Tuesday, July 17, 2018

इलाहाबाद बैंक ने दिया 30 हज़ार और बता रहा 50 हज़ार (मामला कटरा इलाहाबाद बैंक का जहां पर मुख्यमंत्री आवास योजना के हितग्राही प्राणाधार नापित को मिले मात्र 30 हज़ार पर बैंक ने भेजी 57900 रुपये की वशूली नोटिस, पीड़ित भटक रहा दर दर, नही हो रही कोई सुनवाई)

दिनाँक 17 जुलाई 2018, स्थान - कटरा, रीवा मप्र

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी)

    ज़िले के कटरा स्थित इलाहाबाद बैंक में मुख्यमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायत का मामला सामने आया है. 

    पीड़ित हितग्राही प्राणाधार सेन पिता राजमणि सेन उम्र लगभग 33 वर्ष निवासी करहिया त्योंथर ब्लॉक रीवा द्वारा बताया गया की उसने वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत इलाहाबाद बैंक घूम-कटरा से एक लाख बीस हज़ार रुपये के लोन के लिए अप्लाई किया था लेकिन पीड़ित द्वारा बताया गया की उस समय इलाहाबाद बैंक में कार्यरत बैंककर्मी चंदन द्वारा कहा गया की तुम्हे 10 हज़ार रुपये देने पड़ेंगे तभी लोन सैंक्शन होगा. तब पीड़ित प्राणाधार ने कहा की मैं एक पैसे घूस नही दूंगा चाहे आप लोन दो या न दो. 

   इसके बाद सीईओ जनपद पंचायत त्योंथर को भी आवेदन देकर 6 मार्च 2017 को सूचित किया गया था. पीड़ित ने बताया की उसे मात्र दो क़िस्त में 15 हज़ार रुपये प्रत्येक किश्त के हिसाब से कुल 30 हज़ार मिले और उसके बाद कोई एक पैसा नही आया. लेकिन पीड़ित ने बताया की जब उसको दिनाँक 24/04/2017 को बसूली का नोटिस आया तब उसमे 57 हज़ार रुपये की बसूली के हिसाब से व्याज सहित 57900 रुपये का नोटिस आया. पीड़ित प्राणाधार द्वारा आगे बताया गया की वशूली नोटिस में दर्ज उसका बैंक खाता भी भिन्न और खाता क्रमांक 320971617 दर्ज है. पीड़ित द्वारा बताया गया की दिनांक 27/06/2017 को इलाहाबाद बैंक प्रबंधक घूम-कटरा के नाम लिखे पत्र में पीड़ित द्वारा लेख किया गया है की अतिरिक्त 27 हज़ार रुपये बैंक ने किसे अदा किया है यह पीड़ित को पता नही क्योंकि पीड़ित को कभी भी 30 हज़ार रुपये के अतिरिक्त कोई अन्य राशि नही मिली है अतः इसकी विधिवत जांच कर पीड़ित के साथ न्याय करें. पीड़ित द्वारा आगे बताया गया इलाहाबाद बैंक द्वारा अनायास ही पीड़ित को परेशान किया जा रहा है जिस पर पीड़ित ने कड़ी कार्यवाही की माग की है. जबकि संलग्न पासबुक में देखने पर पता चला कि कागज़ी तौर पर बैंक बिल्कुल दुरुस्त है। मसलन फर्जीवाड़ा तो प्राणाधार द्वारा बताया गया लेकिन प्राणाधार से सभी जरूरी आहरण फॉर्म में हस्ताक्षर करवा लिया गया होगा क्योंकि एक तरफ पीड़ित प्राणाधार द्वारा तो बताया जा रहा है कि उसे 30 हज़ार से अधिक एक पैसे नही मिले लेकिन दिनांक 6/2/16 को खाता क्रमांक 503209971817 जो कि इनका लोन एकाउंट है इसखाते से 50 हज़ार अंतरित हुआ बताया गया है साथ ही दिनांक 6/2/16 एवं 8/2/16 को ही राशि तीन बार में 15 हज़ार दो बार एवं 30 हज़ार एकबार में निकाली जा चुकी है। इस प्रकार कुल जमा 50 हज़ार निकाल लिए गए। अब प्रश्न यह है कि यदि 50 हज़ार की निकासी हुई तो किसने निकाला क्योंकि पीड़ित प्राणाधार सेन का कहना है कि उसे तो मात्र 30 हज़ार ही मिला है तो आखिर 8 फरवरी 2016 को अतिरिक्त 20 हज़ार रुपये किसने निकाल लिए।

संलग्न - पीड़ित को वशूली नोटिस, प्रार्थी द्वारा सीईओ त्योंथर सहित इलाहाबाद बैंक को दिए गए विभिन्न आवेदनों की प्रतियां साथ ही पीड़ित प्राणाधार सेन पिता राजमणि सेन थाना गढ़, रीवा मप्र की शिकायत के साथ फ़ोटो.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

ज़िला रीवा मप्र, मोबाइल 7869992139, 9589152587

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