दिनांक 12/01/2017, रीवा मप्र.
रीवा में अवैध बांडो में कैद गौवंश हत्या – केंद्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी और एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया ने भी लिया संज्ञान
(गढ़, रीवा मप्र – शिवानन्द द्विवेदी) रीवा जिले में जगह-जगह बनाये गए सैकड़ों अवैध बांडो में भूंख, प्यास और ठण्ड से मर रहे गौवंश और उनकी प्रताड़ना का किस्सा लगभग रोज़ ही रीवा जिले से लेकर प्रदेश के विभिन्न अख़बारों और मीडिया के अन्य माध्यमों सहित सोशल मीडिया में छाया हुआ है. सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा यूट्यूब में तो लगभग आधा दर्ज़न बांडो में पशु प्रताड़ना के पुरे दर्ज़नों विडियो ही अपलोड कर दिए गए हैं जिन्हें पूरा संसार सोशल मीडिया के माध्यम से देख सकता है.
अब संभवतः ऐसा प्रतीत होता है कि गोवंश की आत्माओं की आवाज़ अब जाकर धीरे-धीरे सुनी जाने लगी है वर्ना हालात तो यह थे की कितना भी चिल्लाओ कोई सुनने वाला नहीं था.
रीवा कलेक्टर से लेकर श्रीमती मेनका गाँधी जी तक रखा गया प्रकरण
गौवंश प्रताड़ना और अवैध बने बांडो में हो रही उनकी हत्या की जानकारी प्रथमतः सम्बंधित थाना गढ़ में दी गयी थी. अपेक्षित होने पर भी जब कार्यवाही न हुई तो अग्रिम जानकारी एसपी और कलेक्टर रीवा को प्रेषित हुई. वहां से भी हीलाहवाली होती रही तो सम्बंधित एनिमल राइट्स ग्रुप्स ऑफ़ इंडिया सहित केन्द्रीय मंत्रालय में श्रीमती मेनका गाँधी जी को भी प्रेषित की गयी. पशु क्रूरता और पशु सम्बन्धी अधिकारों के लिए काम करने वाला शायद ही भारत का कोई ऐसा विभाग रहा हो जहाँ यह जानकारी न दी गयी हो. सबसे अहम् रोल मीडिया का भी रहा जिन्होंने इस लोकहित के मुद्दे को लगातार अपनी न्यूज़ में रखे रहे.
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया और श्रीमती मेनका गाँधी जी द्वारा कलेक्टर रीवा सहित एसपी, डीजीपी आदि से तलब की गयी जानकारी
अवैध बांडो में कैद गौवंशों का भूंख प्यास और ठण्ड से खुले आसमान में तड़प कर जान देने और उनके साथ निरंतर हो रहे क्रूरता के किस्से और लाइव रिपोर्ट रीवा के निचले स्तर से लेकर यूनियन मंत्रालय श्रीमती मेनका गाँधी तक भेजे जाने से गौवंशों पर हो रहे क्रूरता की जानकारी और उसको रोके जाने विषयक प्रयास की जानकारी श्रीमती मेनका गाँधी जी के कार्यालय ने कलेक्टर रीवा से मांगी है जिसका ईमेल सामाजिक कार्यकर्ता और इस मुद्दे को व्यापक तौर पर उठाने वाले गौसेवक को भी भेजी है. दिनांक 10 जनवरी 2017 को 3:28 बजे शाम श्रीमती मेनका गाँधी जी के कार्यालय से अगला ईमेल सामाजिक कार्यकर्ता को प्राप्त हुआ और साथ ही फ़ोन कर जानकारी भी बताई गयी जिसमे यह कहा गया की जिले में अवैध बांडो में कैद गौवंश हत्या और प्रताड़ना विषयक जानकारी तत्काल कलेक्टर रीवा से मागी गयी है और सामाजिक कार्यकर्ता से कहा गया की वह इस घटना पर नजर रखें और गौवंश/पशु प्रताड़ना सम्बन्धी कोई भी घटना तत्काल सूचित करते रहें. इसी प्रकार एक ईमेल एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया चेन्नई से भी प्राप्त हुआ है जिसे एसपी, कलेक्टर, डीजीपी, समेत अन्य विभागों को संबंधितों द्वारा संलग्न करके भेजा गया है और यह बताया गया है की सम्बंधित जिला प्रशासन तत्काल गौवंशों की प्रताड़ना विषयक मामले में कार्यवाही कर संबंधितों को सूचित करें.
भारतीय संस्कृति के एकेश्वरवाद से ही है अहिंसा का सिद्धांत
इस प्रकार यह जो अभियान गौवंश की सुरक्षा सम्बन्धी चलाया जा रहा है इसमें काफी हद तक सफलता मिल रही है पर देखना यह होगा यह समाज का भी उतना ही दायित्व है की इस महायज्ञ में सहयोगी बने. जीव की रक्षा ही वास्तविक धर्म है. जैनियों और बौद्ध ने भारतीय संस्कृति के अहिंसा के सिद्धांत पर जो इतना अधिक ध्यान केन्द्रित किया और अपना मूल सिद्धांत ही अहिंसा पर रखा उसके पीछे भारतीय सनातन संस्कृति का वही सिद्धांत है जिसमे एक ही परमेश्वर सभी जीवों में विराजमान है अतः किसी जीव को प्रताड़ित करना, कष्ट पंहुचाना और उसकी हत्या करना ईश्वर के नियमों का उल्लंघन है और अमानवीयता और ईश्वर विरोध की श्रेणी में आता है. भारतीय संस्कृति के छः दर्शन शास्त्रों मे से एक उत्तर मीमांसा अथवा वेदांत दर्शन में तो यहाँ तक कहा गया की जीवन संकट उत्पन्न होने की स्थिति में ही मानव मांसभक्षी बन सकता है परन्तु उसका भी प्रायश्चित तो करना ही पड़ेगा. अर्थात तात्पर्य यह है की भारतीय संस्कृति में जीव हत्या निश्चित ही ईश्वरीय नियमों के पूर्णतः विपरीत है क्योंकि यह संस्कृति एकेश्वरवाद पर आधारित है और सबमे एक ही परमेश्वर के दर्शन करती है.
दिनांक 12 जनवरी 2017 तक नहीं सुधरी है रीवा के अवैध बांडो की स्थिति
यद्यपि वर्तमान समय तक इतने प्रयासों के वावजूद भी तत्कालित तौर पर गौवंशों की सुरक्षा विषयक कोई विशेष सुधार जिले के अवैध बांडो में नहीं हुए हैं. अब तक मात्र लिखा-पढ़ी और आश्वासन ही बस दिए गए हैं.
वास्तविक तौर पर देखा जाए तो लिखा-पढ़ी और आश्वासन की यहाँ पर कम आवश्यकता है और युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाने की ज्यादा. क्योंकि जिस प्रकार घाटी में हुई वर्फबारी से पुनः ठंड बढ़ी है इससे पहले से ही भूंख, प्यास, और छाया बिना कमजोर पड़ चुके सैकड़ों गौवंशों के लिए अगले एक सप्ताह तक की ठंडी झेल पाना नामुमकिन हो सकता है. वहरहाल जो जानकारी गढ़ थाना अंतर्गत सेदहा के भमरिया, लोटनी के क्योटा, लालगांव के सोनवर्षा, और हरदी तथा कटरा के गंतीरा के आधा दर्जन बांडो की मिली है उससे पता चला है की बीती रात लगभग आधा दर्ज़न अन्य गौवंशों की और मृत्यु हो चुकी है.
संलग्न – 1) विभिन्न विभागों जैसे - केंद्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया, पशुपालन विभाग, पेटा- पोपेल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ़ एनिमल्स इंडिया आदि को भेजे गए ईमेल की प्रतिलिपि 2) नीचे अवैध बांडो में कैद पशुओं के देखें संलग्न यूट्यूब विडियो जो की पशुओं के विरुद्ध अत्याचार और क्रूरता को दर्शाते हैं. 3) इसी विषय में अवैध बांडो के लिए गए फोटोग्राफ जिनमे कुछ पशु मृत पड़े हैं तो कुछ मरने की कगार पर खड़े हैं.
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Sincerely Yours,
Shivanand Dwivedi
(Social, Environmental, RTI and Human Rights Activists)
Village - Kaitha, Post - Amiliya, Police Station - Garh,
Tehsil - Mangawan, District - Rewa (MP)
TWITTER HANDLE: @ishwarputra - SHIVANAND DWIVEDI
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