दिनांक 27 जून 2018, स्थान - सिरमौर रीवा मप्र
(कैथा, रीवा-मप्र, शिवानन्द द्विवेदी)
ज़िले के सिरमौर तहसील के माननीय महामहिम श्रीमान अनुविभागीय एवं दण्डाधिकारी श्री अग्निहोत्री जी से मोबाइल पर बात करना आम नागरिक और इस देश की जनता को बहुत भारी पड़ सकता है. इसका खुलासा महामहिम एसडीएम महोदय श्री अग्निहोत्री जी ने सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी से मोबाइल पर वार्तालाप के दौरान कही और धमकी भरे अंदाज़ में बताया कि यदि मोबाइल फ़ोन किया तो खैर नही।
सप्ताह भर से लटके आवश्यक हस्ताक्षर
भठवा-मदरी निवासी अम्बिका पटेल द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता को फ़ोन करके अपनी व्यथा रखी गई. अम्बिका पटेल ने मोबाइल फ़ोन पर जानकारी दी की उनकी बेटी का किसी फार्मेसी में एडमिशन करवाने के लिए अंतिम तिथि निकल रही है और दिनाँक 21 जून 2018 को उन्होंने आवेदन महामहिम एसडीएम महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया था लेकिन आज सप्ताह भर से वह अनुविभागीय आधिकारी सिरमौर के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनके कागज़ में एक सामान्य सा हस्ताक्षर नही हो सका है जिससे पम्बिका पटेल को डर है की कहीं उनकी बेटी का फार्मेसी में एडमिशन न रुक जाए और वह बहुत परेशान हैं. अब अमूमन कार्यालय में किसी भी अधिकारी का मोबाइल फ़ोन आज नोटिस बोर्ड में लिखा रहता है लेकिन सिरमौर में ऐसा नही है. और न ही किसी कर्मचारी ने जानकारी दी.
अम्बिका पटेल की जानकारी के आधार पर श्रीमान महामहिम एसडीएम महोदय श्री अग्निहोत्री जी को सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा कॉल किया गया और अपना परिचय के साथ ही बताया गया की आपके सिरमौर क्षेत्र के कुछ हितग्राही आपका इंतज़ार कर रहे हैं और उनको कुछ विशेष दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाने हैं जिससे वह परेशान हैं. कार्य आवश्यक है अतः आप बताने का कष्ट करें की कहां हैं तो काम करवा लिया जाए. बस इतनी बात हुई नही की महामहिम एसडीएम महोदय सिरमौर टूट पड़े. बोले तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हमे कॉल करने की. तुम मुझे कॉल नही कर सकते और तुम मुझे जानते नही जाकर हमारे बारे में पता कर लेना, जो भी है लिखित रूप से आफिस में देकर आओ. सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा जो भी जानकारी थी उसके आधार पर बताया गया की आवेदन आपके कार्यालय में पहले से ही दिया गया है और हितग्राही परेशान हैं आपका पिछले कई दिनों से कार्यालय में इंतज़ार कर रहे हैं और उनके आवश्यक कार्य रुके हुए हैं तो आखिर एक एसडीएम का कार्यालय में भी कुछ घंटे बैठना आवश्यक होता है जिससे आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी हो सके. इस प्रकार महामहिम एसडीएम महोदय ने कहा की हमे नियम कायदा मत बताओ.
एसडीएम ने कहा बार बार फ़ोन करके चमकाते हो
यह तो कुछ ज्यादा ही हो गया की एक आम नागरिक यदि इन महामहिम महोदय से आम जन मानस की समस्या रखे तो इनका कहना है की इन्हें बार बार फ़ोन करके चमकाया जाता है. इसके पूर्व इस सिरमौर एसडीएम से मात्र एक बार सामाजिक कार्यकर्ता की बात हुई थी जब कुछ भावन्तर योजना के राई और मसूर वाले हितग्राही बैकुंठपुर अंतर्गत आने आली मझगवां खरीदी केंद्र में किसानों को समस्या हो रही थी तब बड़ोखर ग्राम के एक किसान देवेंद्र सिंह परिहार के मोबाइल पर जानकारी के आधार पर इस एसडीएम अग्निहोत्री से मात्र ये आग्रह किया गया था की पिछले तीन दिन से जो किसान मझगवां खरीदी केंद्र में लाइन लगाए खड़े हुए हैं उनकी फसल को बेचने के लिए समिति प्रबंधक द्वारा कूपन नही दिया जा रहा है अतः उन्हें कूपन दिलवाया जाए जिससे 50 किमी से अधिक दूर से आये हुए किसान परेशान न हो और उनकी फसल की खरीदी हो जाए.
परंतु इस सिरमौर एसडीएम अग्निहोत्री ने कहा की जाकर आवेदन दें. जो समस्या होगी उसका आवेदन और लिखित शिकायत के आधार पर निराकरण किया जाएगा. तब सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा कहा गया की खरीदी का अंतिम दिन कल है और आपको आज यदि आवेदन दिया जाएगा तो कब तक उसका समाधान किया जाएगा, आपकी टेबल पर आवेदन कब तक पहुचेगा और जब डेट चली जायेगी तो निराकरण क्या होगा। इसलिए समस्या की गंभीरता को देखते हुए किसानों की समस्या का ऑन स्पॉट समाधान करने की आवश्यकता है न की यहॉं लिखा पढ़ी की. यदि आवश्यक होगा तो किसान लिखा पढ़ी भी करेंगे लेकिन 3 दिन से कतार में खड़े हुए किसान अभी लिखा पढ़ी नही कर सकते. इस पर इस सिरमौर एसडीएम ने कहा की हमे नियम कानून मत बताओ और हमे आदेश मत दो. अब इस बात पर स्वयं ही समझा जा सकता है की इसमे आदेश की क्या बात थी. यह तो सामान्य बात है कि आज हर नागरिक किसी भी अधिकारी हो या प्रधानमंत्री हो उसके समक्ष रख सकता है. लेकिन इस सिरमौर एसडीएम को यह बात नागवार नही लगी.
सिरमौर एसडीएम हिटलरशाही पर उतारू
जिस प्रकार से सामाजिक कार्यकर्ता से सामान्य जन के सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के दौरान मोबाइल पर सिरमौर एसडीएम ने बात कही है उससे एक लोकसेवक नही बल्कि तानाशाह होने की बू आ रही है. इस प्रकार की बात एक लोकसेवक द्वारा करके आम व्यक्ति को शासन प्रशासन से दूर किया जा रहा है. उसे डराने और धमकाने का प्रयाश किया जा रहा है. लेकिन इससे बात बनने वाली नही है. शिवानन्द द्विवेदी जैसे हर एक आम गांव के व्यक्ति में हिम्मत भी नही की इस तरह बेहूदी किश्म की बात करने वाले एसडीएम से बात कर पाएंगे। स्वाभाविक है यह एसडीएम आम आदमी के साथ कैसा दुर्व्यवहार करता होगा इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है। वैसे सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा नियम से हटकर किसी भी अधिकारी कर्मचारी से कुछ भी गलत करवाने का प्रयास नही किया गया।
लोकसेवक लोकतांत्रिक परंपरा में जनता का नौकर
एक लोकसेवक लोकतांत्रिक परंपरा में जनता के टैक्स पर पलने वाला जनता का नौकर होता है जनता का मालिक नही. यदि सिरमौर एसडीएम अग्निहोत्री को यह लगता है की वह जनता के मालिक हैं तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है। जनता अपने नौकरों से अपने टैक्स के एक एक पैसे की दिए जाने वाले पेमेंट की जानकारी तो लेगी ही और वह उसका पूरा अधिकार बनता है। जब लोकतंत्र हट जाएगा और तानाशाही आ जाएगी तब जनता भी उस तानाशाही का जबाब देगी। फिलहाल तो लोकतंत्र है और लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है।
एसडीएम अग्निहोत्री कई दिनों से थे अनुपस्थित
बता दें कि अम्बिका पटेल निवासी मदरी द्वारा जानकारी दी गयी कि सिरमौर एसडीएम अग्निहोत्री कई दिनों से अनुपस्थित थे। जब दिनाँक 26 जून को हितग्राही सिरमौर कार्यालय पहुचे तो उन्हें पता चला कि एसडीएम कई दिनों से कार्यालय में नही आये थे इसलिए फ़ाइल का अंबार लगा था।
फ़ोन करने के बाद ही सिरमौर एसडीएम अपने कार्यालय में उपस्थित हुए
जब सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा एसडीएम को फ़ोन किया गया तभी वह कार्यालय पहुचे और आवेदक अम्बिका पटेल को बुलाया और उनके बेटी के कागज़ में हस्ताक्षर किया। अम्बिका पटेल ने बताया कि उन्हें भी एसडीएम ने कहा कि फ़ोन करवाकर चमकवाते हो।
अब तो ऐसे एसडीएम से बात करने में भी लोगों को डर लगेगा कि बात करने के जुर्म में कहीं जेल न करवा दें!
सिरमौर एसडीएम अग्निहोत्री की शिकायत हुई सीएम और पीएम को
जिस प्रकार से सिरमौर एसडीएम अग्निहोत्री ने सामाजिक कार्यकर्ता के साथ बदसलूकी से बात की और अपना हिटलरशाही वाला रुतबा दिखाया इसकी शिकायत सीधे ईमेल और पीजी पोर्टल पीएमओ पोर्टल के द्वारा ऑनलाइन कर दी गई है और ऐसे एसडीएम के ऊपर कार्यवाही करते हुए एक्शन लेने की अपील की गई है क्योंकि सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा एसडीएम अग्निहोत्री से ऐसी कोई भी बात मोबाइल फ़ोन में नही की गई है जो संवैधानिक मर्यादा के विरुद्ध हो. मात्र संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन सिरमौर एसडीएम अग्निहोत्री द्वारा किया गया है.
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संलग्न - 1) संलग्न ऑडियो फ़ाइल में देखें महामहिम एसडीएम महोदय श्री अग्निहोत्री जी का मोबाइल पर सामाजिक कार्यकर्ता को धमकाना।
2) पीएमओ पीजी पोर्टल में दर्ज शिकायत और साथ ही सीएम मध्यप्रदेश को ईमेल के माध्यम के भेजी गई शिकायत की प्रतियां भी संलग्न है. इसका स्क्रीनशॉट लिया जाकर यहां पर भेजा जा रहा है. शिकायत अंग्रेज़ी में लिखी गई है लेकिन स्पष्ट है.
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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,
ज़िला रीवा मप्र, मोब - 7869992139, 9589152587
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