दिनांक 07 अप्रैल 2018, स्थान - डाढ़ पंचायत, त्योंथर ब्लॉक रीवा मप्र
(कैथा, शिवानंद द्विवेदी)
गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में आगजनी की बारदातें भी बढ़ने लगी है. ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली आगजनी की वारदातों में सबसे ज्यादा नुकसान किसान वर्ग को हो रहा है. इस भीषण अकाल में जैसे तैसे मर मर कर किसानों ने अपने खून से सींचकर फसलें तैयार की हुई हैं अब उसमे भी कटाई के वक्त और उनकी खलिहान में पड़ी फसलों को अग्नि देवता समाप्त कर रहे हैं. आगजनी की वारदातें मात्र फसल तक ही सीमित नही रही हैं अभी तो पिछले कई दिनों से जंगली क्षेत्र में भी आग ने काफी तबाही मचाई हुई है जिसमे पूरे रीवा संभाग के सिरमौर, सेमरिया, डभौरा, मोहनिया घाटी एवं छुहिया घाटी के जंगली क्षेत्रों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. वन्यजीवों के जीवन को संकट उत्पन्न हुआ और साथ ही अति दुर्लभ जड़ी बूटियां सब नष्ट हो गईं.
डाढ़ सरपंच पुत्र सुरेंद्र मिश्रा का ट्रेक्टर फसल सहित हुआ आग के हवाले
अभी दिनाँक 06 अप्रैल की शाम को करीब 7 बजे के आसपास डाढ़ पंचायत निवासी सरपंच पुत्र सुरेंद्र मिश्रा के फसल से लदे ट्रेक्टर में बिजली विभाग के झूलते हुए तारों की वजह से आग लग गई जिसमे फसल सहित पूरा ट्रेक्टर जलकर राख हो गया.
वाकया शाम करीब 6 से 7 बजे के आसपास का है जब सुरेंद्र मिश्रा का ड्राइवर ज्ञानदत्त के घर के पास करहिया ग्राम की पीसीसी सड़क से होते हुए काटी हुई गेंहूँ की फसल लादकर ले जा रहा था तभी अनियंत्रित और खतरे के निसान में झूलते बिजली के तारों की वजह से स्पार्क हुआ और ट्राली के ऊपरी हिस्से में आग पकड़ लिया और देखते ही देखते मात्र 2 से 4 मिनट में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. गनीमत यह थी की ड्राइवर की समझदारी यहां पर काम आ गई और ड्राइवर ने तत्काल ट्रेक्टर को भगाते हुए रिहायसी क्षेत्र से 200 मीटर दूर करहिया शासकीय माध्यमिक शाला के शामने पड़े खाली स्थान पर जलते हुए ट्रेक्टर और फसल को लाकर खड़ा कर दिया और जान बचाकर भाग खड़ा हुआ.
वहीं पर पुष्पराज तिवारी निवासी डाढ़ की किराने की भी दुकान भी और पूर्व दिशा में करहिया ग्राम का लगा हुआ ट्रांसफार्मर भी था. इन सबके वावजूद भी काफी हद तक आग पर नियंत्रण पाने का प्रयाश किया गया.
सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा गढ़ थाना, डायल 100, 108, 101 सहित रीवा कंट्रोल रूम को जानकारी प्रेषित की गई
इस बीच जैसे ही आग की लपटें अपने खतरनाक स्तर से ऊपर उठना प्रारम्भ हुईं तो करहिया निवासी मनबहादुर सिंह, कैथा निवासी प्रभुनाथ केवट एवं सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी सहित घटनास्थल पर पहुचा गया और लोगों से अपील की गई की वह जलते हुए ट्रेक्टर के ज्यादा पास ना जाएं और साथ ही दूर से बाल्टी डिब्बे में पानी लेकर उसमे डाला जाय जिससे आग पर नियंत्रण हो सके.
इस बीच पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाकर यूट्यूब चैनल पर डाल दिया गया है जिसे देखा जा सकता है. इसी बीच गढ़ थाना टी आई को भी संपर्क करने का प्रयाश हुआ साथ ही गढ़ थाना के सहायक उपनिरीक्षक सत्यभान सिंह को भी घटना की जानकारी देते हुए पुलिश और साथ ही फायर ब्रिगेड की सहायता चाही गई. डायल 100 सहित 108 और 101 नंबर में भी कॉल करके सभी को वारदात के विषय में सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सूचित किया गया और तत्काल पुलिश और फायर ब्रिगेड की माग की गई.
ग्रामीणों द्वारा आग पर नियंत्रण पाने का किया गया प्रयास, पुलिश और फायर ब्रिगेड पहुची घटना के बाद
जैसा की ज्यादातर आगजनी के मामलों में देखा गया है की ग्रामीण क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड कभी भी समय पर उपस्थित नही हो पाती है उसका कारण यह भी है की फायर ब्रिगेड के दमकल गाड़ियां आसपास कहीं हैं ही नही. बैकण्ठपुर, मऊगंज, और मनगवां के पहले कहीं भी दमकल की गाड़ियां नही हैं इसलिए आपातकालीन स्थिति में कोई संभावना शेष नही बचती. साथ ही पुलिश भी ऐसे मामलों में आकर कुछ विशेष नही कर सकती. क्योंकि दमकल के बिना कोई मतलब नही रहता. फिर भी ग्राम करहिया के रहवाशियों ने काफी तत्परता से प्रयाश किये और सभी अपने अपने घरों से डिब्बे बाल्टी लेकर आये और जिससे जितना बन पड़ा सभी ने दो चार दस बाल्टी पानी अवश्य डाला. इस प्रकार जाकर तेज हवाओं के वावजूद भी आग ज्यादा नही फैल पाई और आग को शांत करने में कामयाब रहे.
ट्रेक्टर पूरी तरह से जलकर हुआ खाक -
लदी हुई फसल के साथ ट्रेक्टर भी जल गया. चूंकि आग की लपटें काफी तेज थीं अतः ड्राइवर को हिम्मत नही हुई की वह ट्रेक्टर के इंजन वाले भाग को ट्राली से अलग थलग कर पाता. देखते ही देखते आग ने फसल, ट्राली और आगे के इंजन वाले भाग को जलाकर नष्ट कर दिया. मात्र लोहा बच पाया. सबसे पहले आग की लपटों ने फसल जलाया फिर आग फैलकर ट्राली के पिछले चक्कों को जलाया और इसी बीच आग की लपटें इंजन वाले भाग में बढ़ते हुए बड़े वाले टायर को भी जला दिया जिससे ब्लास्टिंग की काफी तेज़ ध्वनि हुई. ब्लास्टिंग की आवाज इतनी तेज़ थी की आसपास के ग्रामों डाढ़, करहिया, लोनियान टोला, बड़ोखर, सोरहवा, और कैथा तक आवाज सुनी गई.
पूरी घटना में किसी के जान को कोई क्षति नही हुई मात्र माल और संपत्ति की ही क्षति हुई बताई गई है.
पूरी घटना के लिए रीवा का बिजली विभाग जिम्मेदार
यदि वास्तविक तौर पर विश्लेषण किया जाय तो पाया जाएगा की इस घटना के लिए कोई और नही बल्कि रीवा ज़िले का बिजली विभाग ही मात्र जिम्मेदार है. रीवा के बिजली विभाग में दशकों से जो खुले तार लगाए गए थे वह आज भी उसी तरह या यूं कहें की उससे भी ज्यादा बदतर स्थिति में हैं. बिजली विभाग रीवा के लिए करोड़ों रुपये का आने वाला मेंटेनेंस का बजट भष्ट्रचार की बलि चढ़ जाता है जिसे बिजली अधिकारी और ठेकेदार मिल बांट कर खा पी जाते हैं. अभी पिछले कई वर्षों से निरंतर बिजली विभाग रीवा के इन कारनामों को लेकर शिकायतें दर्ज करवाई जाती रहीं हैं और साथ ही ज़िले और प्रदेश स्तर की मीडिया में भी प्रकरण प्रकाशित होते रहे हैं लेकिन बिजली विभाग रीवा का मनमाना रवैय्या आज तक नही बदला है. यह मात्र करहिया ही नही बल्कि आज किसी भी ग्राम में जाकर देखा जाए तो पाया जाएगा की लगभग सभी खंभे कमजोर होकर झुक गए हैं, तार पुराने होकर टूट गए हैं, तारों में झुकाव आ गया है, खुले तार आपस में लड़ते रहते हैं जिससे आये दिन रोज कोई न कोई घटना होती रहती है. बिजली विभाग की इसी गलती की वजह से अभी पिछले दो साल पहले करहिया लोनियान टोला निवासी राजेश्वर लोनिया की पत्नी के ऊपर कटा हुआ तार टूटकर गिर जाने से घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी जिसकी की शिकायत वरिष्ठ स्तर तक करने के बाद भी कोई निराकरण नही हुआ.
बिजली विभाग ने केबलीकरण की भी राशि कर ली हजम
रीवा के बिजली विभाग में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कागजों पर आज लगभग 95 फीसदी जगहों पर केबलिकरण हो चुका है जिससे झूलते हुए तारों की कोई समस्या ही न रह जाए परंतु जैसा की बताया गया की यह मात्र सब कागजों तक ही सीमित है वास्तविक धरातल पर कहीं कुछ भी नही हुआ है. डाढ़ पंचायत, हिनौती पंचायत, कैथा, अगडाल, पांडुआ सहित दर्जनों मात्र कटरा विद्युत वितरण केंद्र की पंचायतों में ही केबलीकरण की राशि हज़म कर ली गई है. इसी प्रकार जैसा की बताया गया की लाइन मेंटेनेंस का भी पैसा खा पीकर फुरसत कर दिया है.
अभी पिछले दिनों गढ़-अगडाल फीडर अंतर्गत आने वाले अकलसी ग्राम में भी अकलसी तालाब के पीछे से भी एक शिकायत मिली थी जिसमे अकलसी के पटेल रहवाशियों द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी को मिलकर जानकारी दी गई थी और बताया गया था की इसी प्रकार की आगजनी की एक वारदात हाई टेंशन लाइन की वजह से हुई थी जिसमे 10 फ़ीट ऊंचाई में झूलते हुए तारों की स्पार्क की वजह से आग का लुकाडा गिरने से नीचे लगी फसल में आग लगने से काफी फसल नष्ट हो गई थी तब जाकर गांव वालों ने येन केन प्रकारेण उस आग पर भी नियंत्रण पाया था।
संलग्न - कृपया जलते हुए ट्रेक्टर और साथ में बनाये गए यूट्यूब वीडियो को भी देखने का कष्ट करें जो यहां पर संलग्न हैं.
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शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र.
7869992139, 9589152587
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