Friday, May 4, 2018

बांस सहकारी समिति में किसानों पर अत्याचार (मामला ज़िले के गंगेव ब्लॉक अंतर्गत बांस सहकारी समिति के समिति प्रबंधक की मनमानी का)

दिनांक 05 मई 2018, स्थान - गढ़/गंगेव रीवा मप्र

(कैथा, रीवा-मप्र, शिवानन्द द्विवेदी)

     ज़िले में एक बार फिर सहकारी समितियों में मनमानी हावी हो रही है. समिति प्रबंधकों ने किसानों के साथ लूट मचा कर रखी है. दिए गए खाद बीज से कहीं अधिक कीमत वशूली जा रही है जबकि प्रदेश का मुखिया किसानों के व्याज अनुदान की बात कर रहा है. किसान मारे मारे फिर रहे हैं सबको पर्ची दिखा रहे हैं लेकिन कोई समाधान नही किया जा रहा है.

  बांस समिति प्रबंधक महेंद्र त्रिपाठी डटे हैं 20 वर्ष से

   ज़िले के गढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक मर्यादित बैंक अंतर्गत 9 समितियां आती हैं जिनमे एक बांस सेवा सहकारी समिति भी सम्मिलित है. बांस सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक का कार्यभार स्थानीय निवासी महेंद्र त्रिपाठी देखते हैं. बताया गया है की महेंद्र त्रिपाठी बांस समिति में पिछले 20 से अधिक वर्षों से काबिज़ हैं जबकि नियमानुसार सभी समितियों के प्रबंधक एक स्थान पर मात्र 3 वर्ष तक रह सकते हैं. 3 वर्ष के बाद स्थानांतरण होना नियमावली में आता है. परंतु जोर जुगुत लगाकर महेंद्र त्रिपाठी बांस में निरंतर जमे हुए हैं और साथ ही रीवा सहकारिता विभाग की कृपा से इन्हें 6 अन्य समितियों का भी प्रभार दिया गया है जो समझ के परे है.

पडुआ ग्राम के किसान ने लगाया अधिक वशूली का आरोप

  बांस समिति अंतर्गत आने वाले पडुआ ग्राम के पुस्तैनी निवासी रामसिया पटेल पिता प्रह्लाद पटेल ने बताया की उसने 3 अक्टूबर 2017 को 2 बोरी डी ए पी रुपये 2174 में बांस समिति से लिया था जिसे 4 मई 2018 को भरने गया तो समिति प्रबंधक बांस महेंद्र त्रिपाठी ने 2841 रुपये वसूल लिए. 

   पीड़ित रामसिया पटेल ने बताया की इससे बेहतर तो यही था की वह बाजार से ही खाद ले लेता तो इतना लंबा चूना नही लगता. रामसिया पटेल ने आगे बताया की हमारी फसल पूरी इस शूखे में नष्ट हो चुकी है और कोई उपज भी नही हुई साथ ही जबरदस्त घाटा भी लगा है ऐसे में समितियों की लूटाई से किसान और त्रस्त हो जाएगा और आत्महत्या करने पर मजबूर होगा. किसानों ने बताया की एक तरफ मुख्यमंत्री कर्ज़ में व्याज माफी की बात कर रहे हैं और साथ ही मात्र 50 प्रतिशत भरने की बात कर रहे हैं लेकिन समितियां हमसे अधिक वशूली कर रही हैं. पीड़ित रामसिया ने इस पर समिति प्रबंधक के ऊपर कार्यवाही की माग की है.

संलग्न - संलग्न तस्वीर में देखें पीड़ित किसान रामसिया पटेल पिता प्रह्लाद पटेल निवासी ग्राम पडुआ के 2 बोरी डी ए पी की 2174 की रशीद साथ ही ज्यादा वशूली गयी राशि 2841 रुपये की रशीद दिनांक 4 मई 2018. पीड़ित रामसिया पटेल की फ़ोटो भी संलग्न है.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र,

7869992139, 9589152587

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