Friday, May 4, 2018

डेडलाइन 30 अप्रैल, पर काम 25% भी नही (मामला ज़िले के मऊगंज पीएम सड़क परियोजना अन्तर्गत कैथा से अगडाल 9.4 किमी पीएम सड़क मार्ग का जिसे नियमानुसार 24 जनवरी 2018 को पूर्ण होना था,कैथा से अगडाल पीएम सड़क में भ्रष्ट्राचार और मनमानी का बोलबाला)

दिनांक 04 मई 2018, स्थान - गढ़, गंगेव रीवा मप्र

(कैथा, रीवा-मप्र, शिवानन्द द्विवेदी)

   ज़िले के मऊगंज पीएम परियोजना सेक्टर अन्तर्गत आने वाली गंगेव ब्लॉक की सभी पीएम सड़कें भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ रही हैं. प्रधानमंत्री सड़क परियोजना के अधिकारियों और पीएम सड़क के ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों की परियोजना में चुना लगाया जा रहा है. यह बात आयके दिन निरंतर मीडिया में रहती है फिर भी पीएम सड़क के अधिकारियों की नीद नही खुल रही है.

कैथा से आगडाल 9.4 किमी सड़क को 24 जनवरी को होना था पूर्ण

  बता दें की बहुचर्चित कैथा से अगडाल प्रधानमंत्री सड़क का कार्य 24 जनवरी को पूर्ण होना था मगर अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से इसमे लेटलतीफी की जा रही है. जबकि यह बात दर्जनों मर्तबा संबंधित पीएम सड़क के अधिकारियों के समक्ष रखी जा चुकी है.

जांच के नाम पर करते हैं कोरम पूर्ती

  जब भी पीएम सड़क में मनमानी और घटिया गुणवत्ता की शिकायत संबंधित अधिकारियों के समक्ष की जाती है तो मात्र जांच के नाम पर कोरम पूर्ति की जाती है. यही सिलसिला पिछले कई महीनों से चल रहा है.

   पुलो का हुआ घटिया निर्माण 

   कैथा से अगडाल प्रधानमंत्री सड़क मार्ग की पुलो का घटिया निर्माण किया गया है जिसकी शिकायत समय समय पर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा संबंधित पीएम सड़क के अधिकारियों के समक्ष की गई है लेकिन जांच के नाम पर मात्र कोरम पूर्ति ही हुई है और ठेकेदार से मिल बांटकर मामला रफा दफा करने का प्रयाश किया गया है.

 पिछले साल भर में मऊगंज के 3 जीएम बदले

  पिछले साल भर में मऊगंज पीएम सड़क परियोजना के 3 जीएम और ए एम बदले हैं लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. जो जीएम आता है वही पुरानी प्रक्रिया अपनाता है. ऐसा लगता है पहले से ही अब कुछ फिक्स्ड है. 

वर्तमान जीएम नरवरिया देते हैं मात्र आश्वासन 

   वर्तमान समय में मऊगंज प्रधानमंत्री सड़क परियोजना में पदस्थ जनरल मैनेजर नरवरिया को गंगेव ब्लॉक अंतर्गत बनाई जा रही घटिया गुणवत्ता की सड़कों की जनकारी दी गई है और सही जांच कर ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की माग की गई है लेकिन जीएम नरवरिया मात्र डेट देते हैं, जब भी उन्हें मौके पर जांच करने के लिए बुलाया जाता है तो उनका कहना होता है की कल आ रहा हूँ और आज महीने हर हो रहे हैं कभी भी भौतिक सत्यापन करने नही आये.

उपयंत्री अमित गुप्ता और टीएल करते हैं मात्र खानापूर्ति

   मऊगंज पीएम सड़क के उपयंत्री अमित गुप्ता और टीम लीडर जांच के नाम पर मात्र खानापूर्ति कर रहे हैं. ऐसा लगता है की यह दोनो अधिकारी मात्र तमाशा करने के लिए ग्राउंड पर आते हैं. पिछली लगभग आधा दर्ज़न से अधिक जांचों में अमित गुप्ता और टीम लीडर आये मगर इनकी जांचों से कहीं कुछ हुआ ही नही. जो स्थिति बनी हुई थी वही अभी भी है. पुलो का घटिया निर्माण हुआ, लौरी नंबर 3 में सड़क उखड़ी, घटिया सामग्री का उपयोग हुआ यह सब कुछ यह अपनी आंखों से देखकर गए लेकिन कुछ नही किया. इससे साफ जाहिर है की इन सबकी ठेकेदारों से मिलीभगत है जिसका की परिणाम है घटिया किश्म की सड़क और समय पर न बन पाना.

सीजीएम यू वी सिंह ने कहा हम आपके नीचे नही हैं जो आपके हर बात का जबाब देंगे

   यहां जनता के टैक्स पर पलने बढ़ने वाले आज जनता के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री सड़क विभाग का सबसे बड़ा संभागीय अधिकारी गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहा है। जब मुख्य महाप्रबंधक ज़िला रीवा यू वी सिंह से संपर्क किया गया तो उसके द्वारा वताया गया कि आप व्हाट्सएप्प अथवा ईमेल अथवा लिखित तौर पर कंप्लेन दर्ज कराए तब कार्यवाही करेंगे। अभी उसे व्हाट्सएप्प के माध्यम से सभी न्यूज़पेपर की कटिंग के साथ डिटेल भेज दिया गया फिर भी घुमा फिरा कर बात कर रहा है। जब बात कार्यवाही की आती है तब अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, बात आई ठेकेदार का ठेका निरस्त करने एवं उसे ब्लैक लिस्ट करने की तब बोला कि हम आपके नीचे नही हैं जो हर चीज़ का जबाब देंगे। पर इन नौकरों को पता होना चाहिए कि ये जनता के नौकर ही हैं उसके मालिक नही अन्यथा लोकतंत्र चल नही पायेगा। क्योंकि फिर हर कोई मालिक बनने का प्रयास करने लगेगा। यू वी सिंह एक जिम्मेदार पोस्ट पर बैठा संभागीय अधिकारी है इसे ऐसे बात करना इसके अखड़पन को दर्शाता है।

रीवा और मऊगंज पीएम सड़क विभाग की मिलीभगत का परिणाम पीएम सड़कों का सत्यानाश

   इन रीवा और मऊगंज पीएम सड़क अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलकर पूरी पीएम सड़कों का सत्यानाश कर दिया है। इनकी मिलीभगत से घटिया सड़कों का निर्माण किया जा रहा। जांच के नाम पर मात्र ये कोरम पूर्ति करते हैं। ठेकेदारों से इनकी कमीशन बंधी रहती है। पूरा कमीशन का खेल चल रहा है।

ठेकेदार इन सब पीएम सड़क के अधिकारियों को खरीद लेते हैं और फिर मनमुताबिक जो चाहते हैं वही करते हैं। नतीजा यह है कि जो सड़कें कई वर्षों पहले बनकर तैयार हो जानी चाहिए थी वह आजतक कम्पलीट नही हुई हैं। निरंतर निम्न दर्ज़े की निर्माण सामग्री का प्रयोग कर घटिया गुणवत्ता की सड़कें बनाई जा रही है। पुलों के निर्माण में भी दोयम और निम्न दर्ज़े की सामग्री उपयोग की गयी है जिससे पुलें बनते ही टूट गयी हैं उनमें दरारें आ गयी हैं।

कई डेडलाइन जारी, पर काम में नही हुई कोई प्रगति

   कैथा से अगडाल 9.4 किमी पीएम सड़क को पूर्ण करने वास्ते रीवा पीएम सड़क विभाग के माध्यम से कई डेडलाइन जारी की जा चुकी हैं. जीएम मऊगंज नरवरिया, एएम सुजीत कुमार निगम और उपयंत्री अमित गुप्ता द्वारा जानकारी दी गई की प्रारंभिक तौर पर सोनभद्र कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड का इस पीएम सड़क को पूर्ण करने का ठेका मात्र 24 जनवरी 2018 तक ही था इसके वावजूद भी ठेकेदार को कई नोटिस जारी की जा चुकी हैं जिसमे 7 अप्रैल, 30 अप्रैल और 15 मई की नोटिस परंतु कार्य में 33 प्रतिशत भी प्रगति नही हुई है, तथा जो 3 किमी सड़क बनाई भी गई है वह भी उखड़ने लगी है. इस प्रकार समझ में आता है पीएम सड़क विभाग के मौखिक और कागज़ी फरमानों का भी इन ठेकेदारों पर कोई प्रभाव नही पड़ रहा है तो इसका मतलब एक ही है की इनका ठेका पूरी तरह से निरस्त किया जाकर पुनः नए शिरे से टेंडर प्रक्रिया होनी चाहिए.

समयसीमा पर नही बन पायी पीएम सड़क, अब ठेका हो निरस्त

   जिस प्रकार 3 करोड़ 33 लाख की लॉगत से बनाई जा रही कैथा से अगडाल 9.4 किमी पीएम सड़क को घटिया तरीके से बनाया जा रहा है और गुणवत्ता का कोई ध्यान नही दिया जा रहा है ऐसे में मापदंडों की अनदेखी करने के कारण सोनभद्र कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड का ठेका निरस्त होना चाहिए और घटिया काम की पूरी रिकवरी होनी चाहिए. इस बाबत सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा पीएम सड़क के अधिकारियों जीएम नरवरिया, सीजीएम यू वी सिंह, और सीईओ पीएम सड़क भोपाल सेअहित दिल्ली एनएनआरडीए विभाग तक कंप्लेन दर्ज करवायी जा चुकी है. अब तक इस विषय के कार्यवाही समझ नही आई है परंतु कार्य में कोई प्रगति समझ नही आ रही है जबकि सरकारें निरंतर घोषणाएं कर रही हैं की सभी अपूर्ण कार्य समयसीमा में पूरे किये जाएं. पर इन घोषणाओं का कहीं कुछ भी प्रभाव नही पड़ता दिख रहा.

संलग्न - संलग्न तस्वीर में देखें कैथा से अगडाल पीएम सड़क मार्ग की घटिया स्थिति जहां आज तक मोरम तक नही डाली गई है. पिछले दिनों रीवा में हुई तूफानी बारिस की वजह से रोड की दुर्दशा.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र, मोबाइल 7869992139, 90589152587

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