Monday, June 25, 2018

हड़ताल का बहाना खत्म, बीज की कालाबाजारी प्रारम्भ (मामला ज़िले के गंगेव कृषि विभाग का जहाँ पर कृषि ग्राम सेवकों की हड़ताल खत्म होते ही किसानों की फजीहत शुरू हो चुकी है, किसान दर दर भटक रहा बीज के लिए)

दिनांक 25 जून 2018, स्थान - गंगेव, रीवा मप्र

(कैथा, रीवा-मप्र, शिवानन्द द्विवेदी)

            ज़िले के गंगेव ब्लॉक स्थित किसान कल्याण एवं कृषि विभाग में एकबार फिर भ्रष्ट्राचार प्रारम्भ हो चुका है। किसान का कल्याण होता नही दिख रहा। कल्याण के स्थान पर कृषि विभाग किसानों का शोषण करने में आमादा है। अभी पिछले दिनों तक कृषि विस्तार अधिकारियों की हड़तालों का बहाना था। अब जब कृषि विभाग की हड़ताल समाप्त हुई तो ग्राम सेवकों का अलग अंदाज शुरू हो गया बताया जा रहा है कि कृषि विभाग में बीज ही नही है जबकि पिछवाड़े से गोदाम से दनादन बीजों का वितरण किया जा रहा है।

        दिनाँक 25 जून को दर्ज़न भर किसान ब्लॉक जाकर मायूस होकर लौट आये।

         आज जब पीक सीजन में किसान को बोवनी के लिए बीजों की आवश्यकता है तब किसान को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। सरकार कहती है कि हमारे पास पर्याप्त बीज और सामग्री उपलब्ध है लेकिन कृषि अधिकारी अंदर कमरे में बैठ कर मजे मार रहे हैं। कभी पीक सीजन में हड़ताल का बहाना बनाएंगे तो कभी बीज भंडारण की समस्या बताएंगे ऐसे में अब सरकार ही निर्धारित करे कि समस्या कैसे हल होगी। वहरहाल ब्लॉक गंगेव के कृषि विभाग में चोरी छिपे बीज की कालाबाजारी जारी है जिसे देखने वाला कोई नही है।

   ग्राम सेवकों का नही रहता कोई रता पता 

  मानाकि पिछले कुछ समय से ज़िले और प्रदेश में कृषि विस्तार अधिकारियों की हड़तालें चल रही थीं लेकिन क्या पूरे कार्यकाल में ही हड़तालें चल रहीं थीं. प्रश्न यह है की कौन सा ग्राम सेवक अपने क्षेत्र में रहता है. किसान को यदि कोई जल क्षमता प्रमाणपत्र और कृषि विभाग का कागज़ चाहिए तो उसके लिए किसान को ब्लॉक और रीवा के चक्कर लगाने पड़ते हैं. न तो किसान मित्र कुछ जानकारी देते और न ही ग्राम सेवकों का कोई रता पता रहता. 

हिनौती क्षेत्र का ग्राम सेवक बीज की करता है कालाबाजारी

  यदि किसानों की मानें तो राजबहोर पटेल, हरिबंश पटेल, काशी पटेल, सुरसरी सिंह, पुष्पराज सिंह, आदि किसानों को जब सब्सिडी और प्रदर्शन वाले बीज की आवश्यकता पड़ी तो इन्होंने ग्राम सेवक तिवारी से संपर्क किया. ग्राम सेवक ने बताया की प्रदर्शन वाला बीज आपको नही मिलेगा मात्र पैसे में बीज मिलेगा. इस प्रकार प्रदर्शन वाला बीज ही नगद पैसे में बिना रशीद दिए बेंच दिया जबकि अन्य कुछ किसानों ने जानकारी दी की हमने मामला सीएम हेल्पलाइन में रखा तो हमे बुलाकर मुफ्त में बीज दिया गया. इस प्रकार देखा जा सकता है जिन किसानों से शिकायत का डर बना रहता है उन्हें तो ग्राम सेवक मुफ्त मे बीज दे देता है लेकिन जिनसे पता है की कोई शिकायत नही होगी उन्हें कुछ नही मिलता मात्र घुमाफिराकर जबाब दे दिया जाता है.

संलग्न - संलग्न तस्वीर में ब्लॉक गंगेव के कृषि विभाग में अंदर बैठे मजे मार रहे कृषि अधिकारी।

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र, 78699992139, 9589152587

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