दिनांक – 12/02/2017
स्थान – (रीवा, मप्र)
करहिया से डाढ़ प्रधानमंत्री सड़क का घटिया निर्माण - निम्न दर्जे का बालू-गिट्टी उपयोग किया जा रहा
(त्योंथर, रीवा मप्र – शिवानन्द द्विवेदी) त्योंथर तहसील एवं ब्लाक अंतर्गत बनने वाली करहिया से डाढ़ तक की प्रधानमंत्री सड़क का कार्य प्रारंभ होने से क्षेत्रीय जनता में काफी हर्ष था पर जैसे ही कार्य प्रारम्भ हुआ लोगों में चिंता की परछाई साफ़ झलकने लगी. लोगों को लगा कि यह भी उन्ही देशी कार्यों में से है जहाँ निम्न और दोयम दर्जे का कार्य कर अच्छी खासी मोटी रकम गरीब जनता से टैक्स के रूप में चूस ली जाती है.
जी हाँ प्रकरण कुछ ऐसा ही है. गंगेव ब्लाक अंतर्गत आने वाले हिनौती पंचायत के पास सेदहा अथवा कैथा मोड़ के नाम से पहचाने जाने वाले स्थान से प्रारंभ होता है करहिया और डाढ़ ग्राम का रास्ता. यह सड़क एक लम्बे अरसे से कच्ची पड़ी हुई थी जिसे देखने वाला कोई नहीं था. पर जब सामूहिक हस्ताक्षर अभियान चलाकर शासन-प्रशासन की नज़र में रखा गया तो इसके भी निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई. अब जब यह निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है तो यहाँ भी भ्रस्ट्राचार की बू आना स्वाभाविक है. देश का दुर्भाग्य है की जब तक किसी भी कार्य में प्रश्न न खड़े हों तब तक वह सही तरीके से हल ही नहीं सकता. क्योंकि नैतिकता, जिम्मेदारी और ईमानदारी पूर्ण कोई भी आवंटित कार्य कर देना तो अब इस देश के शासकीय विभागों की संस्कृति में ही लगता है नहीं बचा. क्योंकि विभाग और ठेकेदारों की मनमानियां तो कभी भला रुक ही नहीं सकती. विभागों को जहाँ ठेकेदारों से सीधे सांठ-गांठ पर शेयर मिल जाता है तो भला उन्हें क्या पड़ी हुई है की अपने सर्वेयर अथवा निरीक्षक दल भेजकर किसी भी आवंटित कार्य के गुणवत्ता की जांच करवाएं. जब जनता हो-हल्ला बोलती है तब जाकर सम्बंधित विभागों सहित ठेकेदारों के भी कान में जू रेगती है.
अभी हाल ही में हिनौती से कलवारी मोड़ जाते समय कैथा मोड़ के पास रुक कर करहिया से डाढ़ तक बन रही त्योंथर ब्लाक अंतर्गत आने वाली इस सड़क को देखा गया तो पाया गया की वहीँ पर क्रेशर प्लांट का थर्ड ग्रेड का राखड अथवा तथाकथित बालू उठाया जा रहा था और उसी विवादस्पद पनगड़ी के के-स्टार नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नामक किसी गिरीश सिंह अमहा के क्रेशर से निम्न दर्ज़े की गिट्टी उठायी जा रही थी. इसी गिट्टी का प्रयोग पुल जैसा संवेदनशील परिवहन मार्ग बनाने से लेकर अन्य रोड के कार्यों में किया जा रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि हाई वाटर फ्लो वाले इस क्षेत्र में यदि पुल मजबूत ढंग से न बन पायी तो अगले बरसात में ही दिलीप बिल्डकॉन की पुलों और रोडों की तरह यह रोड भी पानी में बह जाएगी. ऐसे में जो करोड़ों रुपये जनता की गाढ़ी कमाई से सरकार खर्च कर रही है वह सब ठेकेदारों और प्रधानमंत्री सड़क के अधिकारियों को भेंट में दे देने से ज्यादा कुछ और नहीं हो सकता. इससे तो बेहतर यही होता की सरकार यह प्रधानमंत्री सड़क का पैसा सीधे आरटीजीएस अथवा नेफ्ट अंतरण के माध्यम से ठेकेदारों और प्रधानमंत्री सड़क के अधिकारियों के खाते में डाल देती जिससे न तो काम की कोई चिंता ही होती और जनता को भी खबर नहीं लगती. क्योंकि लोकतंत्र में आने वाला एक-एक पैसा जनता की खून पसीने की कमाई होती है वह किसी की बपौती नहीं. अतः यदि कोई भी सरकारी अथवा सार्वजनिक कार्य करवाया जा रहा है तो उसके एक-एक पैसे का हिसाब कोई भी सरकार और शासन-प्रशासन देने के लिए वाध्य है. यही है लोकतंत्र वर्ना यूरोप में नाजियों का शासन भी था जहाँ मात्र तानाशाही ही चलती थी.
वहरहाल संलग्न फोटो में देखें की किस तरह से करहिया से डाढ़ मार्ग का घटिया निर्माण निम्न दर्जे के निर्माण सामग्री के साथ किया जा रहा है. इसकी सख्त जांच कर कार्यवाही होनी चाहिए और साथ ही पहले से बन चुके घटिया पुल को तोड़कर उच्च दर्जे का गुणवत्ता पूर्ण पुल का निर्माण किया जाना चाहिए.
संलग्न – त्योंथर ब्लाक अंतर्गत करहिया से डाढ़ प्रधानमंत्री सड़क निर्माण का दृश्य
मोबाइल नंबर जिनसे इस विषय में और जानकारी ली जा सकती है
1) जीएम प्रधानमंत्री सड़क मऊगंज खंड श्री यादव - 09425304105,
2) जीएम प्रधानमंत्री सड़क रीवा/त्योंथर खंड श्री दवे - 09407021465
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Sincerely Yours,
Shivanand Dwivedi
(Social, Environmental, RTI and Human Rights Activists)
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