Wednesday, January 4, 2017

(Rewa, MP) गढ़ थाना अंतर्गत दर्जन भर ग्रामों में अवैध बाड़ों में छाया, भूषा, पानी बिना मर रहे कैद बेजुबान गौवंश

दिनांक 04/01/2017
गढ़ थाना अंतर्गत दर्जन भर ग्रामों में अवैध बाड़ों में
छाया, भूषा, पानी बिना मर रहे कैद बेजुबान गौवंश





(गढ़, रीवा मप्र – शिवानन्द द्विवेदी) तथाकथित यह नया वर्ष शायद सबके लिए उतना मंगलमय नहीं है और विशेष तौर पर बेजुबान गौवंशों के लिए तो बिलकुल नहीं. इस नए ईस्वी सन 2017 में भी गौवंश और विशेषकर गौमाताएं भूंख, प्यास, ठण्ड से बिना किसी छत और छाया के खुले आसमान के नीचे तड़प तड़प कर जान दे रही हैं और शायद इसे देखने वाला कोई न तो शासन प्रशासन है और न ही यह संस्कार विहीन हो चुका भारतीय समाज. कभी भारतीय संस्कृति में गायों की उपमा माता से की गयी थी परन्तु आज अपने माता पिता की ही तरह यह समाज इन गौ माताओं को भी भूल चुका है. जगह जगह अवैध बांडों को संचालित किया गया है जिसमे बेजुबान पशु चारे, पानी, और छाया बिना तड़प रहे हैं और अपनी जाने दे रहे हैं.


भमरिया में सेदहा पंचायत में दिवाकर सिंह की जमीन पर बना है अवैध बांड़ा
   पहला बांड़ा भमरिया नामक स्थान पर दिवाकर सिंह की जमीन पर बनाया गया है. मंत्री उर्फ़ पुष्पेन्द्र सिंह पिता दिवाकर सिंह की जमीन पर अवैध बांड़ा अपराधिक किस्म के लोगों द्वारा बनाया गया है. यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कई वर्षों से भमरिया नामक स्थान पर अवैध बांड़ा बनाया जाता रहा है. प्रारंभ में इन गौवंशों की सैकड़ों की जो संख्या रहती है अंततः वह मरकर सिमट कर मुश्किल से एकाध दर्जन में आ जाती है. भमरिया का बांड़ा इसके पहले वहीँ स्थित सरकारी जमीन पर बनाया जाता था. इस वर्ष यह सेदहा पंचायत में सुर्यपाल उपाध्याय, पुष्पेन्द्र सिंह उर्फ़ मंत्री, राजेंद्र उरमलिया निवासी करहिया, रामसिया उरमलिया निवासी करहिया, कुशलेंद्र सिंह पिता समर बहादुर सिंह निवासी सेदहा, प्रदीप सिंह उर्फ़ दीपू सिंह पिता राजेश्वरी सिंह निवासी सेदहा, ब्रिजेन्द्र सिंह निवासी हिनौती-बडोखर, दिनेश सिंह पिता कौशल सिंह निवासी सेदहा पंचायत आदि के सहयोग से लगभग 500 गौवंशों के लिए बड़े जगह में यह अवैध बांड़ा बनाया गया है.

भमरिया स्थित इस बांडे को नहीं हटा पायी गढ़ पुलिश
सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा प्रेषित सूचना पर पुलिश दो बार बांडे पर गयी परन्तु बांड़ा हटाने में समझाईश के अतिरिक्त कोई प्रयाश नहीं किया. लगभग रोज़ ही इस बांडे में दो चार गौवंश भूख, ठण्ड, और प्यास से तड़प कर मर रहे हैं. अभी हाल ही में दिनांक 2 जनवरी 2017 को गायों के मरे होने की सूचना पर सामाजिक कार्यकर्ता गढ़ पुलिश के साथ स्थल पर पंहुचा परन्तु वहां पर मौजूद भीड़ में उपस्थित गौ हत्यारों ने बांड़ा हटाने का विरोध किया. जिसके परिणाम स्वरुप पुलिश कुछ नहीं कर पाई. इस दरमयान वाद-विवाद की भी स्थिति निर्मित हुई.      
   वहरहाल, समाज भले ही इस विषय को गंभीरता से न ले परन्तु आज यह देखना होगा की बेजुबान गौवंशों के साथ हो रहा यह अत्याचार भारतीय दंड संहिता की पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 428 एवं 429 के अंतर्गत आता है और गौ हत्या निवारण अधिनियम जो की शुश्री उमाभारती जी के कार्यकाल में मप्र शासन में बिल पास किया गया था उसके अंतर्गत भी आता है साथ ही भारतीय समाज में एक काला अध्याय भी लिखता है जिसमे आज यह समाज नहीं जान रहा ही की जो भारतीय गौवंश और हमारी गायें व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक में सोलह संस्कारों, गया, तर्पण, कर्म, आदि में गौदान दिए जाते हैं उनकी आज यह दुर्दशा चिंतनीय है. 



पुलिश महानिदेशक मप्र शासन श्री ऋषि कुमार शुक्ल के आदेश पर एसपी रीवा द्वारा गढ़ थाना प्रभारी को गौ बचाओ अभियान में भेजा जाना
    जब कई दिन से स्थानीय पुलिश और अन्य जिला प्रशासन द्वारा गायों के विरुद्ध हो रहे अत्याचार को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था तो मप्र पुलिश महानिदेशक भोपाल श्री ऋषिकुमार शुक्ला के समक्ष यह अवैध बांडो का प्रकरण रखा गया और ऊपर भोपाल से आदेश पर रीवा एसपी और गढ़ थाना प्रभारी द्वारा कार्यवाही की गयी जिसमे गढ़ थाने अंतर्गत आने वाले कई अवैध बांडे जिसमे सेदहा पंचायत स्थित भमरिया बांड़ा, लोटनी पंचायत स्थित अवैध बांड़ा, लालगांव पंचायत स्थित सोनवर्षा एवं हरदी के दो बांडे और गंतीरा स्थित अवैध बांडो में दविश दी गयी. जिसमे तात्कालिक तौर पर लालगांव स्थित सोनवर्षा एवं हरदी के बांडो को तोड़ दिया गया परन्तु प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी बांडे पुनः संचालित हो चुके हैं और स्थिति यथावत पहले जैसी ही बन गयी है.    
       
पशु क्रूरता अधिनियम आदि के अंतर्गत दोषियों के ऊपर दर्ज हो प्रकरण
इस विषय में सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा लिखित तौर पर गढ़ थाना में आवेदन दिया गया है की जहाँ जहाँ बिना गौवंशों की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान दिए बांड़ा बनाया गया है उन सबके खिलाफ प्रकरण दर्ज होने चाहिए. क्योंकि यह पंचायत अथवा सरकार की व्यवस्था है की वह हर पंचायत में सार्वजनिक पशु शेड बनवाए और पशुओं के चारे पानी की भी व्यवस्था करे. निश्चित तौर पर बिना छाया, पानी चारा, भूषा के पशुओं को खुले आसमान के नीचे मरने के लिए छोंड देना तो मानवता के घोर खिलाफ है साथ ही कानूनी तौर पर भी अपराध है. ऐसे अपराधियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की माग लिखित तौर पर की गयी है.
    वर्तमान लेख लिखे जाने तक सभी बाड़ों में पशु और गौवंश पुनः कैद कर दिए गए हैं और चारा पानी भूषा छाया बिना वैसे ही तड़प रहे हैं.
संलग्न – 1) अवैध रूप से संचालित बाड़ों में कैद गौवंशों के फोटो. 2) रीवा जिला मप्र के गढ़ थाना अंतर्गत अवैध रूप से संचालित लगभग दर्ज़न भर बाड़ों में से कुछ छः बाड़ों के वीडियो जो की यूट्यूब में अपलोड किये गए हैं उनका लिंक भी दिया गया है –
































































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शिवानन्द द्विवेदी
(प्रचारक, प्रवक्ता, एवं राष्ट्रीय संयोजक)
श्रीमद भगवद कथा धर्मार्थ समिति (भारत)
ग्राम कैथा, पोस्ट अमिलिया, थाना गढ़,
जिला रीवा  (म.प्र.) पिन ४८६११७
मोबाइल नंबर – 07869992139, 09589152587


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