Thursday, January 18, 2018

Rewa, MP - (पशु क्रूरता) पनगड़ी ग्राम में फिर दिखी पशु क्रूरता, मवेशियों के तार से मुह पैर बांध कर छोड़ा।

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दिनांक 19 जनवरी 2018, स्थान भठवा, गढ़ रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र) ज़िले के सिरमौर वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले पनगड़ी बीट के भलघटी पहाड़  मे सैकड़ों मवेशियों को जीवित घाट के नीचे धकेले फेंके जाने का मामला अभी ज्यादा पुराना नही हुआ है, इसी पनगड़ी क्षेत्र में गोहत्यारों द्वारा फिर बेजुबान पशुओं के साथ अमानवीय और पाशविक क्रूरता का मामला प्रकाश में आया है। 

      पनगड़ी क्षेत्र से मिली जानकारी अनुसार भठवा निवासी पत्रकार प्रमोद सिंह द्वारा अपने फेसबुक और व्हाट्सएप्प के जरिये मुह पैर बुरी तरह बधे हुए मवेशियों के फोटो और वीडियो शेयर किए गए हैं जिसमे उनके द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से मुह पैर खोलकर मवेशियों को आज़ाद किया गया

       वास्तव में देखा जाय तो इस प्रकार की घटना कोई नई नही है। पूरे रीवा जिले से जगह जगह गोवंशों के साथ निरंतर क्रूरता के प्रकरण सामने आ रहे हैं जिसके संदर्भ में देश भर में पशु अधिकारों के लिए कार्य करने वाली विभिन्न संस्थाओं जैसे श्रीमती मेनका गांधी का पीपल फ़ॉर एनिमल्, ध्यान फाउंडेशन, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया सहित अन्य संस्थान इस प्रकार की पशु क्रूरता बंद किये जाने और दोषियों के ऊपर वैधानिक कार्यवाही किये जाने के लिए निरंतर प्रयाशरत हैं। सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा ज़िले के समय समय पर पशु क्रूरता के प्रकरण उक्त सभी संस्थानों को सूचित किये जाते रहे हैं।

        सबसे बड़ा आश्चर्य तो यह है कि पिछले कई वर्षों से पशुओं के साथ क्रूरता बढ़ती जा रही है लेकिन ज़िला एवं प्रदेश के शासन प्रशासन द्वारा अब तक कोई सार्थक कार्यवाही नही की गई है।

      ज़िला प्रशासन पशु क्रूरता रोक पाने और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करवा पाने में पूरी तरह अक्षम साबित हुआ है। प्रदेश और ज़िले में बने गोसंवर्धन बोर्ड मात्र औपचारिक बोर्ड हैं जिसमे पशुओं की देखभाल और सुरक्षा के लिए आने वाले करोड़ों का बन्दरवाट कर लिया जाता है और कोई भी कार्य नही किये जा रहे हैं।

     प्रश्न यह भी उठता है कि प्रदेश सरकार द्वारा गोवंशों की रक्षा सुरक्षा के लिए बनाये गए इतने अधिनियमों के वावजूद भी आज मवेशियों की इतनी अधिक दुर्दशा क्यों है?

संलग्न - कृपया संलग्न फ़ोटो में देखें किस प्रकार सिरमौर वन परिक्षेत्र और तहसील अंतर्गत आने वाले पनगड़ी ग्राम में गोवंशों का मुँह पैर बांध कर छोड़ दिया जाता है।

   - शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139।

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