Wednesday, July 13, 2016

(रीवा) इटहा आंगनवाडी कार्यकर्ता की प्रताड़ना का सिलसिला जारी - प्रताड़ना के सहयोगियों में रीवा का महिला बाल विकास और महिला शसक्तीकरण विभाग भी

नमस्कार साथियों


विषय – इटहा आंगनवाडी कार्यकर्ता को प्रताड़ित करने का सिलसिला जारी, कैथा पंचायत के वर्तमान सरपंच और 354 के आरोपी संत कुमार पटेल के साथ-साथ महिला बाल विकास के अधिकारी कर्मचारियों की भी मिली भगत. उल्टा आईपीसी की धारा 354क और भ्रष्ट्राचार के आरोपी के कहने पर चले आते हैं रोज़-रोज़ आंगनवाडी केंद्र की जांच पर जबकि उसी क्षेत्र की अन्य दर्ज़नों आंगनवाडीयों पर लटकता है ताला जिसको देखने वाला कोई नहीं.

(गंगेव, जिला रीवा), थाना गढ़ अंतर्गत आने वाले गढ़ सेक्टर में आंगनवाडी केंद्र इटहा की आंगनवाडी कार्यकर्ता श्रीमती राजकुमारी पटेल पति सुग्रीव निवासी इटहा को प्रताड़ित करने की दिशा में मात्र कैथा पंचायत का वर्तमान सरपंच संत कुमार पटेल और उसके साथी रुक्मणी पटेल और अन्य ही नहीं हैं बल्कि गंगेव परियोजना अंतर्गत गढ़ सेक्टर की पर्यवेक्षक श्रीमती सावित्री सिंह भी लगी हुए हैं ऐसा प्रतीत हो रहा है. प्राप्त जानकारी से पता चला की प्रति सप्ताह 354क  का सह-आरोपी संत कुमार पटेल और उसका साथी रुक्मणी पटेल सी.एम. हेल्पलाइन और और लिखित भी शिकायत करता रहता है इस पर गढ़ सेक्टर की आंगनवाडी पर्यवेक्षक श्रीमती सावित्री सिंह और उनके गंगेव परियोजना के अन्य कर्मचारी हर हफ्ते इटहा आंगनवाडी केंद्र में जांच करने के लिए दो-तीन बार बैठे रहते हैं. इस सबसे कोई फर्क तो कार्यकर्ता श्रीमती राजकुमारी पटेल को नही पड़ता पर मानशिक रूप से प्रताड़ित होती हैं कि जब पूरे गंगेव ब्लाक में कोई भी आनागंवादी केंद्र नहीं खुलती तो रोज़ रोज़ इटहा आंगनवाडी केद्र की ही जांच भर क्यों की जा रही है जबकि यह आंगनवाडी प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार नियमित खुलती है.
ऐसा लगता है की कैथा का वर्तमान सरपंच संत कुमार पटेल तो 354 का आरोपी है ही उसके इस कृत्या में कहीं न कहीं सम्पूर्ण महिला एवं बाल विकाश विभाग रीवा की भी मिली भगत है. क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता तो महिला शसक्तीकरण और अबला, बालिकायों, जरूरतमंदो की वकालत करने वाले महिला शसक्तीकरण विभाग और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी अनिल जैन, शसक्तीकरण आयुक्त श्री गुप्ता और जॉइंट डायरेक्टर सौरभ सिंह जैसे अन्य भी तो अधिकारी बैठे हैं इन सबने पिछले दो वर्षों से लगाई जा रही गुहार पर कोई कार्यवाही नहीं की. मात्र इन सबके सह से ही अपराधी प्रकृति के लोगों के इतने हौसले बुलंद हैं की जिनके ऊपर स्वयम हाईकोर्ट में महिला की इज्ज़त आबरू को तार-तार करने वाले प्रकरणों के साथ साथ पंचायती कार्योंमे भ्रष्ट्राचार के दर्ज़नों केस चल रहे हैं, महिला एवं बाल विकास रीवा रोज़-रोज़ कैसे उन्ही की शिकायतों पर जांच और कार्यवाही करने चला आ रहा है यह बात समझ के परे जा रही है.

क्यों ऐसा है कि उक्त इटहा सम्बन्धी शिकायतें द्वेष भाव से हैं और
प्रताड़ित करने के उद्येश्य से हैं?

सबसे बड़ी बात तो यह है कि अभी हाल ही में यह पूरा का पूरा प्रकरण इटहा आंगनवाडी कार्यकर्ता श्रीमती राजकुमारी पटेल ने जिला और प्रदेश प्रशासन से व्यथित होकर हाईकोर्ट जबलपुर में प्रकरण क्रमांक WP: 2308/2016 लगाया था. तब जाकर हाईकोर्ट की नोटिस पर डीजीपी भोपाल और एसपी रीवा द्वारा गढ़ पुलिस ने मई 2016 के प्रथम सप्ताह में FIR क्र. 96/16 दर्ज किया गया जिसमे की आईपीसी की धाराएँ 354, 294, 506 और 34 लगाई गयीं थी .



यद्यपि किसी भी शासन-प्रशासन की व्यवस्था में शिकायतें तो होती ही हैं और उनमे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, और यह लोकतंत्र में जनता के अधिकार के अंतर्गत भी आता है. जनता शिकायत करने के लिए स्वतंत्र है और यदि शिकायतें सही हैं तो कार्यवाही होनी चाहिए और यदि गलत हैं तो कूड़े में जाती हैं. बिलकुल वही चल रहा है. खैर भारत में तो सही शिकायतें भी ले दे कर कूड़े में ही जा रही हैं. पर यह भी देखना होगा की शिकायतें कहाँ से आ रही हैं और कौन कर रहा है? मसलन, यदि सामाजिक मुद्दों को लेकर शिकायतें आ रही हैं और जिनमे समग्रता है और तथ्य हैं तो ऐसी शिकायतें संज्ञान लेने योग्य होती हैं और तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए और यदि कोई द्वेष भाव से और उस व्यक्ति अथवा एजेंसी से आ रही होती हैं जिसके ऊपर उच्च न्यायलय में प्रकरण चल रहे हों जो पहले से आरोपी हो और जिसके ऊपर पंचायतों में भी दर्ज़नों भ्रष्ट्राचार के प्रकरण चल रहे हैं जिनके पर्याप्त प्रमाण हों तो ऐसी शिकायतों की एक दो बार समीक्षा तो ठीक है और फिर इसके विषय में देखना होगा की यह जो किया जा रहा है वह द्वेष पूर्ण है. साथ ही जहाँ तक सवाल है इटहा आंगनवाडी तथा क्षेत्र के अन्य आंगनवाडी केन्द्रों का तो शिकायतें तो अन्य आंगनवाडी केन्द्रों की भी हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग यह बताये की पूरे गंगेव परियोजना अथवा पूरे रीवा जिले में उनके द्वारा प्रतिमाह कहाँ कहाँ और कितनी जांचे की जा रही हैं क्योंकि मैं स्वयम भी इस प्रकरण को सामूहिक रूप से कई बार रख चुका हूँ और पूरे तथ्य के साथ की पूरे रीवा जिले और विशेषतौर पर गंगेव परियोजना में ही केन्द्रों की बड़ी दुर्दशा है पर क्या महिला बाल विकास रीवा के बैठे अधिकारियों ने इस पर कोई सुधारात्मक संज्ञान लिया? कोई संज्ञान नहीं लिया और स्थिति अभी भी यथावत बरकरार है.

गंगेव परियोजना और जिला कार्यक्रम अधिकारी रीवा द्वारा इटहा आंगनवाडी कार्यकर्ता की पिछले नौ माह से रोकी गयी पेमेंट को हाईकोर्ट ने देने के निर्देश दिए –

अभी हाल ही में इटहा आंगनवाडी कार्यकर्ता ने हाई कोर्ट जबलपुर में एक अन्य याचिका दायर की थी जिसमे गंगेव परियोजना की पर्यवेक्षक श्रीमती सावित्री सिंह सहित, जिला कार्यक्रम के वर्तमान अधिकारी अनिल जैन आदि को पार्टी बनाया गया था और नियत बिन्दुओं के आधार पर अपील की गयी थी की उनकी कार्य पर उपस्थित होने के वावजूद रोकी गयी पेमेंट को दिया जाए. यह भी वास्तव में देखा जाए तो प्रताड़ना की ही एक कड़ी थी की कार्यकर्ता की गलती साबित करके पेमेंट रोक दो वह शांत पद जायेगी लेकिन जो सही है वह चुप तो नहीं बैठता और इस प्रकार आंगनवाडी कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट जबलपुर का दरवाज़ा पुनः खटखटाना उचित समझा. इस याचिका पर कार्यवाही करते हुए हाईकोर्ट जज श्री सुजोय पॉल ने साठ दिवस के भीतर जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल जैन को याचिकाकर्ता श्रीमती राजकुमारी पटेल को कारण स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं की क्यों उसकी पेमेंट रोकी गयी है.   
ज्ञातव्य है की श्रीमती राजकुमारी पटेल की याचिका क्रमांक: 10866/2016 में यह बात कही गयी है और साठ दिवश के अन्दर जवाब मागा गया है. आजकल सभी न्यायालयीन प्रकरणों को ऑनलाइन भी देखा जा सकता है. कृपया हाई कोर्ट की वेबसाइट में जाकर देख सकते हैं.

३५४क (354A, 294, 506, एवं 34) के आरोपी एवं भ्रष्ट सरपंच संत कुमार पटेल को तत्काल हटाने की माग – 

महिला प्रताड़ना एवं महिला के इज्ज़त आबरू को तार-तार करने के प्रयाश का सह-आरोपी एवं वर्तमान कैथा पंचायत के सरपंच संत कुमार पटेल को तत्काल प्रभाव के साथ कैथा के सरपंच पद से हटाने की माग रीवा कलेक्टर राहुल जैन, आयुक्त मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल, अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्य प्रदेश शासन भोपाल सहित अध्यक्ष महोदय मानवाधिकार आयोग भोपाल तथा प्रधानमंत्री महोदय भारत सरकार से भी की गयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी कार्यवाही चल रही है.



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शिवानन्द द्विवेदी
(सामजिक, एवं आर टी आई कार्यकर्ता)
ग्राम कैथा पोस्ट अमिलिया थाना गढ़
तहसील मनगवां जिला रीवा म. प्र.
मोबाइल – 7869992139

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