दिनांक: 16/02/2017, स्थान: रीवा मप्र
दिनांक 15 फरवरी को हिनौती पंचायत के पाण्डेय ढाबा के पास बने अवैध बाड़े में भूंख प्यास से हुई कुछ और गौवंश की मौत
(गढ़/गंगेव/कांकर, रीवा मप्र – शिवानन्द द्विवेदी) गौवंशों के लिए जिले में बनाए गए अवैध बाड़ों में स्थितियां सुधरने की कगार पर बिलकुल ही नहीं दिखतीं. कारण स्पष्ट है की जब तक इन अवैध बाड़ों को नष्ट ध्वस्त का हटाया नहीं जाएगा तो भला स्थितियां क्या अपने आप ही सुधर जाएँगी?
आये दिन रोज़ जिले के सभी अवैध बाड़ों में बिना चारा पानी, भूषा, और छाया के बेजुबान गौवंशों की तड़प-तड़प कर मौत का शिलसिला निरन्तर जारी है जिसे देखने वाला न तो कोई शासन प्रशासन है और न ही कोई समाज और उसके ठेकेदार. आज स्थिति यह हो चुकी है की गौवंशों के लिए तथाकथित फसल सुरक्षा के नाम पर बनाए गए यह अवैध बाड़े किसी बूचड़ खाने से ज्यादा भयावह स्थिति में नज़र में आते हैं. जिस प्रकार विश्व युध्य के दौरान यूरोप में नाजियों और उनके समर्थकों के द्वारा यहूदियों को प्रताड़ित करने और मारने के उद्येश्य से घेटो और गैस-कैंप बनाये गए थे जहाँ यहूदियों को मरने के लिए छोंड दिया जाता था, ठीक उसी तरह पूरे रीवा जिले और यहाँ तक की प्रदेश में जगह-जगह पर अवैध तरीके से कानून को ताक पर रखकर अवैध बाड़े बनाए गए हैं जिनमे किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था न तो इस समाज और न ही शासन-प्रशासन द्वारा की गयी है लिहाज़ा रोज़ ही गौवंश भूंख प्याश से तड़प-तड़प कर मर रहे हैं और इस आस ए हैं की शायद कोई तो आकर इन्हें बचाए. पर भला इस कलयुग में अब कृष्ण कहाँ जो आततायियों को अपने चक्र सुदर्शन से छड़ों में नष्ट कर देते और धर्म की पुनः स्थापना करते. पर भले ही कृष्ण सदेंह न हों पर भारत का संविधान तो है जिसमे इन पशुओं को भी कुछ तो अधिकार प्राप्त हैं जो कानूनी तौर पर लागू होने चाहिए. अब प्रश्न यह उठता है की इन अधिकारों को इन कानूनों को लागू तो शासन प्रशासन को ही करवाना है न?
यह कोई पहली बार नहीं है की मीडिया में गौवंशों की प्रताड़ना की बाते आ रही हैं. पिछले कई महीनों से ठण्ड प्रारंभ होते ही नवम्बर माह से लगातार अवैध बाड़ों में मरने वाले मवेशियों की खबरें मीडिया में निरन्तर आती रही हैं और कई बार ईमेल, लिखित, मोबाइल, दूसरे कम्युनिकेशन के माध्यम से शासन-प्रशासन के समक्ष रखी गयीं थी परन्तु मजाल क्या है की सिर्फ कागज़ी घोड़ों के अतिरिक्त इस देश-प्रदेश के शासन-प्रशासन के कान तक जूं भी रेंग पाई हो.
दुर्भाग्य है इस देश और समाज का की जिन गौवंशों का सरोकार सीधे भारतीय संस्कृति से हैं आज भारतीय जनता पार्टी जैसे अपने आपको हिन्दूवादी पार्टी बताने वाली पार्टी और अन्य दुनिया भर के हिंदूवादी संगठन और यह सरकार गौवंशों के लिए क्या कुछ कर रही है आज यह पूरे समाज में विदित हो चुका है. श्री शिवराज सिंह चौहान और श्री नरेंद्र मोदी जी कृपया देखने का कष्ट करें की क्या आपकी पार्टी के शासन काल में गौवंशों की यही दुर्दशा होगी? देखना यह भी होगा की कहीं इन बेजुबान गौवंशों पर हो रही राजनीति से यह तथाकथित हिंदूवादी संगठन और पार्टियाँ गौवंशों के श्राप से भस्मीभूत होकर सदैव के लिए ही न विलुप्त हो जाएँ. क्योंकि यदि ह्रदय और इमानदारी से गौवंशों की सुरक्षा के लिए प्रयास न किये गए तो ईश्वर भी इन्हें माफ़ न कर पायेगा.
संलग्न – हिनौती के पास बनाए गए अवैध बाड़े के पास कल दिनांक 15 फरवरी को मृत पड़े कुछ मवेशी और साथ में बिना किसी चारा पानी के कमज़ोर और मरने की कगार पर अन्य गौवंश के छायाचित्र.
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Sincerely Yours,
Shivanand Dwivedi
(Social, Environmental, RTI and Human Rights Activists)
Village - Kaitha, Post - Amiliya, Police Station - Garh,
Tehsil - Mangawan, District - Rewa (MP)
TWITTER HANDLE: @ishwarputra - SHIVANAND DWIVEDI
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