*Breaking: सुनो सरकार! बिना पानी कैसे करोगे किसानों की आय दुगुनी? // जब पतनारी बांध से जुड़ी नहर की बदहाल टूटी स्थिति को ग्रामीणों ने नहर में घुसकर दिखाया // मऊगंज हनुमना क्षेत्र के बांधों और उससे जुड़ी नहरों को लेकर उठ रहे सवाल // निरीक्षण में ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए नहरों और बांधों की स्थिति दयनीय // किसानों की आय दुगुनी करने की सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह // किसानों ने कहा सरकार सिर्फ लालीपोप पकड़ने में माहिर, किसानों की किसको चिंता //*
दिनांक 16 जून 2023 रीवा मध्य प्रदेश।
पिछले कई एपिसोड से आप जल संसाधन विभाग में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार के नमूने देख रहे हैं। मध्य प्रदेश के इतिहास में शायद ही इसके पहले जल संसाधन विभाग और उनके द्वारा बनाए गए बांधों नहरों और वाटर स्ट्रक्चर के विषय में कभी भी इतना व्यापक स्तर का कवरेज किया गया हो। मेन स्ट्रीम मीडिया में आज बॉलीवुड स्टार और सेलिब्रिटीज कौन से कपड़े पहन रहे हैं, क्या खाए हैं, और कहां जा रहे हैं यह दिखाने और अपनी टीआरपी बढ़ाने से फुर्सत नहीं है तो भला गांव क्षेत्र में सुदूर स्थित बांधों और नहरों और गरीब किसानों के विषय में इतना बृहद और व्यापक कवरेज दिखाने की भला किसके पास टाइम है और फिर इससे टीआरपी भी तो बढ़ने वाला नहीं है।
खैर कोई दिखाए या न दिखाए लेकिन हम सदैव ही ग्राउंड जीरो से सच्चाई आपके सामने लाते रहे हैं। और इसी श्रृंखला में आज एक बार पुनः हम आपको मऊगंज हनुमना क्षेत्र के पतनारी माइनर टैंक के विषय में अवगत कराएंगे। पतनारी बांध की स्थिति भी अब तक दर्जनों निरीक्षण किए गए बांधों से अलग नहीं है। इस बांध में भी वही सब समस्याएं देखने को मिली हैं जो पहले के कई बांधों में देखने को मिली थीं। मसलन बांध और उससे जुड़ी हुई नगरों के श्लुस एरिया, स्केप चैनल और मेन नहर की हालत खस्ताहाल मिली। बांध से प्रारंभ होकर कुछ ही दूर में नहर टूटी हुई पाई गई जहां जगह-जगह किसानों के खेतों में यत्र तत्र पानी बहता हुआ मिला। कई स्थानों पर तो पथरीले हिस्से में नहर की खुदाई भी पूर्ण नहीं हो पाई है। जल संसाधन विभाग बाणसागर डैम के रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता नागेंद्र प्रसाद मिश्रा ने बताया कि पतनारी बांध उनके गांव कोल्हा के नजदीक ही है और काफी समय से वह इस पर अपनी नजर बैठे हुए हैं।
अधीक्षण अभियंता ने बताया की अंडर कैनाल पानी निकासी के लिए बनाई गई पुलिया चोक कर गई है और साथ में यह जगह जगह टूट गई है जिसकी वजह से न तो इस बांध और इन नहरों का किसानों के लिए कोई उपयोग हो पाया है। वहां के किसान वंशमणि प्रसाद पांडे और राजेंद्र दुबे ने बताया कि जब से नहर बनी है तब से उनके खेतों में पानी नहीं पहुंचा। बताया गया कि ठेकेदार जब काम छोड़ कर गया तो उसने कहा कि गांव वाले अपने से नहर खोद लेंगे विभाग ने बांध तो बना दिया गया है अब नहर की बात रह गई है तो नहर खोदना गांव वालों का काम है। वहीं गांव के ही भोलई साकेत ने बताया कि बांध और नहर का उनके लिए कोई उपयोग नहीं है क्योंकि खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी ने गांव के अन्य लोगों से बात की जिसमें सभी ने लगभग एक ही तरह की समस्याएं बताई हैं और कहा कि बांध निर्माण से लेकर अब तक उनके खेतों में पानी नहीं पहुंचा है और सरकार जो उनकी आय दोगुनी करने के दावे कर रही है वह सब झूठ और फरेब है। गांव वालों ने बताया कि अपने खेतों में वह बोवाई तक नहीं कर पा रहे हैं आय क्या खाक दुगुनी होगी।
आइए देखते हैं बाणसागर डैम के रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता नागेंद्र प्रसाद मिश्रा और उपस्थित गांव वालों ने क्या कुछ कहा।
*स्पेशल ब्यूरो रिपोर्ट रीवा मध्य प्रदेश....
Mobile 9589152587
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