Friday, April 20, 2018

चंद महीने में ही पीसीसी सड़क के उड़े परखच्चे (मामला गंगेव जनपद अंतर्गत मदरी पंचायत के संतोष शुक्ला के घर के पास बनी पीसीसी सड़क का, रीवा मप्र)

दिनांक 21 अप्रैल 2018, स्थान - गंगेव जनपद रीवा मप्र

(कैथा, रीवा-मप्र - शिवानन्द द्विवेदी)

   ज़िले के गंगेव ब्लॉक में एक और भष्ट्राचार का मामला प्रकाश में आया है जिसमे जनपद के मदरी पंचायत में कैलाश हायर सेकेंडरी प्राइवेट स्कूल के पीछे और संतोष शुक्ला के घर के पास अभी महज़ कुछ महीने पहले बनाई गई पीसीसी सड़क के परखच्चे उड़ गए हैं. 

सचिव सरपंच के आगे जनपद और ज़िला सीईओ भी हुए नतमस्तक

    ग्राम मदरी निवासी अवधेश गर्ग, राकेश शर्मा उपाध्याय, गौरव शुक्ला, स्वतंत्र शुक्ला, सौरभ शुक्ला, संतोष शुक्ला, पास स्थित हरिजन परिवार, और अन्य पंचायती हितग्राहियों द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी को बताया गया की पिछले 4 से 5 माह पहले बनाई गई इस पीसीसी सड़क के विषय में सीएम हेल्पलाइन और अन्य लिखित माध्यमो से शिकायत जनपद और ज़िला स्तर पर की गई थी लेकिन कोई सुनवाई नही हुई. मदरी के किसान और कांट्रेक्टर राकेश शर्मा उपाध्याय द्वारा बताया गया की उन्होंने इस बात को लेकर लिखित कंप्लेन दर्ज करवाई थी लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई. बता दें की मदरी ग्राम पंचायत में मनरेगा और पंच परमेश्वर के कार्यों में भारी अनियमितता देखी गई है जिस पर समय समय पर आवाज़ उठाई जाती रही है लेकिन मदरी ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव दिनेश उपाध्याय ने मिलकर पूरे पंचायती कार्यों की व्हाट लगा दी है और जनपद सीईओ और ज़िला सीईओ भी इनके सामने बौने साबित हो रहे हैं.

शान्तिधाम, खेल मैदान, चबूतरे सहित दर्जनों पंचायती कार्यों में हुआ भष्ट्राचार

     ग्राम पंचायत मदरी के हितग्राहियों सौरभ शुक्ला, अवधेश शुक्ला, राकेश उपाध्याय, स्वतंत्र शुक्ला, सहित दर्जनों लोगों ने बताया की मात्र पीसीसी सड़क ही नही यहां तो पूरे पंचायती कार्यों में ही फर्ज़ीवाड़ा चल रहा है. शान्तिधाम, खेल मैदान, चबूतरा निर्माण सहित सड़क एवं पीसीसी रोड के निर्माण में भारी धांधली देखने को मिली है. बताया गया की पीएम आवास में भी मनमानी का दौर जारी है जिसमे अपात्र लोगों के नाम आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है जबकि वास्तविक हितग्राहियों को पीछे छोंड़ दिया गया है.

मनरेगा जॉबकार्ड धारकों का ए टी एम लेकर निकाला जा रहा है पैसा

  बताया गया की आजकल मनरेगा जॉबकार्ड धारकों के संबंधित बैंक खातों का ए टी एम बैंक कर्मियों की सांठगांठ से इशू करवा लिया जाता है, जिसे सरपंच सचिव और उनके चमचे अपने पास रखते हैं और बिना मनरेगा हितग्राहियों की जानकारी के ही दनादन पैसा निकाला जा रहा है. यह फर्जीवाड़ा भी किसी एक पंचायत तक सीमित नही है. जनपद और ज़िले और संभवतः इस पूरे प्रदेश में आज यही चल रहा है जिसकी भी शिकायतें समय समय पर की जाती रही हैं.

   बिना काम के ही फ़र्ज़ी मस्टर रोल जारी करना, अपने पक्ष के कुछ चमचों का सरपंचों सचिवों द्वारा उस फ़र्ज़ी मस्टर रोल में नाम दर्ज कर देना जिससे जांच के दौरान बयान न बदल पाएं, उन मजदूर चमचों को कुछ दो चार सौ रुपये देकर फुरसत कर देना और बांकी का माल अपने पास रख लेना यह आज लगभग सभी पंचायतों में आम बात है. 

   दूसरे सब्दों में देखा जाए तो केंद्र सरकार की यह बहु उद्देशीय मनरेगा योजना फ्लॉप साबित हो रही है या यूं कहें की मनरेगा के नाम पर माजदूरों का शोषण किया जा रहा है जिसकी जानकारी तक माजदूरों को नही हो पाती और जिन्हें हो भी पाती है उनको कुछ दो चार सौर रुपये पकड़ाकर चुप करवा दिया जाता है.

संतोष शुक्ला के घर के पास पीसीसी सड़क की गुणवत्ता की जांच कर हो रेकवरी

  मदरी निवासी संतोष शुक्ला, गौरव शुक्ला, हरिजन बस्ती, अवधेश शुक्ला, राकेश शर्मा उपाध्याय सहित कई लोगों ने इस पीसीसी सड़क निर्माण में हुए गुणवत्ता की अनदेखी और फ़र्ज़ीवड़े की गहन जांच कर पूरे शासकीय राशि के रिकवरी की बात कही है और साथ ही सरपंच सचिव के ऊपर भष्ट्राचार उन्मूलन के तहत ई ओ डब्लू और लोकायुक्त के माध्यम से भी कार्यवाही की अपील की है. आगे बताया है की इस बात को ज़िले से लेकर प्रदेश और यहां तक की पी एम ओ लेवल तक उठाया जाएगा और पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 और 92 के तहत कार्यवाही की माग की है. इस विषय में यदि तत्काल कार्यवाही कर दोषियों को दंडित नही किया गया तो पंचायत वाशियों ने याचिका दायर करने की भी बात कही है.

संलग्न - कृपया संलग्न पीसीसी सड़क की फ़ोटो देखने का कष्ट करें.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता,रीवा मप्र

 मोबाइल - 7869992139, 9589152587

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