Wednesday, July 11, 2018

गंगेव बाजार में वाहन की ठोकर से गाय की मौत (ज़िला रीवा मप्र)

दिनांक 11 जुलाई 2018, स्थान - गंगेव ब्लॉक रीवा मप्र

   👉 रीवा ज़िले में पशुओं की दुर्दशा दिन प्रतिदिन बढ़ती देखी जा रही है. अभी हाल ही में कई पशुओं का करंट में फसकर मौत की खबर पुरानी नही हुई है उधर गगेव बाजार में गर्ल्स स्कूल के पास दिनांक 10 जुलाई को किसी भारी वाहन ने ठोकर मार दिया जिस पर गाय की तत्काल मौत हो गई. 

      अभी पिछले दिनों त्योंथर तहसील अन्तर्गत आने वाले देउर ग्राम पंचायत में भी दिलीप सिंह द्वारा घायल गाय पड़ी होने की सूचना दी गई थी साथ ही गंगेव ब्लॉक अन्तर्गत पनगड़ी एवं मदरी पंचायत में भी निरंतर गो प्रताड़ना और पशु क्रूरता की बारदतें शिवेंद्रमणि शुक्ला, प्रमोद सिंह, वंशगोपाल सिंह  एवं डॉक्टर अम्बिका पटेल द्वारा सूचित की गईं थी जिस पर सामाजिक कार्यकर्ता एवं गोवंशों कर अधिकार के लिए कार्य करने वाले शिवानन्द द्विवेदी द्वारा सम्बंधित पशु चिकित्सा विभाग को बुलाकर इलाज कराया गया था।.

💥 *आवारा पशुओं की नही है कोई व्यवस्था*

   आज आवारा छोड़ दिए गए पशु जगह जगह प्रताड़ित किये जा रहे हैं. जब तक यह गायें समाज के लिए काम की रहती हैं दूध और दुग्ध उत्पाद देती हैं तो समाज इनको घर में रखता है लेकिन जैसे ही यह दूध देना बन्द कर देती हैं वैसे ही लवारित छोड़ दी जाती हैं.

💥 *सरकार नही दे रही कोई ध्यान*

   सबसे बड़ी समस्या यह है की चूंकि गोवंश वोट नही डाल सकते हैं अतः इन सरकारों के लिए किसी प्रयोजन के नही हैं. जब समाज ही इन्हें नकार चुका है और वह भी हिन्दू बाहुल्य समाज तो फिर सरकार की बातें कौन करे. आज गोवंशों और पशुओं के लिए मारे मारे फिरने के अतिरिक्त और कोई दूसरा रास्ता नही दिख रहा है. मप्र सरकार ने गो संवर्धन बोर्ड का गठन तक करके रखा है लेकिन इसका भी कोई विशेष प्रभाव गोवंशों की सुरक्षा में नही दिख रहा है. गोवंशों को आज देखने वाला न कोई इंसान है और न ही भगवान. अभी कुछ ही दिनों में गोवंश प्रताड़ना का एक और भी वीभत्स रूप देखने को मिलने लगेगा जब किसान अपनी खेती की सुरक्षा के नाम पर अवैध बाड़ों में इन्हें ठूंस देंगे जहां पर न तो  इनके लिए कोई चारा पानी की समुचित व्यवस्था रहेगी और न ही कोई छत्र छाया. 

आज आवश्यकता है हमारे इस समाज को बैठकर सोचने की क्या भारतीय समाज जिंसमे कण कण में ईश्वर का वास बताया जाता है, हर जीव की आत्मा में परमात्मा का होना बताया जाता है, आज भारतीय संस्कृति में माता की उपमा प्राप्त गौमाता की क्या यही दुर्दशा होनी चाहिए?

💥 *संलग्न* - गंगेव रीवा मप्र में बीच बाजार में भारी वाहन की ठोकर खाकर मौत से घाट उतर चुकी गौमाता की मृत तस्वीर....

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🙏 *शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 7869992139, 9589152587*🙏

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