दिनांक 11 अप्रैल 2018, स्थान - भठवा/गढ़ रीवा मप्र
(कैथा, रीवा मप्र, शिवानन्द द्विवेदी)
राइट टू एजुकेशन अर्थात शिक्षा का अधिकार अधिनियम तो प्रारम्भ हो गया लेकिन विद्यार्थी इस शिक्षा के अधिकार का कितना लाभ ले पा रहे हैं इसका पता किसी भी ग्रामीण स्तर पर संचालित स्कूल में जाकर देखा जा सकता है.
ग्रामीण स्तर पर संचालित सरकारी स्कूलों में न कोई सुविधा होती है और न ही शिक्षा का कोई स्तर. ग्रामीण सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र बमुश्किल प्रमाण पत्र तो ले लेते हैं पर इसके अतिरिक्त कुछ सीख नही पाते. 100 में से कुछ दो चार विरले ही ऐसे छात्र होंगे जिन्हें उनके क्लास के स्तर का कुछ विशेष ज्ञान हो. आज शिक्षा की दुर्दशा हो चुकी है. जिस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों की शासकीय विद्यालयों की शिक्षा बद से बदतर होती जा रही है भविष्य में युवाओं का नाकाम होकर बेरोजगार घूमना लगभग तय है.
ग्रामीण क्षेत्र की शासकीय स्कूलों में ज्यादातर ऐसे विद्यार्थी होते हैं जो गरीब परिवार से आते हैं जैसे किसान अथवा मजदूर वर्ग. ऐसे छात्रों के लिए किसी अच्छी स्कूल में और खासकर प्राइवेट अंग्रेज़ी माध्यमों की स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर पाना एक सपना ही होता है. विरले ही गरीब छात्र होते हैं जो अच्छी शिक्षा दीक्षा प्राप्त कर पाते हैं.
कैसे पढ़ेंगे जब स्कूल के समय भरेंगे पानी - पनगड़ी शासकीय स्कूल में साल भर से बन्द पड़ा है नलकूप
शिक्षा की बात चल रही थी तो ग्रामीण स्तर पर इसको भी बता दिया जाए की मूलभूत फैसिलिटी की कमी के चलते भी शिक्षक और छात्र ज्यादातर उनकी पूर्ति करने में परेशान रहते हैं तो ऐसे में छात्र कब पढ़ पायेगा और शिक्षक कब पढ़ा पाएंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी सहित पत्रकार प्रमोद सिंह और पनगड़ी निवासी सोनू सुक्ला द्वारा विजिट के दौरान स्कूल में उपस्थित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों और छात्रों से संपर्क किया गया तो जो जानकारी प्राप्त हुई वह किसी भी ग्रामीण स्तर में संचालित शासकीय शिक्षा केंद्रों की स्थिति को भलीभांति बया करती है. बताया गया की स्कूल परिसर में जो नलकूप पंचायत विभाग अथवा पी एक ई द्वारा लगाया गया था वह काम लायक नही बचा है, उसकी सभी पाइप काम लायक नही बची है. बताया गया की यहीं 500 मीटर की दूरी पर स्थित किसी ग्रामवासी के व्यक्तिगत बोरवेल से छात्र पानी भरकर लाते हैं. पूरा समय मात्र पानी भरने में ही व्यतीत हो जाया करता है. ऐसे में छात्र क्या पढ़ पाएँगे. प्रधानाध्यापक द्वारा आगे बताया गया की हमने इसकी शिकायत कई बार की है लेकिन न तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सुध ले रहा है और न ही पंचायत विभाग लिहाज़ा हमारे स्कूल में मध्यान भोजन से लेकर बर्तन धोने तक सभी में तकलीफ होती है. कभी कभी इसी कारण मध्यान भोजन भी नही बन पाता है.
पानी की समस्या तो है ही यहां बीच प्राँगण में लगा दिया ट्रांसफार्मर भी, किसी भी वक्त हो सकता है कोई भीषण हादसा
पानी की समस्या तो अपने स्थान पर है ही साथ ही स्कूल के बाहर बाउंड्री के बीचोंबीच एक ट्रांसफार्मर भी लगा हुआ है जो एकदम खुले में है. अमूमन यदि किसी कारण बस ट्रांसफार्मर लगाया हुआ है तो भी ट्रांसफार्मर को चारों तरफ से बन्द किया जा सकता है और एंगल गाड़कर तार की जाली लगायी जानी चाहिए जिससे प्राइमरी कक्षा के छोटे बच्चे खेलते समय सीधे ट्रांसफार्मर और खुले तारों के संपर्क में न आ पाएं लेकिन इसकी किसी को फिकर ही नही. न इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने ही कुछ किया और न ही पंचायत अथवा बिजली विभाग ने. आलम यह है की हर ग्राम की स्कूलों में इसी प्रकार या की बिजली के खुले तार झूल रहे हैं अथवा ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है. सब की नीद तब खुलेगी जब कोई भीषण हदशा हो जाएगा और कोई बच्चा फसकर झुलस जाएगा.
ज़िले की सभी सकूलों का सर्वे किया जाकर अभियान चलाकर खुले बिजली के तार खंभे और ट्रांसफार्मर स्कूल परिसर से तत्काल हटाये जाने चाहिए
जब इस संदर्भ में ग्रामीण लोगों और बच्चों के अभिभावकों सहित शिक्षकों समाजसेवियों से चर्चा की गई तो सभी का एक स्वर में कहना था की मात्र पनगड़ी स्कूल ही नही बल्कि जिले की सभी स्कूलों में अभियान चलाकर स्कूल परिसर के अंदर से बिजली सप्लाई को हटाया जाना चाहिए. बिजली के खंभे और खुले बिजली के तार स्कूल परिसर के अंदर रखे जाने का कोई औचित्य ही नही है. स्कूल परिसर में बच्चे मध्याह्न छुट्टी होने पर खेलते कूदते रहते हैं तो स्वाभाविक तौर पर खुले तारों और ट्रांसफार्मर के संपर्क में आ सकते हैं ऐसे में किसी भी समय कोई भी दुखद हादसा हो सकता है.
लालगांव विद्युत वितरण केंद्र के अतरैला शासकीय स्कूल में भी खतरे के निशान के ऊपर है हाई टेंशन लाइन के खुले तार
भठवा निवासी और पत्रकारिता के साथ जुड़े प्रमोद सिंह ने बताया की उन्होंने ग्रामीण जनों के सहयोग के साथ पिछले कई वर्षों से उनके क्षेत्र अतरैला में शासकीय स्कूल परिसर में हाई टेंशन लाइन के खुले झूलते तारों को हटाने के लिए जद्दोजहद की है लेकिन अब तक उसका कोई स्थायी समाधान नही निकल पाया है. जब इस संबंध में कटरा विद्युत केंद्र के कनिष्ठ यंत्री अभिषेक सोनी से बात की गई तो उनका यह कहना था की हमारे पास कोई विशेष प्रावधान नही होता जिससे इन तारों को पोल सहित शिफ्ट किया जा सके. उन्होंने आगे बताया की स्कूल शिक्षा विभाग और संबंधित स्कूल प्रसाशन से लिखित तौर पर विद्युत विभाग के नाम पत्र जारी कर हमारे पास पहुचाया जाना चाहिए. आगे की प्रक्रिया में विद्युत विभाग लाइन शिफ्टिंग के लिए जरूरी खर्च का एस्टीमेट बनाकर संबंधित स्कूल प्रसाशन को भेज देता है और आगे स्कूल प्रसाशन जब रमसा के माध्यम से वह राशि विजली विभाग के खाते में ट्रांसफर कर देगा तो हम अपने कर्मचारी भेज कर लाइन शिफ्टिंग करवा देते हैं. कटरा जे ई सोनी ने बताया की इसके पहले जब वह गोविंदगढ़ क्षेत्र में पदस्थ थे तब भी इस प्रकार के कई घटनाक्रम आये थे जिनमे स्कूल शिक्षा विभाग के फण्ड से स्कूलों के अंदर से लाइन शिफ्टिंग की गई थी. इसके अतिरिक्त कोई अन्य प्रक्रिया नही है जिससे इस लाइन को स्कूल परिसर के बाहर शिफ्ट किया जाय.
उक्त प्रक्रिया को फॉलो भी किया गया और प्रमोद सिंह द्वारा अतरैला स्कूल के प्रधानाध्यापक से कहकर लाइन शिफ्टिंग के बाबत आवेदन लालगांव कनिष्ठ यंत्री को भेजा जा चुका है. अब देखना यह होगा इस पूरी प्रक्रिया में कितना समय लगता है. क्योंकि यदि सही समय पर कार्य नही हुआ तो किसी भी समय कोई भी हादसा हो सकता है. इस बीच अतरैला स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा बताया गया की स्कूल परिसर स्थित झूलते हाई टेंशन लाइन के तारों की वजह से कई बार हादसे हो चुके हैं जिससे आग का लुकाड़ा जमीन पर स्पार्किंग की वजह के गिरा था लेकिन शौभाग्य से बच्चे लाइन के नीचे नही थे अतः कोई अप्रिय दुर्घटना नही हुई है. नवीन स्कूल भवन हाई टेंशन लाइन के बिल्कुल 2 फ़ीट ऊंचाई से गया है जिससे यदि कोई बच्चा कभी धोखे से छत पर चढ़ जाता है तो उसकी जान जा सकती है. इस पर प्रधानाध्यापक का कहना था की उन्होंने बच्चों को शख्त हिदायत दे रखी है की कोई भी छात्र भूलकर भी नवीन स्कूल भवन की छत पर न जाए.
संलग्न - सिरमौर तहसील एवं गंगेव जनपद अंतर्गत पनगड़ी पंचायत की पनगड़ी स्कूल एवं पताई पंचायत अंतर्गत अतरैला स्कूल परिसर में खतरनाक स्तर पर हाई टेंशन लाइन के तार और ट्रांसफॉमर, साथ ही पनगड़ी स्कूल में सालों से बन्द पड़ा नलकूप.
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शिवानन्द द्विवेदी सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र.
मोबाइल - 07869992139, 09589152587
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