दिनांक 20 जनवरी 2018, रीवा मप्र
रीवा मप्र। (शिवानंद द्विवेदी)
गरीबों पर विजली विभाग रीवा का कहर निरंतर जारी है।
गरीब तबके के भूमिहीन हरिजन आदिवासियों जिनके घर की वासिन्दगी जमीन के पट्टे तक नही और जो एक दो कमरों के मकान में कहीं बसे टिके हुए हैं और मेहनत मजदूरी करके किसी प्रकार जीवन यापन कर रहे हैं , उनके ऊपर भी बिजली विभाग का सितम जारी है।
इस फोटो में पीड़ित सोमधर आदिवाशी पिता जेठू आदिवाशी निवाशी भमरिया पंचायत सेदहा ब्लॉक गंगेव रीवा मप्र का निवासी है।
इस व्यक्ति के घर आजतक कोई बिजली नही जली परंतु औसत बिलिंग जारी है।
जिस व्यक्ति की सालाना कमाई ही 10 हज़ार रुपये के अंदर हो वह चार हज़ार का बिल और वह भी बिना बिजली जलाए कैसे दे इस प्रकार कहना था जेठू आदिवाशी का।
जानकारी अनुसार देखा जाय तो बीपीएल और एस सी एस टी आदि गरीब वर्गों हेतु सरकार का विशेष प्रावधान है जिसमे विशेष छूट भी मिलती है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण मिशन, दीनदयाल योजना और सौभाग्य योजना आदि से घर घर मीटर लगाकर बिजली सप्लाई की जा रही है जिसमे बिजली विभाग को सख्त निर्देश है कि घर घर जाकर मीटर लगाया जाए और मात्र मीटर रीडिंग के अनुसार ही बिजली बिल भेजा जाए।
पीड़ित द्वारा बताया गया कि उसके घर के सामने एक डिब्बा लगाया गया था जो ठप्प पड़ा है लेकिन न तो कोई केबल खींची गई और न ही कोई बिजली सप्लाई दी गई लेकिन जैसा कि हर स्थान पर हो रहा है मनमुताबिक औसत बिलिंग प्रारम्भ कर दी गई।
क्या बिजली विभाग में इतना दम है कि इंडस्ट्रियल क्षेत्र को दी जाने वाली हाई सब्सिडी को बंद करवा दे?
क्या बिजली विभाग में इतना दम है कि गाँव गाँव मे घर घर मीटर लगाकर मीटर रीडिंग के आधार पर बिलिंग करे?
क्या बिजली विभाग नगर निगम रीवा, सहित रीवा के सरकारी कार्यालयों , तथाकथित बड़े अफसरों के बंगलों के लाखों में लंबित बिल की वसूली करने की ताकत है?
नही मात्र गरीबो, किसानों और ग्रामीणों को ही सताने और लूटने के लिए यह सभी विभाग बने हैं।
क्या यही है सुशासन और सबसे बड़ा लोकतंत्र?
- शिवानंद द्विवेदी सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139
संलग्न - कृपया संलग्न फ़ोटो में देखें पीड़ित सोमधर का पिता जेठू आदिवाशी निवासी भमरिया पंचायत सेदहा हिनौती गंगेव ब्लॉक कटरा डीसी रीवा मप्र और साथ मे बिना बिजली जलाए उसके घर का बिल।
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