दिनाँक 12 नवंबर 2018, स्थान - अतरैला थाना, ब्लॉक जवा, रीवा मप्र
(शिवानन्द द्विवेदी, रीवा मप्र)
ज़िले में ठंड बढ़ते ही एक बार फिर पशु प्रताड़ना बढ़ने लगी है. आवारा पशुओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ज़िले में बनाये जाने वाले अवैध बाड़ों में बिना किसी समुचित व्यवस्था के चलते एक बार फिर गोवंश मौत के घाट उतारे जा रहे हैं. जाहिर है इनमे दोषी वही हैं जिन्होंने मवेशियों को आवारा छोड़ा और वह जिन्होंने यह अवैध बाड़ा बनाये जाने में सहयोग दिया है.
जवा ब्लॉक अतरैला थाने का है मामला
यह मामला अतरैला थाना अन्तर्गत कशियारी ग्राम पंचायत का है जहां पर शासकीय प्राथमिक पाठशाला हरिजन बस्ती कशियारी के पीछे स्कूल की दीवाल से सटाकर यह अवैध बाड़ा बनाया गया है. ग्रामीणों और अन्य गोवंश प्रेमियों द्वारा बताया गया की इस बाड़े के निर्माण में ग्राम पंचायत कशियारी के सरपंच पति, सचिव, एवं उनके सहयोगियों का हाँथ है. बताया गया की स्कूल परिसर में मीटिंग बुलाकर सरपंच पति अखिलेश तिवारी द्वारा यह अवैध बाड़ा बनवाया गया था जिंसमे न तो चारा, न पानी और न ही किसी प्रकार के पशुसेड की व्यवस्था थी. आसपास के चश्मदीखों द्वारा बताया गया की कई दिनों तक पशु बाड़े में कैद रहते थे जिन्हें न तो चारा पानी मिलता था और न ही बीमार होने पर इलाज इसलिए भूंख प्यास से तड़प कर मर जाते थे.
11 नवंबर को मिलीं 5 मृत गायें
जब यह जानकारी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमो से सामने आई तो सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी एवं पीएफए इंदौर यूनिट के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रयास किये गए जिंसमे दिनांक 11 नवंबर को सीधे जवा ब्लॉक अन्तर्गत थाना अतरैला में ग्राम पंचायत कशियारी पहुचा गया और फिर जो खौफनाक वाकया देखा गया वह किसी भी कमजोर दिल को दहला देने वाला था.
11 नवंबर को सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी एवं डाढ़ निवासी गोवंश प्रेमी पुष्पराज तिवारी ने पूरे वाकये का वीडियो बनाया और साथ में फ़ोटो प्रूफ भी इकट्ठा किये. उसी दौरान गांव के कुछ लोग भी इकठ्ठा हुए जिन्होंने अवैध बाड़े का समर्थन किया और बताया की फसल नुकसानी बचाने के लिए बाड़ा सभी के सहयोग से बनाया गया है. नाम पूंछने पर कोई व्यक्तिगत नाम नही बताया और कहा की 100 से 150 लोगों की सहमति से बाड़ा बनाया गया है.
मतलब गायों को बाड़े में बन्द कर मारने में पूरा गांव ही सहमत
जिस प्रकार से कुछ व्यक्तियों द्वारा जानकारी दी गई उससे यही पता चला की आज गोवंश अथवा गाय की समाज में उपयोगिता पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है. आज भारतीय समाज का वह हिस्सा जो अपनी माँ को माँ कहने को तैयार नही और अपने बूढ़े मां बाप की रखवाली एवं देखभाल नही कर सकता वह भला पशुओं की क्या कद्र करेगा. मसीनों ट्रेक्टर आदि के ईजाद के पहले वह तो मानव का स्वार्थ था जिसके कारण वह गाय बैल पालता था जिससे हल में चलने, दूध घी खाने एवं गोबर का खाद कंडे आदि के रूप में इस्तेमाल करने में मदद मिले वरना गाय की क्या कद्र इस भारतीय समाज में. जबकि यदि देखा जाए तो जहां पर पशु प्रताड़ना बढ़ी है यह कोई मुस्लिम अथवा इशाई बाहुल्य क्षेत्र नही जबकि हिन्दू और वह भी उच्चवर्गीय हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र है. तो कहना यही पड़ेगा की गाय बड़ी न मैया सबसे बड़ा रुपैया.
सरपंच पति अखिलेश तिवारी को दी गई जानकारी
इस बीच समय निकालकर कशियारी ग्राम के सरपंच पति अखिलेश तिवारी को भी सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा अवगत कराया गया और जानकारी चाही गई की यह कार्य किसने किया. इस पर सरपंच ने कुछ जिम्मेदारी ली और पहले पहल बांकी ग्रामवासियों पर थोप दी. बता दें की कशियारी ग्राम पंचायत की सरपंच विमला तिवारी हैं. सरपंच का पति अखिलेश तिवारी पंचायत का पूरा काम धाम देखता है. बताया गया की अखिलेश तिवारी किसी कुष्ठ रोग विभाग में शासकीय कर्मचारी भी है लेकिन काम धाम छोड़कर मात्र नेतागिरी में ही लगा रहता है. अवैध बाड़ा इसी के द्वारा पंचायत के अन्य सदस्यों पर दबाब देकर बनवाया गया है. अखिलेश तिवारी द्वारा स्वयं भी बताया गया की उसके पास 200 एकड़ से अधिक की काश्त योग्य जमीन है साथ ही उसका पूरा परिवार वहां का जिमीदार परिवार है.
थाना अतरैला को भी लिखित की शिकायत
इस बीच जब ग्राम पंचायत कशियारी में बनाये गए अवैध बाड़े में मरे हुए गायों के सबूत और प्रूफ इकठ्ठा कर लिए गए तब जाकर थाना अतरैला में लिखित तौर पर सूचित किया गया और दंडात्मक कार्यवाही की माग की गई.
शिवानंद द्विवेदी एवं पुष्पराज तिवारी द्वारा की गई लिखित शिकायत में पूरे वाकये को लिखा गया और भारतीय दंड संहिता की धारा 429 सहित पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1860 की धारा 11 एवं मप्र गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम अमेंडमेंट के अन्तर्गत कार्यवाही की माग की गई.
थाना प्रभारी अतरैला द्वारा मामले पर लीपापोती
इस बीच जब मोबाइल फ़ोन से अतरैला थाना प्रभारी को गोवंश प्रताड़ना के बारे में अवगत कराया गया तो थाना प्रभारी द्वारा बताया गया की डीएम कलेक्टर, एसडीएम एवं अन्य अधिकारियों को बता दें। ऐसी कोई बारदात नही है और कोई अवैध बाड़ा नही मिला है. जबकि थाना प्रभारी को पूरे मामले की फ़ोटो, लिखित शिकायत की प्रति, एवं बनाया गया वीडियो भी व्हाट्सएप्प के माध्यम से भी भेज दिया गया है.
दुर्गंध का रोजगार सहायक के विरोध करने पर जान से मारने और नौकरी से निकालने की धमकी
ग्रामीणों द्वारा जो जानकारी सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमो से शेयर की गई थी उसमे कशियारी ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक पर संदेह करते हुए सरपंच पति और उसके परिवार द्वारा रोजगार सहायक अंकित तिवारी को नौकरी से निकाले जाने एवं उनकी माँ को आंगनवाड़ी से निकाले जाने की धमकी दी गई है. स्वयं सरपंच पति अखिलेश तिवारी ने कहा की रोजगार सहायक अंकित तिवारी एवं उसकी माँ की आंगनवाड़ी की नौकरी मेरे हाँथ में है जब चाहूं तब निकाल सकता हूँ.
सरपंच पति ने कहा हम बाड़ा नही हटाएँगे
इस बीच चर्चा के दौरान कशियारी सरपंच पति एवं कुष्ठरोग विभाग में कार्य करने वाले अखिलेश तिवारी ने कहा की बाड़ा हम नही हटाएँगे चाहे कुछ भी हो जाए. उसने आगे कहा की इन आवारा पशुओं से हमारी फसलों को नुकसान होता है इसलिए हमने बाड़ा बनवाया है. यदि स्कूल के पास से हटवा भी दिया गया तो अन्य जगहों पर बनाया जाएगा.
अखिलेश तिवारी द्वारा यह भी कहा गया की अंकित तिवारी रोजगार सहायक का घर स्कूल और बाड़े के पास है अतः हमने जानबूझकर बाड़ा वहीं पर बनवाया है जिससे जब मवेशी मरें तो उसकी दुर्गंध से यह परेशान हों क्योंकि इन्होंने अपनी मा को हमारे विरुद्ध चुनाव में खड़ा किया था और हमारे विरोधी है. वहरहाल सरपंच पति और अन्य गोवंश प्रताड़ना में संलिप्त लोगों की वॉइस रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर मौजूद हैं.
यदि बाड़ा नही हटा तो मरेंगे सभी गोवंश
अब देखना यह है की यदि अगले कुछ दिनों में स्कूल के पीछे से बाड़ा नही हटाया गया तो शेष बचे हुए गोवंश भी ठंड और भूंख प्यास से काल के गाल में समाहित हो जायँगे. अतः प्रशासन के लिए यह अति आवश्यक है की या की विधिवत पशुओं के सुरक्षा और रहने के इंतज़ामात किये जाएं नही तो वहां से इस अवैध बाड़े को जितना जल्दी संभव हो हटवाया जाए.
प्रशासन निष्क्रिय मात्र एक्टिविस्टों के दम पर है गोवंशों की सुरक्षा
निश्चित तौर पर पुलिश प्रशासन और जिला प्रशासन का नजरिया तो पशुओं के लिए बिल्कुल पशु जैसा ही है लेकिन पशु आधिकारों के लिए लड़ने और कार्य करने वाले संगठनों के लिए आगामी ठंड ऋतु एक बार फिर चुनौतियां लेकर आ रही है जिंसमे जगह जगह गांव गांव अवैध अनाधिकृत पशु बाड़े बनाये जाएंगे और पिछले वर्षों की ही भांति एकबार फिर गोवंश जिनमे बहुतायत में गायें होंगी भूंख प्यास और ठंड से तड़प तड़प कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर देंगी.
संलग्न - कृपया संलग्न तस्वीरों में देखें रीवा जिला एवं थाना अतरैला स्थित ग्राम पंचायत कशियारी शासकीय प्राथमिक पाठशाला एवं हरिजन बस्ती के पीछे बनाये गए अवैध बाड़े में मृत पड़ी गायें एवं सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी एवं सहयोगियों दवारा थाना अतरैला को लिखित दी गई शिकायत की प्रति.
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शिवानन्द द्विवेदी
सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता
ज़िला रीवा मप्र, मोब 9589152587, 786992139
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