Thursday, July 12, 2018

क्योटी-कलवारी मार्ग की शुरू हुई शोल्डरिंग, सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा उठाया गया था मामला (ज़िला रीवा के क्योटी से कलवारी एमपीआरडीसी सड़क का जिसे 2 वर्ष पहले बनाया गया था, किनारों से उखड़ रही है रोड, विभाग द्वारा की जा रही थी देरी)

दिनांक 13 जुलाई 2018, स्थान - भठवा/लालगांव रीवा मप्र

(कैथा से शिवानन्द द्विवेदी)

   मीडिया और सोशल वर्क का ही प्रभाव है की जिन छोटी छोटी बातों को समाज और प्रशासन कभी ध्यान नही देता उन बातों को मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ता बड़े ही गहराई से पकड़ लेते हैं. नतीज़ा यह होता है कि जिन कार्यों को समाज असंभव समझता है वह जनहित के कार्य होने लगते हैं. 

   समस्या सरकार अथवा प्रशासन की कम कही जा सकती है, समस्या है समाज की. समाज आज इतना नकारात्मक हो चुका है की हर व्यक्ति मात्र अपने व्यक्तिगत अथवा पारिवारिक हित के आगे सोच ही नही पा रहा है. लेकिन जब भी लीक से हटकर सामाजिक मुद्दों पर बात उठाई जाती है तो सरकार प्रशासन को सुनना ही पड़ता है. 

   आवश्यकता है जनहित के मुद्दों को उठाने की और लगे रहने की. हाँ संभव है की एक या दो बार मुद्दे रखने से शायद समस्या का समाधान न हो लेकिन समाज को जनहित के कार्यों में लगे रहने की आवश्यकता है सुनवाई जरूर होती है. 100 प्रतिशत न सही पर 75 प्रतिशत तो काम होगा ही.

क्योटी से कलवारी मार्ग की दुर्दशा का उठा था मुद्दा

   अभी पिछले दिनों सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा ज़िले एवं प्रदेश की मीडिया के सहयोग से जनहित का विशेष मुद्दा उठाया गया था जिंसमे क्योटी से कलवारी मार्ग पर हो रही ताबड़तोड़ ओवरलोडिंग वाहनों के यातायात की बात रखी गई थी जो बनकुइयाँ, सतना, मैहर, सेमरिया से होते हुए टोल टैक्स बचाने के उद्देश्य से क्योटी कलवारी मार्ग की तेरही करने में तुले थे. जिसकी वजह से यह मार्ग बुरी तरह से टूट रहा था. पिछले 2 वर्ष से मरम्मत कार्य न किये जाने के कारण मार्ग के साइड में शोल्डरिंग टूट रही थी, मोरम हट रही थी जिससे काफी मजबूत मार्ग भी समय से पहले ही टूटने लगा था. इस बात को जब रीवा संभाग एवं प्रदेश से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों सहित अन्य फेसबुक, ट्विटर, ईमेल आदि के माध्यम से संबंधितों के पास तक पहुचाया गया तो इस पर कार्यवाही होने लगी. परंतु कार्यवाही उपयुक्त तरीके से नही हो रही थी जिसके कारण भोपाल मप्र के एमपीआरडीसी विभाग के उच्चधिकारियों को सूचित किया गया उनसे ईमेल, मोबाइल व्हाट्सएप्प में कंप्लेंट की गई जिस पर कार्यवाही का आश्वाशन मिला. जिसके परिणाम स्वरूप अब जाकर जुलाई में थोड़ा बहुत कार्य प्रारम्भ हुआ है जिंसमे हिनौती के पास कुछ शोल्डरिंग कार्य का होना पाया गया है जिंसमे ग्रेडर की मदद से आसपास ही किनारों पर उपस्थित मोरम और जीएसबी को शोल्डर में डाला जा रहा है. 

पर्याप्त नही है कार्य, जिम्मेदारी पूर्वक करने की है जरूरत

   अभी जो कार्य होना पाया गया है वह पर्याप्त नही कहा जा सकता है क्योंकि ग्रेडर के माध्यम से वहीं आसपास किनारों की मोरम और जीएसबी को ही शोल्डर में डाला जा रहा है जिसके कारण साइड में उतार जैसी स्थिति निर्मित होने से किनारों पर वाहनों का ज्यादा झुकाव होने से एक्सीडेंट की संभावना बढ़ सकती है.

गारंटी पीरियड में दिलीप बिल्डकॉन को अलग से जीएसबी डालने की है जरूरत

  चूंकि पूरा सड़क का कार्य अभी भी गारंटी पीरियड में है अतः सड़क निर्माता कंपनी दिलीप बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को चाहिए पूरी सड़क की नए सिरे से मरम्मत करे और शोल्डर में बाहर से लाकर जीएसबी गिट्टी आदि डाली जाए और उसको लोडर और ग्रेडर चलाकर कायदे से बैठाया जाना चाहिए जिससे एक बार पुनः शोल्डर कुछ 2 से 3 साल के लिए मजबूत हो जाए.

संलग्न - क्योटी कलवारी मार्ग में हिनौती के पास किया जा रहा शोल्डरिंग के कार्य का दृश्य जिंसमे थोड़ा बहुत कार्य किया गया है, सड़क का तरीके से मरम्मत और शोल्डरिंग कार्य किया जाना चाहिए.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक केवाम मानवाधिकार कार्यकर्ता, 

ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 7869992139, 9589152587

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