Wednesday, June 27, 2018

बिजली कर्मचारियों की ईपीएफ वेतन कटौती 6 वर्षों से नही पहुच रही खातों में (मामला ज़िले के त्योंथर संभाग मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के बिजली कर्मचारियों का)

दिनांक 28 जून 2018, स्थान - कटरा, रीवा-मप्र,

(कैथा से, शिवानन्द द्विवेदी, रीवा ,मप्र)

    ज़िले के बिजली कर्मचारियों की उनकी ईपीएफ के वास्ते काटी जाने वाली वेतन की राशि उनके ईपीएफ खातों में नही पहुच रही है ऐसा कहना है लगभग आधा दर्जन बिजली कर्मचारियों का. बता दें की प्राप्त जानकारी के अनुसार रीवा संभाग में पदस्थ रहे बिजली कर्मचारियों जिनमे सहायक ग्रेड 3 के कर्मचारी क्रमसः आशुतोष मिश्रा, इंद्रमणि सिंह, लक्ष्मी नारायण शर्मा, भूपेंद्र सिंह सेंगर, कनिष्ठ यंत्री लालगांव उमाशंकर द्विवेदी, एवं अन्य दो कर्मचारी पुष्पेंद्र सिंह कुशवाहा और कटरा में पदस्थ भूपेंद्र सिंह बघेल सम्मिलित हैं जिन्होंने बताया की उनकी वर्ष जुलाई 2012 से ईपीएफ की वेतन कटौती की राशि उनके खातों में नही पहुची है. सभी कर्मचारियों के लिए यह एक चिंता का विषय है क्योंकि इसके लिए उन्होंने संबंधित अधीक्षण यंत्री के नाम और कलेक्टर को भी लिखित शिकायत दे रखी है लेकिन अब तक जब सुनवाई नही हुई तो सभी ने सामूहिक रूप से इकठ्ठा होकर मामला मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से रखना उचित समझा. सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी को अपनी व्यथा बताते हुए उपरोक्त कर्मचारियों ने बताया की हम सब कर्मचारी मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड त्योंथर संभाग के अधीनस्थ कार्यरत हैं जिन्हें ग्राम सेवा सहकारी समिति मर्यादित से मंडल कंपनी में सम्मिलियन किया गया है. बताया की आज दिनांक तक ईपीएफ की राशि की कटौती की जा रही है लेकिन राशि उनके खाते में नही आ रही है. कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से कार्यपालन अभियंता, संभागीय लेखापाल से शिकायत की गई लेकिन आश्वासन के शिवाय कोई पुख्ता कार्यवाही अब तक नही हुई है. 

     इस प्रकार दिनांक 28/06/2017 को आवक क्रमांक 07 कार्यालय अधीक्षण यंत्री, दिनांक 04/07/2017 कार्यालय कार्यपालन अभियंता, दिनांक 13/07/2017 को एक अन्य संबंधित कार्यालय में इन उपरोक्त पीड़ित कर्मचारियों ने संलग्न शिकायती आवेदन लगाकर गुहार लगाई है की यदि अचानक इन कर्मचारियों की मृत्यु हो जाती है तब इन सबका परिवार इधर उधर भटक कर दाने दाने के लिए मोहताज़ होगा जिसकी तत्काल सुनवाई की जाए.

कर्मचारियों की ईपीएफ उनके खातों में न भेजना मानवाधिकार का हनन

    यदि देखा जाए तो हर एक नागरिक का अधिकार बनता है की सरकार द्वारा संवैधानिक रूप से प्रदत्त सभी लाभ नियमानुसार उसे मिले. इसके अतिरिक्त भी यदि समाज और किसी व्यक्ति के मानवाधिकारों का हनन हो रहा हो जिसकी जिम्मेदार स्वयं सरकार हो तो ऐसे मामलों में सरकार को तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता होती है. सामान्य तौर पर गैर सरकारी कर्मचारी अथवा बेरोजगार आम नागरिक के मानवाधिकार की रक्षा जिसका कोई आधार न हो सर्वोपरि होती है परंतु जहां  तक मानवाधिकार हनन की बात है वह सभी नागरिकों के लिये समान रूप से लागू होता है. चाहे वह किसी जाति वर्ग का हो सरकारी हो गैर सरकारी हो धनवान हो अथवा गरीब. यदि मानवाधिकारों का हनन हो रहा है तो उसकी सुरक्षा की जानी अनिवार्य है.

बिजली कर्मियों के मानवाधिकार की हो सुरक्षा

     बिजली कर्मचारियों को उनके ईपीएफ के फण्ड से वंचित रखा जाना मूलभूत मानवाधिकारों का हनन की संज्ञा में आता है. जुलाई वर्ष 2012 से बिजली कर्मियों के ईपीएफ खातों में वेतन कटौती की राशि क्यों नही पहुच रही और इसका क्या कारण है इस पर तत्काल कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है. यदि बिजली कर्मचारियों को उनकी ईपीएफ राशि व्याज सहित नही मिलती तो उनके बाल बच्चे परेशानी का सामना करेंगे. जिस प्रकार से बिजली कर्मियों द्वारा अपने आवेदन में भी उल्लेखित किया गया की यदि अकस्मात उनकी मौत हो जाती है तो उनके परिवार बाल बच्चों की बदहाली का जिम्मेदार कौन होगा. 

यदि सरकारी कर्मचारियों की यह हालात तो आम नागरिक का क्या

    सही मायने में प्रशासनिक व्यवस्था में आज जिस प्रकार की अव्यवस्था छाई हुई है इसको तो देखकर यही लगता है की आम नागरिक की दुर्दशा और अधिक बढ़ेगी. जब सरकारी कर्मचारी अपने अधिकार नही हाशिल कर पा रहे तो आम नागरिक जिसका की कोई आधार भी नही और कोई प्रशासनिक अधिकारी भी उनका सहयोगी नही ऐसे में वह अपने मानवाधिकारों की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे यह बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है.

    वहरहाल आज दिनांक तक त्योंथर संभाग बिजली कार्यालय के अधीनस्थ पदस्थ लगभग आधा दर्जन बिजली कर्मचारियों को उनका जुलाई वर्ष 2012 अर्थात 6 वर्ष के आसपास की ईपीएफ राशि उनके खातों में समायोजित नही हुई है और अभी कर्मचारी अपने अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं. अब देखना यह होगा बिजली विभाग स्वयं अपने ही कर्मचारियों के साथ कब तक न्याय कर पाता है.

संलग्न - संलग्न प्रपत्रों में देखें उपरोक्त शिकायती आवेदनों की फ़ोटो प्रतियां संलग्न है.

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शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता,

ज़िला - रीवा मप्र, मोब 07869992139, 09589152587

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