*Breaking: वसूली से बौखलाए सेदहा रोजगार सहायक ने खुद सड़क पुलिया खोदकर की सरकारी संपत्ति के नुकसान की शिकायत // सीईओ जिला पंचायत रीवा की जांच और कार्यवाही के बाद शिकायत वापस लेने का बना रहे दबाव // सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश पुलिस को की शिकायत // गौरतलब है इसके पहले भी भ्रष्टाचारियों द्वारा शिवानंद द्विवेदी के ऊपर हमले सहित नुकसान पहुंचाने का किया गया है प्रयास // मामले के पीछे सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बताया हाई हैंडेड राजनीतिक षड्यंत्र एक बड़ी वजह//*
दिनांक 19 मई 2023 रीवा मध्य प्रदेश।
अपनी कार्यशैली के लिए जाने जाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के ऊपर भ्रष्टाचारी विभिन्न प्रकार से आरोप लगाते रहते हैं। कई बार उनके ऊपर भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के द्वारा हमले भी करवाए गए जिसमें कैथा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच और चंदेह ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच द्वारा किए गए हमले पर भी थाना गढ़ और मनगवां में एफआइआर भी दर्ज है। ऐसे ही सैकड़ों बार धमकियां दिए जाने और गाली गलौज किए जाने के मामले भी सामने आए हैं। एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के द्वारा बताया गया कि यह रोज की बात है जब कोई न कोई धमकी और गाली-गलौज के मामले सामने आते रहते हैं।
इस बात को लेकर एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली मध्यप्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग भोपाल पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश पुलिस सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संभाग रीवा जोन पुलिस अधीक्षक रीवा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मऊगंज एसडीओपी मनगवां एवं थाना गढ़ में भी इसकी इत्तला दे दी गई है।
*सीईओ जिला पंचायत रीवा की 10 मई की जांच के बाद बौखलाए भ्रष्टाचारी*
अभी हाल ही में दिनांक 10 मई 2023 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा संजय सौरभ सोनवाने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव राहुल पांडे कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 1 टीपी गुरद्वान सहायक यंत्री जनपद पंचायत गंगेव श्रीकांत द्विवेदी सहित कई अधिकारी और गांव के नागरिकों की उपस्थिति में ग्राम पंचायत सेदहा और चौरी की दर्जनों निर्माण कार्यों की जांच की गई जिसमें कई लाख रुपए की रिकवरी दोनों पंचायतों में बनाई गई है। मौके पर गुणवत्ताविहीन और अमानक स्तर का कार्य होना पाया गया जिसमें पुलिया निर्माण रपटा निर्माण पीसीसी सड़क निर्माण ग्रेवल सड़क निर्माण पानी की टंकी चबूतरा निर्माण खेल के मैदान शासकीय भवन की मरम्मत मेढ़ बंधान सेग्रीगेसन शेड निर्माण मोटर पंप स्टॉप डैम से संबंधित दर्जनों में गड़बड़ी देखने को मिली है जिसको लेकर जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय सौरभ सोनवाने द्वारा वसूली बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अपनी जांच और वसूली से घबराए और बौखलाए सेदहा ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक दिलीप कुमार गुप्ता जिसका की पहले भी अनियमितता के चलते वित्तीय एवं सचिव प्रभार छीन लिया गया है उसके द्वारा एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के विरुद्ध मनगवां के वर्तमान विधायक पंचूलाल प्रजापति के दबाव में शिकायत दर्ज करवाई जा रही है जिसमें कुछ पुलिया रपटा निर्माण की खुदाई कर शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने के मामले बताए जा रहे हैं। बताया गया कि मनगवां विधायक पंचूलाल प्रजापति के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को फोन कर दबाव बनाया जा रहा है और फर्जी मामले में फंसाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि गौरतलब है कि जिन पुलिया रपटा और पीसीसी सड़क को खोदकर शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की बात कही जा रही है वह पहले ही जांच में अमानक गुणवत्ताविहीन और तकनीकी स्वीकृत के अनुसार बनाए गए नहीं पाए गए हैं और उन कार्यों से संबंधित अभिलेख और दस्तावेज भी संबंधित आरोपी ग्राम रोजगार सहायक सेदहा पंचायत दिलीप कुमार गुप्ता के द्वारा जांच अधिकारियों को उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं जिसका कि उल्लेख पूर्व में गठित जांच दल के द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट में विधिवत किया जा चुका है। एक्टिविस्ट का कहना है कि मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप कर अधिकारियों के ऊपर दबाव बनाया जा कर फर्जी मामले में फंसाए जाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके विषय में उपरोक्त अनुसार सभी वरिष्ठ अधिकारियों को और संबंधित मानवाधिकार आयोग को भी शिकायत भेज दी गई है और जान माल की सुरक्षा सहित कार्यवाही की माग की गई है।
*आरटीआई को लेकर चल रहा राष्ट्रव्यापी आंदोलन सभी विभाग के भ्रष्टाचारी राडार पर*
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के द्वारा न केवल पंचायत विभाग बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग मध्य प्रदेश सड़क परिवहन विभाग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पीडब्ल्यूडी एवं जल संसाधन विभाग सहित जल स्रोतों पर अवैध अतिक्रमण और कब्जा आदि को लेकर लगभग सभी विभागों में व्याप्त व्यापक स्तर की अनियमितता और भ्रष्टाचार के विषय में समय-समय पर आवाज उठाई जाती है और जन समूह की समस्याओं के लिए सोशल ऑडिट और जनसुनवाई आयोजित की जाती है जिस में उपस्थित होकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं और वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। वर्तमान में उनके द्वारा जल जीवन जन जागरण यात्रा के तहत जल जीवन मिशन में व्यापक अनियमितता एवं बांधों नहरों की घटिया गुणवत्ता के विषय में अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में विरोधी और भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी कर्मचारी ठेकेदार और ऐसे लोग जो राजनीति से जुड़े हुए हैं उन्हें समय-समय पर विभिन्न प्रकार से क्षति पहुंचाने का प्रयास करते रहते हैं।
*आरटीआई से जुड़े हुए मामले को लेकर सूचना आयुक्त का आदेश उपलब्ध कराई जाए पुलिस सुरक्षा*
आरटीआई से जुड़े हुए एक ऐसे ही मामले में जांच के दौरान उनके ऊपर हमला भी किया गया था जिसके बाद मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के द्वारा सुप्रीम कोर्ट और डीओपीटी के निर्देशों और सर्कुलर का हवाला देते हुए रीवा जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह को उन्हें पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने के लिए लेख भी किया जा चुका है। ऐसी स्थितियों में जब कभी जांच होती हैं उसमें शिवानंद द्विवेदी पुलिस सुरक्षा के साथ जांचों में जाते हैं। अभी हाल ही में चंदेह ग्राम पंचायत में पिछले कार्यकाल में हुए व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितता को लेकर एक जांच में मनगवां थाना प्रभारी के द्वारा उन्हें पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई थी और इसके बाद ही जांच हो पाई थी।
*बड़ा सवाल क्या समाज के लिए काम करने वाले लोगों के प्रति शासन प्रशासन का कोई उत्तरदायित्व नहीं?*
जिस प्रकार एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के साथ पिछले कुछ वर्षों में उनके ऊपर हमले कराए गए उन्हें धमकियां और गालीगलौज किया गया और जिस प्रकार से फर्जी मामलों में फंसाए जाने के भी प्रयास किए गए इससे बड़ा सवाल ये है कि क्या आज समाज में कार्य करने वाले व्यक्तियों के लिए शासन प्रशासन का कोई उत्तरदायित्व नहीं है? बड़ा सवाल यह भी है कि क्या आज शासन-प्रशासन में बैठे हुए अधिकारी मात्र सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों के विधायकों और पदाधिकारियों की जी हजूरी करने के लिए ही बैठे हुए हैं? आज हालात यह हो गए हैं कि एक एफआईआर दर्ज करने के लिए विधायक द्वारा दबाव बनाया जाता है और तब थाने में बैठे हुए थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारी दबाव में आकर बिना आगे पीछे देखे हुए झूठे मामले में फंसा देते हैं और एफआईआर देते हैं। सवाल यह भी है कि जिस प्रकार से आए दिन आरटीआई के लिए कार्य करने वाले लोगों और सामाजिक क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कई ऐसे एक्टिविस्टों के ऊपर हमले करवाए जा रहे हैं और उन्हें धमकियां दी जा रही हैं ऐसे में क्या वर्तमान लोकतांत्रिक परिवेश में सच्चाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लोगों के लिए एक यही पारितोषिक बचा है?
यह सवाल उस जनता से भी है जो ऐसी पार्टियों को सत्ता में बैठा देती है जो भस्मासुर की तरह उन्हीं आम जनता के विरुद्ध काम करते हैं जो उन्हें पदों पर बैठाते हैं और उन्हें भस्म करने का प्रयास कर रहे हैं। ताजा मामला मनगवां विधायक के इस मामले पर हस्तक्षेप को लेकर स्पष्ट हो जाता है कि कैसे इनके भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी को टारगेट किया जा रहा है।
*संलग्न*- फोटो शिकायत वगैरा की पीडीएफ कॉपी।
*स्पेशल ब्यूरो रिपोर्ट रीवा मध्य प्रदेश*