Monday, February 26, 2018

पनगड़ी प्रधानमंत्री सड़क की घटिया गुणवत्ता की जांच करने पहुचे उपयंत्री परिहार, आर सी सी सड़क उखड़ी मिली साथ ही दोयम दर्जे की उपयोग हो रही निर्माण सामग्री, जारी किया मौखिक वार्निंग (मऊगंज पीएम सड़क प्रोजेक्ट रीवा)

दिनांक 27 फरवरी 2018, स्थान - गंगेव रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

           प्रधानमंत्री सड़क परियोजना का किस प्रकार मखौल बनाया जा रहा है इसका सीधा सीधा उदाहरण आप मऊगंज प्रधानमंत्री सड़क के कार्यों में देख सकते हैं। ताज्जुब की बात है कि पनगड़ी पंचायत में दिसंबर 2012 से प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री सड़क का कार्य आज दिनाँक तक पूर्ण नही हो पाया है जबकि देखा जाय तो यह कार्य 2013 तक पूर्ण होना था। 

    पनगड़ी पीएम सड़क परियोजना में हो रही हीलाहवाली का सीधा संबंध ठेकेदार और पी एम जी एस वाई के अधिकारियों से है। प्रश्न उठता है कि जब यह सड़क आज तक पूरी नही की गई तो ठेकेदार का ठेका निरस्त क्यों नही किया गया? ऊपर से ऐसे ठेकेदारों को नए नए ठेके देकर इनके मनोबल को बढ़ाया जा रहा है। पता चला कि पनगड़ी ग्राम पंचायत में बनाई जा रही पीएम सड़क का कार्य जिस ठेकेदार को सौंपा गया है वह उत्तर प्रदेश का है जिसके ऊपर कई आपराधिक प्रकारन हैं और कई मर्तबा जेल की हवा भी खाकर आया हुआ है।

   खैर यह तो किसी का व्यक्तिगत मामला है परंतु सबसे बड़ी बात जनता की समस्याओं को लेकर है कि ठेकेदार के जेल जाने के प्रति सहानुभूति रखने वाले प्रधानमंत्री सड़क के अधिकारियों के दिल मे क्या जनता के प्रति थोड़ी भी सहानुभूति नही है। काश यदि इतनी ही सहानुभूति जनता के प्रति होती तो आज यह स्थिति निर्मित नही होती की 10 साल पुराना प्रोजेक्ट आज तक पूरा नही हो पाता। शर्म आनी चाहिए ऐसे अधिकारियों पर की जनता को निरंतर मूर्ख बनाकर उसके पैसे की बर्बादी की जा रही है।

    पनगड़ी उपसरपंच शिवेंद्रमणि शुक्ला की शिकायत पर जांच करने पहुचा प्रधानमंत्री सड़क का उपयंत्री -

      पिछले कुछ सप्ताह से पनगड़ी के उपसरपंच शिवेंद्रमणि शुक्ला द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी से निरंतर यह बात कही जा रही थी कि पनगड़ी प्रधानमंत्री सड़क का कार्य नही किया जा रहा है, गुणवत्ता विहीन और निम्न दर्जे का कार्य हो रहा है। जिस पर मऊगंज प्रधानमंत्री सड़क के जीएम श्री निगम को कई बार अवगत कराया गया। परंतु निरंतर हो रही हीलाहवाली के चलते जांच में टालमटोल चल रही थी। दिनाँक 26 फरवरी को प्रधानमंत्री सड़क के अधिकारियों का मुहूर्त बना और उपयंत्री परिहार द्वारा मौके पर आकर जांच की गई जिस पर घटिया गुणवत्ता की शिकायत सही पाई गई, आर सी सी सड़क उखड़ी पाई गई। जिसकी पुनः तोड़कर मरम्मत करने को कहा गया। उपस्थित ठेकेदार को उपयंत्री द्वारा समझाइश मात्र दी गई, और किसी प्रकार का नोटिस प्रपत्र आदि कुछ जारी नही किया गया। मौके पर जिस प्रकार प्रधानमंत्री सड़क के अधिकारियों और ठेकेदार के बीच तालमेल देखने को मिला इससे साफ जाहिर था कि यह मैच पहले से फिक्स्ड था। और मात्र जांच के नाम पर कोरम पूर्ति की जानी थी जो हो गई।

    घटिया गुणवत्ता की जांच के दौरान पीएम सड़क उपयंत्री परिहार, ठेकेदार, अन्य कर्मचारियों के अतिरिक्त शिकायतकर्ता शिवेंद्रमणि शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी, रोशन तिवारी, न्यूज़ रिपोर्टर प्रमोद सिंह, श्रीपाल सिंह सहित अन्य कई लोग उपस्थित रहे।

     पनगड़ी उपसरपंच शिवेंद्रमणि शुक्ला ने अनोखा विरोध प्रदर्शन कर करवाया मुण्डन -

      जांच में हो रही हीलाहवाली और ठेकेदार की मनमानी के चलते पनगड़ी उपसरपंच ने अपना विरोध दर्ज करवाया है और कहा है कि यदि कार्य सही मापदंडों पर और गुणवत्तापूर्ण नही कराया गया तो पनगड़ी पंचायत के लोगों द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। साथ ही अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए शिवेंद्रमणि शुक्ला ने अपना सिर का मुण्डन करवा दिया है। लोगों ने यद्यपि इसे अनोखा विरोध बताया।

      संलग्न - पनगड़ी सड़क जाँचस्थल में उपस्थित पीएम सड़क मऊगंज के उपयंत्री परिहार, ठेकेदार, शिकायतकर्ता एवं अन्य लोग।

  - शिवानंद द्विवेदी सामाजिक मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र। 7869992139

होली के बाद प्रारम्भ होगा बन्द पड़े हिनौती नलजल योजना का कार्य, 46 हज़ार आये पंचायत के खाते में, 1000 फ़ीट बिछेगी पाइपलाइन (गंगेव ब्लॉक हिनौती पंचायत का मामला ज़िले भर की मीडिया में छपी थी खबर), जनता को मिला अस्वासन

दिनाँक 26 फरवरी 2018, स्थान - गढ़/गंगेव रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी रीवा मप्र)

       अभी अभी दिनांक 25 फरवरी को ज़िले की मीडिया एवं साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से हिनौती नलजल योजना की निष्क्रियता सम्बन्धी समाचार प्रकाशित हुई थी जिस पर ज़िले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित पंचायत विभाग की नीद उड़ गई है। जिस पर संज्ञान लेते हुए ज़िले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह एवं एस डी ओ श्रीवास्तव द्वारा फ़ोन के माध्यम से सूचित किया गया कि जल्द ही हिनौती पंचायत की नलजल योजना का बन्द पड़ा कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। बन्द पड़ी नलजल योजना के लिए पहले ही पंचायत के खाते में 40 हज़ार से अधिक की राशि डाली जा चुकी है साथ ही 1000 फ़ीट पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा।

    निश्चित तौर पर यह हिनौती पंचायत के रहवाशियों के लिए एक अत्यंत खुसी की बात हो सकती है कि यदि समय पर कार्य चालू हो गया तो इस वर्ष भीषण गर्मी में पानी की समस्या से काफी हद तक निजात मिल पाएगी। बता दें कि हिनौती सहित घाट के ऊपरी क्षेत्र की दर्जनों पंचायतों में इस वर्ष एक बार फिर कम बारिश की वजह से भीषण जल संकट उत्पन्न हो चुका है ऐसे में नलजल योजना के माध्यम से जन जन तक पानी पहुचाने का विकल्प ही बचता है जिसमे प्रत्येक गांव में एक बोरवेल मात्र में मोटर पंप डालकर पाइप लाइन के माध्यम से घर घर पानी पहुचाया जा सकता है। ऐसे में घर घर नलकूप उत्खनन की खर्चीली परंपरा से निजात भी मिलेगी और साथ ही उसी खर्च से बेहतर पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।

            अब देखना यह होगा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की नींद हमेशा के लिए ही खुली रहेगी और बढ़ रहे जल संकट की स्थिति में बिना शिकायतों के ही जिम्मेदारी समझ कर निराकरण करते रहेंगे अथवा इन्हें बार बार पिंच करके जगाते रहना पड़ेगा और इनकी अकर्मण्यता और अनियमितता को मीडिया के माध्यम से निरंतर बताते रहना पड़ेगा। 

    वहरहाल जो अनुभव बताता है उससे तो यही पता चलता है कि बिना हल्ला गुल्ला किये कुछ होने वाला नही है। जब चिल्लाने से ही सरकार और इनके कर्मचारियों को सुनाई नही देता तो भला शांत बैठने से तो ये सुनने वाले नहीं।

  संलग्न - स्थिति का मुआयना करने पहुचा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी दस्ता।

  - शिवानंद द्विवेदी सामाजिक मानवाधिकार कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139

गदही में नए हैंडपम्प सर्वे के लिए पहुचे गंगेव पी एच ई उपयंत्री अखिलेश उइके (पिछले दिनों समाचार आयी थी मीडिया में)

दिनांक 26 फरवरी 2018, स्थान - गढ़/गंगेव रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी रीवा मप्र)

  पानी की समस्या को लेकर अभी हाल ही में पिछले दिनों ज़िले से प्रकाशित होने वाले कई अग्रणी समाचार पत्रों में गदही ग्राम के हरिजन आदिवासियों द्वारा शिर पर डिब्बे बाल्टी रखकर प्रदर्शन करते हुए फ़ोटो प्रकाशित हुए थे। जिसके संदर्भ में  जिले के कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह एवं संबंधित एस डी ओ हुजूर श्रीवास्तव को सूचित किया गया था।

      इसी तारतम्य में आज दिनांक 26 फरवरी को कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह के निर्देश पर शाम 4 बजे गंगेव ब्लॉक उपयंत्री अखिलेश उइके को जांच के लिए भेजा गया। जांच एवं सर्वे के दौरान पाया कि गदही ग्राम में 50 से अधिक घर बने हुए हैं जिनमे 200 से अधिक आबादी के लिए कोई शासकीय नलकूप उपलब्ध नही है। गदही ग्राम की बस्तियां कुछ इस प्रकार की बसी हुई हैं कि सभी घर आसपास न होकर काफी दूर दूर हैं और लगभग 4 किमी के दायरे में बसे हुए हैं और सभी घरों को पानी उपलब्ध करने के लिए 3 से 4 तक हैंडपम्प करने पड़ेंगे। उपयंत्री द्वारा बताया गया कि अभी वर्तमान में मात्र एक हैंडपम्प की व्यवस्था के लिए प्रयास किये जायेंगे जो दोनो तरफ की बस्तियों के मध्य में लगाया जाएगा।

    पी एच ई  उपयंत्री अखिलेश उइके ने बताया कि सर्वे और जांच रिपोर्ट कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह को प्रेषित कर दी जाएगी जिस पर अग्रिम कार्यवाही विभाग द्वारा निर्धारित होगी।

  संलग्न - गदही ग्राम जांच करने पहुचे गंगेव लोक स्वास्थ्य विभाग के उपयंत्री अखिलेश उइके एवं क्षेत्रीय हैंडपम्प मैकेनिक अश्वनी पटेल एवं रामसिया द्विवेदी।

  - शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक मानवाधिकार कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139

Sunday, February 25, 2018

नलजल योजना के "नल" में भरपूर है "जल" पर गांव की जनता को नही रहा "मिल" - भ्रष्ट्राचार का कुछ नही "उपचार" (मामला ज़िले के गंगेव ब्लॉक हिनौती पंचायत का)

दिनाँक 25 फरवरी 20018, स्थान - गढ़/गंगेव रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

               पूरे ज़िले में पानी की जद्दोजहद चल रही है इसी बीच हिनौती पंचायत जनपद पंचायत गंगेव में एक और नलजल योजना में भ्रष्ट्राचार का मामला सामने आया है। हिनौती निवासी अखिलेश उपाध्याय द्वारा बताया गया कि उनके घर के पास नलजल योजना का पंप हाउस पिछले एक दशक पूर्व बनाया गया था जो पूरे हिनौती ग्राम के लिए पाइप द्वारा पानी सप्लाई करने के लिए बनाया गया था लेकिन न तो पाइप लगाई गईं और न ही उसका सही तरीके से रख रखाब किया गया नतीजा यह हुआ कि उत्कृष्ट पंचायत का तमगा प्राप्त हिनौती पंचायत में नलजल योजना मात्र कागजों में है उसका कोई संचालन नही हो रहा है। 

     उपाध्याय परिवार के लगभग सैकड़ा भर से ऊपर सदस्य वहीं पंप हाउस के पास निवास करते हैं और भारी तकलीफ से गुजर रहे हैं। पंचायत में कोई हैंडपम्प भी सही तरीके से कार्य नही कर रहे हैं। पंप हाउस के पास ही पंचायत भवन एवं हरिजन आदिवशियों की बस्ती भी है जिसमे 500 से अधिक परिवार निवासरत हैं जिन्हें साल के 12 महीने पानी की भीषण समस्या से गुजरना पड़ रहा है। बस्ती निवासी पार्वती साकेत एवं उनके पति भैयालाल साकेत सहित धर्मेंद्र आदिवासी आदि ने बताया कि हमारी पंचायत में नलजल योजना है जिसके रखरखाब के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कर्मचारी भी पेमेंट ले रहे हैं, साथ ही 46 हज़ार रुपये के आसपास की राशि भी रखरखाब के लिए अभी आई हुई है परंतु उसका क्या किया जाएगा किसी को कोई पता नही। पंप हाउस के पास निवासरत अखिलेश उपाध्याय और उनके परिवार द्वारा बताया गया कि इस विषय मे उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में कई शिकायतें की हुई हैं और रोज वहां से कॉल आता है और बताया जाता है कि आपकी समस्या का निराकरण कर दिया गया है परंतु भौतिक धरातल पर न तो किसी प्रकार का कोई निरीक्षण किया गया और न ही समस्या का समाधान हुआ है, सीएम हेल्पलाइन में मात्र झूंठे निराकरण दिए जाते हैं।

   इस प्रकार हिनौती ग्राम पंचायत के रहवाशियों की आपबीती से समझा जा सकता है कि पानी को लेकर हर जगह बस एक ही स्थिति बनी हुई है। हैंडपम्प काम नही कर रहे हैं जिनमे या तो पाइप नही हैं और उनका सही तरीके से रखरखाब नही हो पाया है अथवा गर्मी में जलस्तर नीचे जाने से बंद हो गए हैं। गर्मियों में विकल्प के तौर पर नलजल प्रदाय योजना एक बहुत ही बेहतर समाधान के तौर पर सामने आई है परंतु ग्रामीण स्तर पर जन जागरूकता के अभाव एवं बढ़ते पंचायती भ्रष्ट्राचार के कारण आगे नही बढ़ पा रही है। जहां कहीं पंचायतों में नलजल योजना लगायी भी गयी है वहां भ्रष्ट्राचार के कारण काम नही कर रही है। मेंटेनेंस और व्यवस्था के लिए सरकारी खजाने से आने वाली राशि पंचायत एवं पीएचई विभाग की सह से हजम हो रही है जिसकी जानकारी सभी अधिकारियों को है परंतु सही कार्यवाही न करवा कर भ्रष्ट्राचार में अपनी भरपूर भूमिका अदा कर रहे हैं। 

    ऐसे में अकेले प्रधानमंत्री मोदी का भाषण और उनकी मन की बात मात्र भाषण और मन मे ही रह जायेगी क्योंकि दिल्ली में बैठकर अकेले एक मोदी कुछ नही कर पायेगा। यहां तो हर गांव कस्बे में एक मोदी की जरूरत है।

  संलग्न - 

        1-  हिनौती नलजल या स्थलजल प्रदाय योजना अंतर्गत बनाया गया पंप हाउस और पास स्थित बोरवेल जहां से पूरे गांव में नल की पाइप द्वारा पानी दिए जाने का प्रावधान बनाया गया था।

       2 - दूसरी तस्वीर में शिकायतकर्ता अखिलेश उपाध्याय निवासी हिनौती पंप हाउस के पाश खड़े हुए नलजल की दुर्दशा दिखाते हुए। 

        3- अगली तस्वीर में हिनौती ग्राम की हरिजन बस्ती के लोग डिब्बे बाल्टी लिए हुए पानी का नंबर लगाए बैठे हैं। इसी एक स्थान से पूरे बस्ती में पैनी ढोते हैं।

  - शिवानंद द्विवेदी सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता रीवा मप्र।

      78699992139

Friday, February 23, 2018

दिखायी मानवता, ग्रामीणों ने गोमाता को 12 घंटे बाद कुएं से निकाला (मामला मदरी गांव का, देखें संलग्न फ़ोटो)

दिनांक 24 फरवरी 2018, स्थान - रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

 देश मे हो रही निरंतर पशु प्रताड़ना के बीच ज़िले में कुछ मानवीयता की भी मिसालें मिल रही हैं। जहां लोग पशुओं को उपयोग के बाद तुरंत छोंड़ दे रहे हैं जिन्हें अवैध बाड़ों में कैद कर दिया जाता है, कई बार यही आवारा पशु कूपों, नदी नालियों में भी फिसल जाते हैं।

    वाकया है गंगेव ब्लॉक एवं थाना गढ़ अंतर्गत आने वाली मदरी पंचायत का जहां पर दिनांक 23 फरवरी की रात को कैलाश हायर सेकेंडरी स्कूल के पीछे संतोष शुक्ला के घर के पास एक पुरानी गहरी कुआं में एक काली रंग की गोमाता गिर गई थी। इस घटना की जानकारी संतोष शुक्ला द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी को दी गई जिस पर संज्ञान लेते हुए तत्काल संबंधित पशु चिकित्सा विभाग गढ़ एवं लालगांव उप-वन परिक्षेत्र के वन अधिकारियों कर्मचारियों को भी दी गईं जिस पर सभी ने मिलकर संतोष शुक्ला निवासी मदरी, भठवा निवासी प्रमोद सिंह, श्रीपाल सिंह, एवं अन्य कई लोगों की सहायता से गाय को सुरक्षित बाहर निकाला।

 संलग्न - गोरक्षा करते लोगों की फ़ोटो और सुरक्षित निकाली गई गाय।

  - शिवानंद द्विवेदी सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139

डाढ़ करहिया प्रधानमंत्री सड़क 6 माह में उखड़ी, घटिया निर्माण की खुली पोल

दिनांक 23 फरवरी 2018, स्थान - त्योंथर ब्लॉक रीवा, मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

    ज़िले के त्योंथर ब्लॉक अंतर्गत आने वाली डाढ़ करहिया प्रधानमंत्री सड़क 6 माह में ही टूट चुकी है। जबकि सड़क निर्माण के वक्त इसकी घटिया गुणवत्ता की शिकायते सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पहले ही की जा चुकी है। घटिया निर्माण की खबर भी कई मर्तबा रीवा संभाग से प्रकाशित होने वाले अखबारों में प्रकाशित हो चुकी है।

     संलग्न तस्वीरों में देखें करहिया निवासी सोमधर द्विवेदी के घर के निकट किस प्रकार मात्र 6 माह पहले ही बनी यह सड़क बीचों बीच फट चुकी है। इसके पहले भी बता दें कि इस बरसात में यही सड़क कई स्थानों से उखड़ गई थी।

    - शिवानंद द्विवेदी रीवा मप्र। 7869992139

Wednesday, February 21, 2018

साहब हमे पानी दे दो तो बहुत बड़ा एहसान होगा! गदही ग्राम के हरिजन आदिवासी आज भी भरते हैं 5 किमी दूर जंगल के झरने से पानी, आवादी 200 से ऊपर, गर्मी में कर जाते हैं अपने घरों से पलायन (देखें तस्वीरें)

दिनाँक 22 फरवरी 2018, स्थान - सिरमौर तहसील गदही ग्राम से, रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

         बिना ज्यादा भूमिका बनाये सीधे मुद्दे में आ जाते हैं। मूलभूत मानवाधिकारों में से अति महत्वपूर्ण पानी पीने के अधिकार की कितनी सुरक्षा ये सरकारें कर पा रही हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज 21 वीं सदी में भी लोग 5 किमी दूर जंगल मे जाकर झरने से पानी ला रहे हैं और उसी से जीवन यापन कर रहे हैं। कहने को तो यह क्षेत्र मनगवां विधानसभा का है जहां पर एक मोहतरमा प्रतिनिधित्व की कमान संभाले हुए हैं जो इन तथाकथित पिछड़े समूहों की तारणहार भी बताई जाती हैं। लेकिन जब इन हरिजन आदिवाशी रहवाशियों से पूंछा गया तो पता चला कि कई मर्तबा हम समूहों में एकत्रित होकर अपनी समस्याएं इन  जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखे लेकिन कोई सुनवाई नही हुई है। आज जबकि पूरा देश जानता है कि सांसद और विधायक निधि के नलकूपों की क्या स्थितियां हैं। इनमे ज्यादातर व्यक्तिगत उपयोग में लाये जा रहे हैं जिनमे या की पंप डाले होते हैं अथवा किसी के घर आंगन में व्यक्तिगत उपयोग के लिए लगे होते हैं। ऐसे में क्या सार्वजनिक उपयोग के लिए इन सांसदों, पंचायतों और विधायकों अथवा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पास कोई नलकूप नही हैं? 

   संलग्न तस्वीरों में जो लोग अपने सिर हाँथ में डिब्बे लिए प्रदर्शन कर रहे हैं यह वाकया गंगेव ब्लॉक सिरमौर तहसील अंतर्गत आने वाली हिनौती पंचायत के कुख्यात (भमरिया गदही क्षेत्र अवैध पशु बाड़ों के लिए इस क्षेत्र में कुख्यात है जहां गौहत्याएं हुई हैं)  गदही नामक ग्राम का है जहां सरकारी राजस्व के भूभाग में भूमिहीन हरिजन आदिवाशी बसे हुए हैं और आज कई सालों से पीने के पानी के लिए गुहार लगा रहे हैं।

   - शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक मानवाधिकार कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139

Tuesday, February 20, 2018

विंध्य किसान परिषद ने ज़िले में पानी बिजली मनरेगा को लेकर एस डीएम त्योंथर को सौंपा ज्ञापन, 7 दिन में कार्यवाही न होने पर होगा अनसन आंदोलन

दिनांक 21 फरवरी 2018, स्थान - त्योंथर रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

    रीवा जिले में गर्मी के साथ ही बढ़ रहे जलसंकट, मनरेगा में मजदूरों के अधिकारों के निरंतर हो रहे हनन एवं मस्टर रोल भरने में हो रहे फर्जीवाड़े, बिजली विभाग की बिना मीटर लगाए और मनमाने ढंग से औसत बिलिंग, राजस्व विभाग की मनमानी, पंचायती कार्यों में हो रही मनमानी और फर्ज़ीवाड़ा एवं अन्य कई सार्वजनिक हित की समस्याओं को लेकर विंध्य किसान परिषद ने त्योंथर तहसील के अनुविभागीय अधिकारी को मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है जिसमे 7 दिवश के भीतर सभी समस्याओं पर कार्यवाही की माग की है। कार्यवाही न होने की स्थिति में विंध्य किसान परिषद के कार्यकर्ताओं मजदूरों एवं किसानों द्वारा आमरण अनसन किया जाएगा जिसकी जबावदेही शासन प्रशासन की होगी।

     इस बीच एस डी एम त्योंथर श्री पांडेय को ज्ञापन सौंपते समय परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं परिषद के जिला अध्यक्ष शिवानंद द्विवेदी एवं कार्यकर्ता पुष्पराज तिवारी सहित सैकड़ों अन्य मजदूर, किसान कार्यकर्ता मौजूद रहे।

संलग्न - अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर को ज्ञापन सौंपते समय उपस्थित परिषद के कार्यकर्ता।

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शिवानंद द्विवेदी 

सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139

Monday, February 19, 2018

(Rewa, MP) ज़िले के पहाड़ी इलाकों में बढ़ गया जलसंकट, पंचायत एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बना अनजान (मामला डाढ़ पंचायत त्योंथर ब्लॉक रीवा का, पानी पीने के मानवाधिकार की उड़ाई जा रही धज्जियां)

दिनांक 20 फरवरी 2018, स्थान - त्योंथर ब्लॉक रीवा मप्र

  (शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

   अभी पिछले दिनों हरिजन बस्ती नेवरिया का मामला प्रकाश में आया था जिसमे कुछ 10 साल तक के  स्कूली बच्चे साईकल में डिब्बे बाल्टी लिए हुए सेदहा स्कूल मोड़ हिनौती-लालगांव सड़क मार्ग के पास 5 किमी दूर से पानी भरकर ला रहे थे। आज सरकारें गरीबों के उत्थान की दुहाई देती नही थक रही और यूनिसेफ से लेकर चाइल्ड चैरिटी फण्ड के लिए अरबों खरबों डॉलर का पैसा देशी विदेशी संस्थाओं से उठा रही हैं लेकिन निश्चित तौर पर बच्चों का इस प्रकार 5 किमी दूर से पानी भरकर साईकल में लाना सरकार के सारे दावों को पूरी तरह से नग्न कर देने वाला वाकया था। 

      अब चूंकि जलसंकट इतना भीषण हो चुका है कि आज किसी भी ग्राम पंचायत में जाएं तो हमे लोग साईकल में डिब्बे लिए हुए पानी ढोते नज़र आ ही जायेंगे। लगभग रोज ही इस प्रकार की खबरें हमे मीडिया में छपी मिल ही जाएंगी।

       दिनांक 20 फरवरी की शुबह ग्राम पंचायत डाढ़ में ग्रामीणों द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता को मोबाइल में इसी जलसंकट की भीषण समस्या के विषय मे बताया गया जिस पर मौके पर उपस्थित होकर देखा गया कि डाढ़ पंचायत जनपद पंचायत त्योंथर के 50 से ऊपर हैंडपम्प पाइप की कमी और अन्य खराबी के कारण बन्द पड़े हैं। कुछ तो हैंडपम्प जलस्तर नीचे जाने की वजह से बंद हैं। लेकिन ज्यादातर हैंडपम्प कर विषय मे डाढ़ के ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पंचायत एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सही रखरखाव न होने की वजह से बंद पड़े हैं। जबकि देखा जाए तो इस विषय मे त्योंथर क्षेत्र के कार्यपालन यंत्री पी एस बुन्देला एवं ज़िले के कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह को कई मर्तबा बताया जा चुका है। इन सबका एक ही घिसा पिटा जबाब रहता है कि दिखवा रहे हैं लेकिन कहीं कुछ होता नजर नही आ रहा है। 

     त्योंथर क्षेत्र की जिम्मेदारी लिए हुए कार्यपालन यंत्री पी एस बुंदेला का कहना था कि ठेके प्रथा के चलते सीधे ठेकेदार से बात करें पर जब ठेकेदार से बात की जाती है तो ठेकेदार का कहना होता है कि पी एच ई हमे कोई सामग्री उपलब्ध नही करवा रहा है अतः हम कुछ नही कर सकते।

     आज सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि मानवाधिकारों में से एक पानी पीने के अधिकार का क्या होगा? क्या मानवाधिकार और मूलभूत संवैधानिक अधिकार मात्र किताबों की और पढ़ने पढ़ाने की बातें हैं। आखिर यदि सहरी क्षेत्र के लिए घर घर मे पाइप कनेक्शन से पानी सप्लाई किया जाता है और जल संकट उत्पन्न होने पर टैंकर से पानी पहुचाया जाता है तो पिछड़े ग्रामों के लिए भी पानी की समुचित व्यवस्था क्यों नही की जाती? क्या अधिकारियों, कमर्चारियों और शहरी क्षेत्र के लोगों नागरिकों के लिए विशेष संवैधानिक अधिकार हैं और पिछड़े बना दिये गए ग्रामो  के लिए ये पैमाने बिल्कुल अलग हैं? आखिर ऐसे में कोई ग्रामीण इन नियम कायदों संवैधानिक नियमों पर क्यों विश्वास करेगा? 

    आज सूखे अकाल की इस भीषण स्थिति में पानी को लेकर जो परिस्थितियां निर्मित हो रही हैं इससे साफ जाहिर है कि अप्रैल प्रारम्भ होते होते स्थितियां और भी अधिक भयावह हो जाएंगी। ऐसे में तमाम मानवाधिकार की सुरक्षा की दुहाई देने वाली इन सरकारों के लिए बहुत बड़ा प्रश्न है कि कम बोलने वाले और कम विकशित इन ग्रामीणों के मानवाधिकारों की रक्षा सुरक्षा यह कैसे करेंगे? क्या मात्र दिखावा ही चलता रहेगा और मानवाधिकार की रक्षा के नाम पर देशी विदेशी संस्थाओं से माल ऐंठने का काम चलता रहेगा अथवा कहीं कुछ वास्तविक धरातल पर भी होगा।

संलग्न - कई किमी दूर से साईकल पर पानी ढोने पर मजबूर ग्रामवशी। त्योंथर ब्लॉक पहाड़ी क्षेत्र। रीवा मप्र।

   - शिवानंद द्विवेदी सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139


Sunday, February 18, 2018

(Rewa, MP) 21 वीं सदी में भी 5 किमी दूर से बच्चे साईकल से लाते हैं पानी, हाल ए मानवाधिकार (रीवा मप्र के हाल, देखें तस्वीरें और यूट्यूब वीडियो)

दिनांक 18 फरवरी 2018, स्थान - त्योंथर ब्लॉक थाना गढ़, रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

      ज़िले में जल संकट गहराता जा रहा है लेकिन कई रिमाइंडर के बाबजूद भी शासन प्रशासन नही चेत पा रहा है।

       मानसून की बेरहमी के कारण प्रदेश में काफी कम मात्रा में पानी गिरने की वजह से ज़िले में भी जलस्तर घटता जा रहा है। जहां पहले 6 से 8 पाइप डालकर हैंडपम्प से पानी प्राप्त किया जा सकता था वहीं अब 10 से 12 पाइप में भी बड़ी मुश्किल से पानी मिल रहा है।

     कलवारी-लालगांव सड़क मार्ग में हिनौती के पास पांडेय ढाबा और कैथा मोड़ के पास करहिया ग्राम डाढ़ पंचायत में पिछले माह भर से अधिक समय से खराब हैंडपम्प आज तक नही बन पाया है। बताया गया कि इसमें तीन पाइप लगाई जानी हैं जो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पास नही है। अब इस विषय मे जब संबंधित कार्यपालन यंत्री शरद कुमार एवं पी एस बुंदेला के समक्ष रखी गई तो मात्र आश्वासन ही मिल पाया। अब आश्वासन के बदले पिछले माह भर से हरिजन बस्ती के रहवासी जीवित हैं। अब देखना यह होगा कि 21 वीं सदी में मंगल एवं चंद्रमा पर पानी की तलाश करने वाली सरकारें अपनी धरती में प्यासी मानवता के लिए पानी उपलब्ध करवा पाती है कि नही।

  संलग्न - हरिजन बस्ती के छोटे बच्चे पानी से भरे डिब्बे अपनी अपनी साईकल में ढोते हुए।

https://youtu.be/I19n1CeUlII

  - शिवानंद द्विवेदी सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139

Saturday, February 17, 2018

भ्रष्ट्राचार की वसूली की नोटिस पर डाढ़ सरपंच पुत्र सुरेंद्र मिश्रा ने पुष्पराज तिवारी को मोबाइल पर दी जान से मारने की धमकी, दाई माई की गाली के साथ बोला कानून मेरी जेब मे, कोई कुछ नही बिगाड़ सकता (ध्यान से सुनें संलग्न ऑडियो रिकॉर्डिंग)

दिनांक 17 फरवरी 2018, स्थान - डाढ़ पंचायत त्योंथर रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

 अभी हाल ही में पिछले महीने डाढ़ पंचायत निवासी एवं विंध्य किसान परिषद के कार्यकर्ता पुष्पराज तिवारी एवं परिषद के जिलाध्यक्ष द्वारा डाढ़ पंचायत में निर्माण कार्यों में हो रहे व्यापक भ्रष्ट्राचार की शिकायत पर सीईओ जनपद पंचायत त्योंथर महावीर जाटव द्वारा जांच कमेटी बैठा कर जांच कराई गई थी जिस पर सीईओ जाटव स्वयं भी जांच स्थल पर आकर लगभग 25 लाख के तीन पीसीसी सड़क निर्माण कार्य के गुणवत्ता की जांच की थी जिस पर उपयंत्री त्योंथर प्रजापति द्वारा जांच रिपोर्ट में तीनों पीसीसी सड़क मापदंड के अनुरूप होते नही पाए गए थे जिस सरपंच सचिव को नोटिस जारी की गई थी इसके बाद वर्तमान  में चल रही लोनियान बस्ती की सड़क को नए सिरे से बनाये जाने और साथ ही पहले से निर्मित हो चुकी द्विवेदी टोला करहिया एवं हरिजन बस्ती डाढ़ की सड़क पर पूरी बसूली की अनुसंशा की बात सीईओ जनपद त्योंथर के नाम अपने प्रतिवेदन में आयी थी।

     जब यह बात डाढ़ सरपंच पुत्र एवं सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र मिश्रा के पास पहुची तो उसने परिषद के कार्यकर्ता पुष्पराज तिवारी के मोबाइल पर फोन करके उसे दाई माई की भद्दी गालियां दी और बोला कि मैं अपने लड़के को बुलाकर तेरे घर मे घुसकर हाँथ पैर तोड़ जान से समाप्त कर दूंगा अभी तू जानता नही मैंने इसके पहले भी कई लोगों को निपटाया है और मैं कोर्ट केस लड़ लूंगा कोई मेरा कुछ बिगाड़ नही सकता। 

     इस प्रकार संलग्न ऑडियो फ़ाइल में भ्रष्ट्राचार का विरोध करने वाले एक कार्यकर्ता को जिस प्रकार सरहंगई पूर्वक बेझिझक एक सरपंच प्रतिनिधि द्वारा माँ बहन की गालियां देकर धमकाया गया इससे यही साबित होता है कि वास्तव में इन भ्रष्ट्राचारी असामाजिक तत्वों को न तो समाज की कोई चिंता है और न ही नियम कानून का कोई भय। पर दूसरे पक्ष ने भी इस घटना की शिकायत गढ़ थाने में पूरी ऑडियो फ़ाइल के साथ कर दी है परंतु गढ़ थाने में अब तक जांच कर एफ आई आर तक दर्ज नही की गई है इससे साफ पता चलता है कि ऐसे असामाजिक तत्वों की राजनीतिक पकड़ ऊंचे तक है जिसका दुरुपयोग कर ऐसे शातिर जहां भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कानून को भी धता बता रहे हैं। 

      अब सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि आज पूरे देश मे भ्रष्टाचार का जिस तरह से बोलबाला है उसके खिलाफ आवाज उठाने वाले आम नागरिकों की रक्षा सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? पंचायत विभाग में सैकड़ों ऐसी शिकायतें धूल कहा रही हैं और उन फाइलों को राजनीतिक दबाब और पैसा हजम कर दबा दिया जाता है। कई ऐसे उदाहरण जीवंत हैं जिनमे पंचायती भ्रष्ट्राचारों के धारा 40 और धारा 92 के प्रकरण संबंधित एस डी एम एवं सीईओ कार्यालय में लंबित हैं लेकिन भ्रष्ट्राचार एवं राजनीतिक दबाब कर चलते उनमे कोई सार्थक निर्णय नही लिए जा रहे हैं।

संलग्न - धमकी दिए जाने की ऑडियो फ़ाइल और साथ मे अन्य वशूली संबंधी प्रतिवेदन एवं कार्यस्थल की फ़ोटो।

  - शिवानंद द्विवेदी सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139

Thursday, February 15, 2018

ज़िले की डाढ़ पंचायत सहित संभवतः पूरे प्रदेश में जॉब कार्ड में मैनुअली अथवा प्रिंटिंग के माध्यम से नही होती एंट्री, मजदूरों के पास उनके किये गए कार्यों का कोई लिखित व्योरा नही होता मात्र ऑनलाइन एंट्री बताकर रखा जाता है अंधेरे में

दिनांक 16 फरवरी 2018, स्थान - त्योंथर ब्लॉक रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

ज़िले के त्योंथर ब्लॉक अंतर्गत डाढ़ पंचायत में मजदूरों के मनरेगा जॉब कार्ड वितरित नही किये गए हैं। बताया गया कि जो जॉब कार्ड आज से पांच वर्ष पहले दिए गए थे वही जब कार्ड आज भी मजदूरों के पास हैं और के जॉब कार्डों में कोई एंट्री नही हुई है। नियमानुसार हर पंचवर्षीय में नए जॉब कार्ड दिए जाने के प्रावधान हैं और साथ ही मजदूरों के प्रत्येक पंचायती कार्यों की मैन्युअल एंट्री सभी जॉब कार्ड में होनी चाहिए। जिस प्रकार बैंक पासबुक में जमा और निकासी की पूरी जानकारी प्रिंटर द्वारा प्रिंट की हुई होती है और प्रत्येक अंतरण के सामने संबंधित बैंक कर्मचारी के हस्ताक्षर होते हैं उसी प्रकार प्रत्येक जॉब कार्ड में मजदूरों के कार्य का दिनवार व्योरा प्रिंट होना चाहिए अथवा मैन्युअल एंट्री होनी चाहिए जिससे मजदूरों को यह जानकारी पता चले कि उन्होंने कब कब और किस किस योजना में कार्य किया हुआ है। परंतु यह मात्र डाढ़ पंचायत ही नही बल्कि लगभग ज़िले और संभवतः प्रदेश की बहुतायत पंचायत के हाल हैं कि मात्र ऑनलाइन मस्टर रोल तो फ़र्ज़ी तरीके से बनाकर दिखा दिए जाते हैं लेकिन फ़र्ज़ीवड़े में कार्यवाही होने के डर से पंचायत कर्मी जॉब कार्ड में कोई एंट्री नही करते। क्योंकि ज्यादातर जॉब कार्डधारकों के नाम से कार्डधारकों के साथ मिलकर फ़र्ज़ी निकासी की जाती है ऐसे में कोई भी जॉब कार्ड में एंट्री नही होती है। 


     डाढ़ पंचायत त्योंथर जनपद के परिपेक्ष्य में सामाजिक कार्यकर्ता एवं विंध्य किसान परिषद के जिला अध्यक्ष शिवानन्द द्विवेदी एवं कार्यकर्ता पुष्पराज तिवारी द्वारा लिखित दर्ज की गई शिकायत की जांच के बाद उपयंत्री त्योंथर जनपद द्वारा दिये गए प्रतिवेदन में बिंदु क्रमांक 2 की जांच में जो दलीलें दी गई हैं वह पूरी तरह से अपर्याप्त, झूंठी और भ्रामक हैं तथा मजदूरों के अधिकारों के विरुद्ध हैं। उपयंत्री द्वारा यह कहना कि सभी मनरेगा के कार्यो  की ऑनलाइन एंट्री ऑनलाइन मस्टर रोल में दर्ज होती है इसलिए जॉब कार्ड में मैन्युअल अथवा प्रिंटिंग के माध्यम से एंट्री करना आवश्यक नही है पूरी तरह से गलत और मजदूरों के पारदर्शिता के अधिकार का हनन है। 


    इस प्रकार सामाजिक कार्यकर्ता एवं आर टी आई एक्टिविस्ट जॉब कार्ड में एंट्री करने संबंधी सभी विन्दुओं पर पुनः जांच कर पुख्ता कार्यवाही की माग की है। 


      इस प्रकार यदि मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार के विषय मे यदि सरकार नही जागती तो मजदूरों के हक को पंचायत एवं संबंधित दलालों द्वारा निरंतर मारा जाता रहेगा और जहां सरकारें मजदूरों को 100 दिन और 150 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के दावें कर रही हैं यह सब मात्र हवा में ही चलता रहेगा और काम और काम के बदले उचित दाम न  मिलने के कारण मजदूर अपने गृह क्षेत्र से पलायन करने पर मजबूर होते रहेंगे साथ ही मजदूर और मनरेगा के नाम पर पंचायत विभाग और उससे जुड़े हुए दलालों की रोटी सेंकने का कार्य जारी रहेगा और ऐसे में न तो भ्रष्ट्राचार पर लगाम लग पाएगी और न ही कभी पारदर्शिता आ पाएगी।


    


   संलग्न - त्योंथर ब्लॉक के उपयंत्री प्रजापति द्वारा सीईओ महावीर जाटव के नाम जांच प्रतिवेदन की फ़ोटो यहां पर संलग्न है। देखें सभी  विन्दुओं को क्रमवार।

    - शिवानंद द्विवेदी सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139


डाढ़ पंचायत त्योंथर ब्लॉक में बनाये गए पीसीसी रोड में किये गए निर्माण कार्य की सरपंच सचिव से होगी पूरी रिकवरी (देखें त्योंथर ब्लॉक के उपयंत्री, एस डी ओ प्रजापति का सीईओ महावीर जाटव के नाम जांच प्रतिवेदन)

दिनाँक 15 फरवरी 2018, स्थान - डाढ़ पंचायत, त्योंथर ब्लॉक रीवा मप्र।

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

         त्योंथर ब्लॉक अंतर्गत डाढ़ पंचायत में हो रहे पंचायती कार्यों की जांच के बाद प्रतिवेदन सीईओ जनपद पंचायत त्योंथर महावीर जाटव को सौंप दिया गया है जिसमे बिंदुवार जांच के नाम पर गलत और भ्रामक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। 

          मनरेगा के कार्यों और फ़र्ज़ी मस्टर रोल के विषय मे जांच वाले विन्दुओं मे जांचकर्ताओं द्वारा गलत और झूँठा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बरी कर दिया गया जबकि फ़र्ज़ी मस्टर रोल जारी कर मसीनों द्वारा ठेके से कार्य करवाये जाने के पूरे प्रमाण उपलब्ध हैं। कार्यस्थल पर मसीन का चलना पाया गया है एवं डाढ़ पंचायत निवासी पुष्पराज तिवारी द्वारा उसकी फोटो एवं वीडियो भी बनाया गया है।

      करहिया में वृजभूषण द्विवेदी एवं मोतीलाल आदि के घर के पास बनाई गई पीसीसी सड़क एवं साथ ही हरिजन बस्ती डाढ़ की पीसीसी सड़क के विषय मे जांच प्रतिवेदन में कार्य का सड़क में क्रैक एवं  गुणवत्ता विहीन कार्य होना पाया गया है और निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत डाढ़ से पूरी राशि की रिकवरी के लिए सीईओ से अनुसंशा की गई है।

     संलग्न - आवेदक शिकायतकर्ता पुष्पराज तिवारी निवासी डाढ़ पंचायत त्योंथर ब्लॉक द्वारा अपने शिकायत के विषय मे लगाए गए आर टी आई से प्राप्त जांच प्रतिवेदन की फ़ोटो यहां पर संलग्न है।

   - शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र। 7869992139