Sunday, April 8, 2018

बिजली कंपनी की आग ने खाक कर दिया किसान की खड़ी फसल (मामला गंगेव ब्लॉक रीवा के पनगड़ी खुर्द पंचायत अंतर्गत कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी की डेढ़ एकड़ की फसल और कृषि उपकरणों का)

दिनाँक 09 अप्रैल 2018, स्थान - लालगांव, रीवा मप्र

(कैथा, रीवा मप्र, शिवानन्द द्विवेदी) 

   बिजली कंपनी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैय्या एक बार फिर उजागर हुआ है. मामला है ज़िले के गंगेव ब्लॉक अंतर्गत पनगड़ी खुर्द पंचायत का जहां पर कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी की डेढ़ एकड़ फसल में बिजली के झूलते हुए तारों में स्पार्किंग की वजह के आग लग गई और देखते ही देखते डेढ़ एकड़ की फसल सहित लाखों का घरेलू समान और कृषि उपकरण जिसमे 700 फ़ीट पाइप भी समिल्लित है खाक हो गई. गनीमत यह थी की हो-हल्ला के बाद पूरा हुजूम इकट्ठा हुआ और गांव वालों ने मिलकर मोटर पंप चालू करके पानी की बौछार किये जिससे कुछ हद तक आग में नियंत्रण हो पाया. बताया गया की पूरे गांव में हाई टेंशन लाइन और साथ ही घरेलू लाइन खतरे के निशान के ऊपर हैं और कभी भी मेंटेनेंस का काम नही होने से तार झूल गए हैं और आपस में टच होकर स्पार्क करते रहते हैं जिससे आये दिन इस प्रकार की आगजनी की वारदाते देखी गई हैं. चूंकि गर्मी के मौसम में गर्मी की वजह से आग का ज्यादा प्रकोप बढ़ जाता है इसलिए नुकसानी के तौर पर देखा जाय तो सबसे अधिक समस्या मात्र गर्मियों में ही होती है. ऐसा नही की दूसरे समय आग नही लगती, बल्कि आग लगती रहती है परंतु फसल की वजह से नुकसानी गर्मियों में ज्यादा होती है. 

बिजली विभाग में मेंटेनेंस न हो पाने से झूलते और टूटे तारों की वजह से होती है आगजनी की बारदतें, जिम्मेदारी बिजली कंपनी की अतः भरपाई भी वही करें

 अभी हाल ही में पिछले दिनों कटरा विद्युत वितरण केंद्र अंतर्गत डाढ़ पंचायत निवासी सुरेंद्र मिश्रा के फसल से लदे हुए ट्रेक्टर एवं गढ़ फीडर अंतर्गत अकलसी तालाब के नीचे हाई टेंशन लाइन में स्पार्किंग की वजह से आज लग गई थी जिसमे दोनो ही जगहों में गरीब किसानों का भारी नुकसान हुआ है. अब यह पनगड़ी खुर्द का एक और नया मामला आ गया जिसमे किसान कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी की डेढ़ एकड़ के आसपास फसल सहित लाखों का कृषि उपकरण जलकर खाक हो गया. 

    पनगड़ी पंचायत के उप सरपंच शिवेंद्रमणि शुक्ला द्वारा जानकारी दी गई की पीड़ित किसान ने लालगांव विद्युत वितरण केंद्र एवं थाने में जानकारी दे दी है और साथ ही बिजली विभाग को भी पार्टी बनाकर क्लेम की माग की है. अभी जांच चल रही है और आगे की मुआबजा संबंधी प्रक्रिया प्रगति पर है.

पुलिश और फायर ब्रिगेड पहुचा घटना के बाद , समस्या की गंभीरता को देखते हुए गर्मी के चार महीनों में हर पंचायत स्तर पर होने चाहिए अग्निशमन वाहन

   जैसा की ज्यादातर मामलों में होता आया है की भीषण आगजनी की घटनाओं में ग्रामीण स्तर में अग्निशमन विभाग समय पर नही पहुच पाता है इसका कारण पहले भी बताया गया है की मात्र आसपास बैकुंठपुर, मऊगंज, एवं मनगवां में काफ़ी दूर अग्निशमन की गाड़ियां होने से कम से कम 1 से 3 अथवा अधिक तक का समय लग जाता है और इतने समय में सब कुछ साफ हो जाता है. इसलिए आज यह अति आवश्यक है की सभी थानों और चौकियों में अग्निशमन यंत्रों से सुसज्जित अग्निशमन वाहन अनिवार्य होना चाहिए जिससे इस प्रकार की आपदा में और विशेष तौर पर गर्मियों में आपदा प्रबंधन के काम में तेजी आ सके. कहना यहां तक पड़ेगा की प्रत्येक पंचायत में गर्मियों के विशेष सीजन में आग से बचने के विशेष उपाय किये जाने चाहिए जिसके लिए शासन स्तर से बजट का प्रावधान होना चाहिए. मार्च से जून महीने तक चार महीने पकी हुई फसल का सीजन होता है और इसी मौसम में सबसे ज्यादा आगजनी की वारदातें रिपोर्ट की जाती हैं अतः सरकार को चाहिए की गर्मियों में हर पंचायत स्तर पर आगजनी से निपटने के विशेष प्रावधान किये जाएं. अग्निशमन संबंधी वाहनों को किराए से लेकर हर चार से पांच पंचायत के मध्य गर्मियों के चार महीनों के लिए स्थापित किये जाने चाहिए और इस प्रकार की विशेष परिस्थितयों में तत्काल सहायता उपलब्ध करवाई जानी चाहिए.

   पुलिस के विषय में बताया गया की डायल 100 में कॉल किया गया था और पुलिश भी घटनास्थल पर काफी दर से पहुची थी. इतने में उपस्थित ग्रामीणों ने मोटर पंप आदि के माध्यम से आग पर नियंत्रण पाने और फैलने से रोकने में सफलता पाई थी. फिर भी आनन फानन में हवा की वजह से आग लगभग डेढ़ एकड़ के खेत में फैल गई और सब कुछ देखते ही  देखते साफ हो गया.

संलग्न - पनगड़ी किसान कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी की आग से ध्वस्त फसल का फ़ोटो.

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शिवानन्द द्विवेदी सामाजिक मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र,

मोबाइल - 7869992139, 9589152587

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