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विषय – (रीवा)
लोटनी पंचायत हरियाली प्रोजेक्ट को सरपंच द्वारा ही उजाड़ा जा रहा, पेंड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई - रक्षक ही बने भक्षक. आर टी आई के तहत
सम्पूर्ण रीवा जिले में वाटरशेड के अंतर्गत पौधारोपण की माँगी गयी जानकारी.
(लोटनी पंचायत, गंगेव ब्लाक), वर्ष 2007-08 में उस समय म.प्र. के
तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वाटरशेड परियोजना के अंतर्गत
सम्पूर्ण रीवा जिले सहित पूरे प्रदेश में हरियाली प्रोजेक्ट अंतर्गत वृक्षारोपण का
कार्य करवाया गया था. इसके लिए वाटरशेड समिति का गठन किया गया जिसके अंतर्गत कई उपयोगिता
दल बनाये गए. सभी उपयोगिता दलों को हरियाली परियोजना
अंतर्गत शासकीय अथवा निजी भूमि पर वृक्षारोपण का कार्य सौपा गया. इसी तारतम्य में गंगेव
ब्लाक रीवा की लोटनी पंचायत में भी वाटरशेड समिति का गठन हुआ जिसका अध्यक्ष
रामानंद पटेल को बनाया गया. रामानंद पटेल के वाटरशेड समिति के अंतर्गत छः उपयोगिता
दलों का गठन हुआ जिसमे हरियाली प्रोजेक्ट अंतर्गत पौधारोपण का कार्य हुआ. वर्तमान
में सम्पूर्ण लोटनी और सेदहा पंचायत में मात्र एक दिनेश सिंह का ही हरियाली
प्रोजेक्ट देखने लायक है जिसमे दिनेश सिंह ने ख़ून पसीना लगाकर पाला पोसा और उसमे
लगभग पांच सौ के ऊपर आमले के पेंड़ सहित सेधा, कहुआ, और जामुन के पेंड़ सैकड़ों एकड़ की
शासकीय भूमि पर फैले हुए हैं. लेकिन वर्तमान लोटनी पंचायत
के सरपंच राजराखन सिंह के द्वारा अवैध तरीके से इस हरियाली परियोजना के पेंड़ों को
कटवाया जा कर नष्ट किया जा रहा है. इसकी शिकायत दिनेश सिंह के द्वारा एस.डी.एम
.सिरमौर सहित वन मंडलाधिकारी जिला रीवा एवं कलेक्टर रीवा से की गयी है जिसमे अब तक
मात्र कार्यवाही का आश्वासन भर मिल पाया है. अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर श्री
धर्मेन्द्र मिश्र द्वारा इस सम्बन्ध में अच्छा प्रयास किया गया और तत्काल उन्होंने
संज्ञान लेते हुए तहसीलदार सिरमौर एवं सी.ई.ओ. गंगेव को भी लिखा जिसमे तत्काल जाँच
कर प्रतिवेदन की मांग एस.डी.एम. द्वारा की गयी है. जिला पंचायत रीवा में वाटरशेड
परियोजना के मुख्य श्री संजय सिंह ने जाँच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है
जिसका की इंतज़ार किया जा रहा है.
सम्पूर्ण रीवा जिले में ही वाटरशेड प्रोजेक्ट के अंतर्गत हुए पौधारोपण में भारी घोटाला सामने आया है. जिले की लगभग कई पंचायतों में हुए पौधारोपण में ज्यादातर पैसा वाटरशेड समिति के पदाधिकारियों के द्वारा हज़म कर लिया गया, जो पौधे लगे भी थे वह भी सुरक्षा एवं देख रेख की कमी की वजह से उजड़ गए. और जो शेष बंचे और उपयोगिता दल के सदस्यों द्वारा पाले गए उनको लोटनी पंचायत जैसे रक्षक ही भक्षक बनकर उजाड़ रहे हैं. दिनेश सिंह लोटनी वाले प्रकरण में दिनेश सिंह के उपयोगिता दल को मात्र दस वर्षों में वाटरशेड समिति द्वारा पंद्रह हज़ार रुपये दिए गए थे जबकि प्रावधान इससे कई गुना ज्यादा का था.
सम्पूर्ण रीवा जिले में वाटरशेड परियोजना के अंतर्गत हुए वृक्षारोपण के सन्दर्भ में इसकी कुल लागत, कहाँ कहाँ वृक्षारोपण हुए, और इसकी वर्तमान अवस्था क्या है आदि विषयक एक सूचना का अधिकार भी सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरण एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी द्वारा लगाया गया है जिसका की जवाब आना अभी बांकी है.
संलग्न - हरियाली प्रोजेक्ट के कटाई की फोटो.
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शिवानन्द द्विवेदी
(सामजिक, एवं आर टी आई कार्यकर्ता)
ग्राम कैथा पोस्ट अमिलिया थाना गढ़
तहसील मनगवां जिला रीवा म. प्र.
मोबाइल – 7869992139
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