Monday, June 12, 2023

Breaking: 855 करोड़ के नईगढ़ी माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट में किसानों की क्षतिपूर्ति को लेकर सीई और एसई ने कह दी बड़ी बात // जल संसाधन विभाग के भ्रष्ट कमीशनखोर अधिकारियों ने जेपी कम्पनी को बचाने नही किया किसानों की नुकसानी का दावा // एचईएस मेंटेना ब्लैकलिस्टिंग प्रकरण में 1715 करोड़ की क्षतिपूर्ति किए जाने का किया गया था दावा // चीफ इंजीनियर गंगा बेसिन ने बताया था राष्ट्रद्रोह का मामला // 239 करोड़ की त्यौंथर बहाव परियोजना में देरी की वजह से 1715 करोड़ रुपए की राष्ट्रीय अनाज उत्पादन में क्षति का किया गया था दावा //

*Breaking: 855 करोड़ के नईगढ़ी माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट में किसानों की क्षतिपूर्ति को लेकर सीई और एसई ने कह दी बड़ी बात // जल संसाधन विभाग के भ्रष्ट कमीशनखोर अधिकारियों ने जेपी कम्पनी को बचाने नही किया किसानों की नुकसानी का दावा // एचईएस मेंटेना ब्लैकलिस्टिंग प्रकरण में 1715 करोड़ की क्षतिपूर्ति किए जाने का किया गया था दावा // चीफ इंजीनियर गंगा बेसिन ने बताया था राष्ट्रद्रोह का मामला // 239 करोड़ की त्यौंथर बहाव परियोजना में देरी की वजह से 1715 करोड़ रुपए की राष्ट्रीय अनाज उत्पादन में क्षति का किया गया था दावा //*
दिनांक 13 जून 2023 रीवा मध्य प्रदेश।

   मध्यप्रदेश में बाणसागर से जुड़ी हुई सिंचाई परियोजनाओं का अंबार लगा हुआ है। अभी पिछले दिनों 9 जून को मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन शिवराज सिंह चौहान त्यौंथर रीवा आकर एक नई माइक्रो इरिगेशन परियोजना का शिलान्यास किए। कागजों में पिछले 2 दशक में इतनी योजनाएं आईं और गई जिनका कि यदि धरातल पर प्क्रियान्वयन हो गया होता तो सही मायने में किसान खुशहाल हो गया होता। लेकिन दुर्भाग्य है इस देश का कि यहां योजनाएं तो कागजों पर संचालित हो जाती हैं लेकिन वास्तविक धरातल पर उनका लाभ आम जनता को कभी मिल नहीं पाता। रीवा जिले की 239 करोड़ रुपए की त्यौंथर बहाव परियोजना के भी यही हाल थे जहां एच ई एस मेंटेना कम्पनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था लेकिन कई वर्षों बाद भी जब योजना पूरी नहीं हो पाई तो मेंटेना को आदेश क्रमांक 8339 दिनांक 21 अक्टूबर 2022 को ब्लैक लिस्ट किए जाने का आदेश जारी किया गया। अनुबंध के अनुरूप कार्य न होने पर इस आदेश में इसका भी उल्लेख किया गया कि क्योंकि लगभग 1715 करोड़ रुपए की राष्ट्रीय कृषि उत्पादन में प्रोजेक्ट डिले की वजह से कमी आई है इसलिए यह अपराध राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में बताया गया। लेकिन इन सबके बावजूद भी दिनांक 19/12/2022 के एक आदेश में एचईएस मेंटेना कंपनी को काली सूची से बाहर कर इंजीनियर इन चीफ जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा कंपनी को बहाल कर दिया गया। लेकिन बड़ा सवाल यह था की इस बहाली में इस बात का उल्लेख कहीं कोई उल्लेख नहीं किया गया कि आखिर राष्ट्रीय अनाज उत्पादन में 1715 करोड़ रुपए की जो कमी बताई गई थी और जो एचईएस मेंटेना कंपनी के कारण हुई है उसकी भरपाई कौन करेगा? बिना 1715 करोड़ रुपए की भरपाई किए हुए आखिर मेंटेना कंपनी को कैसे ईएनसी ने काली सूची से बाहर कर दिया इस बात का जवाब न तो इंजीनियर इन चीफ जल संसाधन विभाग के पास है और न ही मध्य प्रदेश सरकार के पास। 
  *जेपी एसोसिएट्स को काली सूची में डाले जाने पर आखिर क्षतिपूर्ति का जिक्र क्यों नहीं?*

    बहरहाल एक ऐसा ही खेल एक बार पुनः किया जा रहा है जब लगभग 855 करोड रुपए की फेज वन और फेस टू नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट का काम देख रही जयप्रकाश एसोसिएट्स नोएडा को भी ब्लैक लिस्ट किए जाने का आदेश क्रमांक 4624, 4652 दिनांक 29/05/2023 जारी किया गया है लेकिन जहां अपने पूर्व के आदेश में मेंटेना कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए चीफ इंजीनियर गंगा कछार द्वारा प्रोजेक्ट के काम में देरी होने और 3 वर्ष की समय सीमा के स्थान पर 5 वर्ष 8 माह में भी कार्य पूरा न होने के लिए तथा त्यौंथर बहाव परियोजना के लिए मेंटेना कंपनी को 1715 करोड़ की नुकसानी बता जाकर राष्ट्रद्रोह की संज्ञा दिया गया था वहीं 855 करोड़ के नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट में जेपी एसोसिएट्स के विषय में ऐसा कोई भी उल्लेख काली सूची में परिवर्तित किए जाने वाले आदेश में नहीं किया गया है।
  
   अब इस विषय में जानकार कहते हैं की क्योंकि 239 करोड़ के त्यौंथर बहाव परियोजना मामले में मेंटेना कंपनी को 1715 करोड़ की फसल नुकसानी और राष्ट्रद्रोह के अपराध किया जाना बताए जाने के बावजूद भी उसे कालीसूची से बाहर कर दिया गया था तो उसके मुकाबले यदि देखा जाए तो 855 करोड़ की नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन में जेपी एसोसिएट्स के विषय में इस प्रकार के किसी भी क्षतिपूर्ति का उल्लेख ब्लैकलिस्टिंग के आदेश में नहीं किया गया है जिसका तात्पर्य है कि शायद इस कंपनी को भी जल संसाधन विभाग के भ्रष्ट कमीशनखोर अधिकारियों द्वारा लेनदेन करके काली सूची से बाहर निकाल दिया जाए। 
*वरिष्ठ रिटायर्ड अधिकारियों ने ब्लैकलिस्टिंग आदेश पर खड़े किए सवाल*

  वहीं बाणसागर नहर मंडल के पूर्व चीफ इंजीनियर एसबीएस परिहार एवं बाणसागर डैम के पूर्व अधीक्षण अभियंता नागेंद्र प्रसाद मिश्रा ने अभी हाल ही में 855 करोड़ की नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन परियोजना के विषय में जेपी एसोसिएट्स को काली सूची में परीबद्ध करने के लिए जारी किए गए आदेश पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि इसमें जल संसाधन विभाग की मिलीभगत की बू आ रही है। एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी और रिटायर्ड अधिकारियों ने कहा है कि क्योंकि इसके पहले एच ई एस मेंटेना कंपनी को 1715 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति कराए बिना ही यदि कालीसूची से बाहर कर दिया गया है तो निश्चित तौर पर यहां भी जेपी एसोसिएट्स को भी 90 दिवस के भीतर इंजीनियर इन चीफ जल संसाधन विभाग द्वारा षड्यंत्र किया जाकर मामले में अंडर टेबल सेटलमेंट किया जाकर जेपी एसोसिएट्स को भी कालीसूची से बाहर कर दिया जाएगा। इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए शिवानंद द्विवेदी ने कहा है यदि ऐसा किया जाता है तो वह हाई कोर्ट जाएंगे और किसी भी हाल में काली सूची में डाले जाने के बाद जेपी एसोसिएट्स को बिना सबस्टेंशियल प्रोग्रेस के बहाल न किया जाए क्योंकि जिस 855 करोड़ की माइक्रो इरीगेशन परियोजना का कार्य जेपी एसोसिएट के द्वारा किया जा रहा है उसकी स्थिति बेहद चिंताजनक है और मात्र कुछ स्थानों पर पाइप खोदकर ही डाली गई है और कार्य का कोई अता पता नहीं है। 
देखिए मामले को लेकर विशेषज्ञों ने अपनी क्या राय दी है 
*बाइट 1 - रिटायर्ड चीफ इंजीनियर बाणसागर नगर मंडल श्री एसबीएस परिहार।*

*बाइट 2- रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता श्री नागेंद्र प्रसाद मिश्रा सागर बांध देवलोंद।*

*स्पेशल ब्यूरो रिपोर्ट रीवा मध्य प्रदेश*

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