*Breaking: देखिए कैसे रिटायर्ड चीफ इंजीनियर ने हांथ में नक्शा बनाकर जल संसाधन विभाग के काले कारनामों का कैसे खोला काला चिट्ठा // मामला है मऊगंज तहसील के बहुचर्चित बेलहा बांध का जहां कमीशनखोर अधिकारी, भ्रष्ट ठेकेदार और नेताओं ने मिलकर राशि का किया बड़ा बंदरबांट // बांध में नहीं बनाई लोंगिट्यूडनल और क्रॉस ड्रेन भी // चौंकिए नहीं क्योंकि जल संसाधन विभाग के कारनामों का अभी तो यह ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है//*
दिनांक 14 मई 2023 रीवा मध्य प्रदेश।
किसानों की सिंचाई के लिए बनाए गए बांध और नहरों में किस कदर जम कर भ्रष्टाचार किया गया और कैसे कागजों पर बांधों से नहरों में पानी सप्लाई दिखाया जाकर सरकारी खजाने में चूना लगाया गया यह सब आप पिछले कुछ समय से चलाए जा रहे इस एपिसोड में देखते आ रहे हैं। हमने आपको मऊगंज तहसील में बेलहा डैम में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर विस्तार से बताया है। आज हम इस कड़ी में आपको आगे जल संसाधन विभाग के भ्रष्ट इंजीनियरों और कमीशनखोर अधिकारियों के कुछ और भी कारनामे दिखाने जा रहे हैं। यहां पर आप इस वीडियो में स्पष्ट तौर पर देख सकते हैं कि किस प्रकार से जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर शेर बहादुर सिंह परिहार ने बेलहा बांध में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के साथ पहुंचकर मौके पर स्थिति का कैसे जायजा लिया और फिर पूरी गड़बड़ी को बिना कागज के ही अपने हाथ में पेन से कैसे नक्शा बनाकर समझा दिया जिससे न केवल विभाग का पूरा काला चिट्ठा भी खुल गया बल्कि आम जनता को भी पूरी सचाई दिख गई। यहां पर आप इन वीडियो में अभी देख सकते हैं कि चीफ इंजीनियर बांध के नीचे घूम कर कैसे स्पष्ट तौर पर बता रहे हैं कि पानी की निकासी के लिए बनाए जाने वाले लोंगिट्यूडनल ड्रेन एवं क्रॉस ड्रेन नहीं बनाए गए और यदि कहीं बनाए भी गए थे तो रखरखाव की कमी की वजह से नष्ट हो चुके हैं और कैसे पूरे बांध के भीटे का क्षरण हो रहा है और किस प्रकार से बांध को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कंपेक्सन न होना भी बांध टूटने का एक बड़ा कारण बनाकर सामने आ चुका है।
*चीफ इंजीनियर ने जब हांथ पर ही बना डाली ड्राइंग और खोल दिया विभाग का काला चिट्ठा*
चीफ इंजीनियर श्री परिहार ने हांथ पर ही ड्राइंग बनाते हुए दिखाया कि किस प्रकार कॉलर ज्वाइंट में जूट की बोरी भरी जा रही हैं पाइप के ज्वाइंट में भी जूट की बोरी भरी जा रही हैं और साथ में टूटे हुए बांध पर बिना बेंचिंग किए हुए एक साथ कैसे पूरे कटाव के बीच में ही स्लूस सौर पाइप बैठाकर मिट्टी डाल दी जाएगी जिसकी वजह से कॉम्पेक्शन न होने और मिट्टी न बैठने की वजह से वापस कटाव होने के बाद बांध की दीवारों को नुकसान पहुंचेगा। रिटायर्ड चीफ इंजीनियर परिहार ने इस पूरे मामले को बहुत ही बढ़िया ढंग से अपने हाथ में डायग्राम बनाकर समझाया….
अभी तो आप ताज्जुब कर रहे होंगे कि जब एक रिटायर्ड चीफ इंजीनियर भीषण गर्मी और इस कड़ी धूप में जाकर इतनी मेहनत से बांध निर्माण से संबंधित बारीकियों को बता सकता है तो फिर जनता के टैक्स पर पलने वाले एयर कंडीशनर में बैठे हुए यह इंजीनियर और अधिकारी आखिर मौके पर जाकर महत्वपूर्ण कार्यों का जायजा क्यों नहीं लेते और निगरानी क्यों नहीं करते?
जाहिर है यह सब कमीशन के पैसे का कमाल है। कमीशन के पैसे से भ्रष्ट अधिकारियों की आंखों में इस प्रकार पट्टी और कान में रुई भर जाती है जिसकी वजह से इन्हें न कुछ सुनाई देता और न भ्रष्टाचार दिखाई देता है और उसी का परिणाम है कि आज भ्रष्टाचार प्रशासन के नस नस में फलता फूलता दिख रहा है और जिम्मेदार गांधारी और धृतराष्ट्र बने बैठे हैं।
आइए अब आगे देखते हैं रिटायर्ड चीफ इंजीनियर ने शिवानंद द्विवेदी से इसके विषय में और आगे क्या क्या कहा…
*स्पेशल ब्यूरो रिपोर्ट रीवा मध्य प्रदेश*
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