दिलीप केवट, गोकुल केवट, सोमधर मिश्रा, अरुणेंद्र पटेल एवं अन्य लोगों ने बताया की उनकी बाहर पड़ी कच्ची ईंट तेज़ बारिश की वजह से नष्ट हो गयी है और काफी नुकसानी उठानी पड़ी है. शिव शंकर द्विवेदी, सिद्धमुनि द्विवेदी, संतोष केवट, सतानंद केवट, रोहित मिश्रा, हरिबंश पटेल सहित दर्जनों किसानों ने बताया की उनकी बाहर पड़ी गेंहूँ की फसल पूरी तरह से प्रभावित हुई है. जिसमे अभी भी गहाई में काफी वक्त लगेगा क्योंकि फसल पूरी तरह से भींग चुकी है. जब तक फसल सूखेगी नही तब तक उसकी गहाई किया जाना संभव नही है. गांव के कई किसानों ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए बताया की तेज़ हवा और आँधी की वजह से भी उनकी खेतों में कटी पड़ी फसल उड़ गई है. जिन किसानों ने ज्यादा सावधानी नही बरती थी और फसल को बोझा बनाये बिना ही खेतों में जेंटा के रूप में छोंड़ दिया था ऐसे सभी किसानों की फसल पूरे खेत में इधर उधर फैली मिली और आधे से अधिक तो कहां उड़ गई इसका पता तक नही चल पाया. इस प्रकार सभी किसानों ने मांग भी की सरकार को इस ओर भी ध्यान देने चाहिए और इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा की वजह के हुए नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए.

संलग्न - कैथा ग्राम और उसके आसपास स्थित किसानों की फसल की फ़ोटो, और साथ ही कुछ किसानों के ईंट के भठ्ठे और खराब हुई कच्ची ईंटें.

---------

शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,रीवा मप्र, मोबाइल 7869992139, 9589152587,

No comments: