दिनांक - 24/03/2017, रीवा मप्र,
(गढ़/गंगेव, रीवा मप्र - शिवानन्द द्विवेदी) रीवा के ब्लाक गंगेव स्थित कृषक कल्याण एवं कृषि विकास विभाग में भार्रेसाही निरंतर जारी है. जितना माल लाओ उतना अधिक पाओ का फंडा ही मात्र यहाँ काम करता है बांकी कोई नियम कायदा यहाँ काम नहीं करता. यहाँ तक की लिए गए सामानों की कोई पक्की रसीद तक किसानों हितग्राहियों को नहीं दी जाती.
कृषि उपकरणों, बीज, खाद, फ़र्टिलाइज़र, एवं छिड़काव करने वाली दवाओं एवं पोषक तत्वों की कालाबाजारी निरंतर जारी है. किसानों को बताया जाता है की कृषि समग्री उपलब्ध नहीं है और बंद कमरे में बिचौलियों के माध्यम से पूरा का पूरा माल पिछले दरवाज़ों से बेंच दिया जाता है.
अभी हाल ही में कृषि विभाग गंगेव जाया गया और वहां पर पाया गया की बाहर चारा काटने की मशीन का इंतज़ार कर रहे किसानों को बता दिया गया की मशीन आयी ही नहीं है और अन्दर से मशीनों की कला बाजारी करने का विधान बनाया जा रहा था. कई किसानों जैसे कमलेश पटेल निवासी लोटनी पंचायत, बम्हनी निवासी प्रजापति पिता लाला प्रजापति एवं राजमणि सिंह पिता दशमति सिंह सहित दर्ज़नों किसान मिले जिन्हें चारा काटने की मशीन नहीं आई है और आप लोगों के लिये नही है ऐसा बताकर उन्हें घर का रास्ता दिखाया जा रहा था. इतने में सामाजिक कार्यकर्त्ता का हस्तक्षेप हुआ और जब अच्छी खासी साहित्यिक भाषा में कर्मचारियों को नियम कायदे बताये गए तो जाकर आर ए ई ओ एक्शन में आये. कमलेश पटेल निवासी ग्राम पंचायत लोटनी से पूंछने पर पता चला की वह पिछले दो साल से चारा काटने की मशीन के लिए चक्कर लगा रहा है और हर बार ही उसे बताया जा रहा है की मशीन तुम्हे नहीं मिलेगी. इसी प्रकार अन्य दर्ज़नों किसानों को जब किसी तरह से दूसरे किसानों से सूचना मिली तो मशीन लेने गंगेव पहुचे.
सभी किसानों से चर्चा की गयी तो उनके द्वारा बताया गया की आरएईओ एवं एसएडीओ के द्वारा कोई भी जानकारी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है. पारदर्शिता का अभाव है एवं सब कुछ बंद कमरों और अँधेरे में कर दिया जाता है. कोई भी कृषि उपकरण कब आता है, पोषक तत्त्व, खाद बीज कब आते हैं यह उपस्थित किसानों को नहीं पता है.
निश्चित रूप से यह बात कृषि विभाग के समक्ष कई मर्तबा सामाजिक एवं आर टी आई कार्यकर्ता द्वारा सम्बंधित एसडीओ मनीष मिश्रा, एवं एसएडीओ शेंगर एवं स्टोर कीपर बसंत गौतम के समक्ष रखी गयी. कई बार तो मप्र शासन की अब पूर्णतया फ्लॉप हो चुकी सीएम हेल्पलाइन 181 में भी रखी गयी जिसकी की प्रतियाँ यहाँ भी संलग्न हैं परन्तु इन विभागों की कार्यप्रणाली में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ.
अब देखना यह होगा की ग्रीष्मकालीन बोवाई हेतु आने वाली मूंग एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं बीज ग्राम योजना अंतर्गत आने वाले सब्सिडी के बीजों का क्या होता है? क्या यह बीज और पोषक तत्त्व आदि सम्बंधित किसान हितग्राहियों को मिल पाते हैं अथवा इनकी भी कालाबाजारी कर ली जाती है. क्योंकि अब तक तो मात्र सब बेंच कर खा-पी लिया गया और गरीब और अन्य सम्बंधित लाभार्थियों को मात्र ठेंगा दिखा दिया गया. अभी हाल ही में आर टी आई कार्यकर्त्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा कृषि कल्याण विभाग गंगेव के एसएडीओ शेंगर को आर टी आई आवेदन देकर बीज खाद, पोषण तत्वों, किसानों के हितो में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं आदि सम्बन्धी जानकारी चाही गयी थी परन्तु उस आर टी आई की जानकारी आवेदक को आज दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराई गयी है जबकि पूरे साल व्यतीत होने को है.
चूंकि पूरे कृषि विभाग में भ्रष्ट्राचार व्याप्त है चाहे वह गंगेव का कार्यालय हो अथवा त्योंथर कृषि विभाग का एसडीओ कार्यालय अथवा फिर उप-संचालक कार्यालय रीवा जहाँ रामेन्द्र सिंह बैठते हैं सब के सब मामले को दबाने में लगे हुए हैं की कहीं उन सबके काले कारनामे उजागर हो गए तो लेने के देने पड़ सकते हैं. जबकि गंगेव कृषि की अनियमितता और भ्रष्ट्राचार को रीवा कृषि विभाग के उप संचालक के समक्ष कई मर्तबा रखा जा चूका है. आखिर प्रश्न यह उठता है की जब आर टी आई अधिनियम 2005 के प्रावधानों में तीस दिवश के भीतर सभी जनहित सम्बंधित सूचना आवेदकों को उपलब्ध करवाना प्रावधान में आता है तो भला क्यों इन सरकारी विभागों द्वारा जानकारी दबाने का प्रयाश किया जाता रहा है. इससे इन विभागों के ऊपर शक और ज्यादा ही बढ़ता है की कहीं न कहीं इनके काले कारनामों का चिठ्ठा यदि खुला तो भरे बाजार में यह सब नंगे (नंगे होना यहाँ पर एक मुहावरा है जिसका तात्पर्य है वास्तविक छुपी हुई सच्चाई सामने आना) हो जायेंगे.
अब प्रश्न यह उठता है की क्या अभी भी कुछ पारदर्शिता इन विभागों के कार्यों में दिखेगी? क्या किसानों को उनका हक़ और सही जानकारी मिल पायेगी, अथवा अभी भी पिछले दशकों से चली आ रही भर्रेसाही और भ्रष्ट्राचार चलता रहेगा?
गंगेव कृषि विभाग सहित रीवा जिले के अन्य कृषि विभाग के अल अधिकारियों के मोबाइल संपर्क -
1) शेंगर एस ए डी ओ गंगेव - 9993790232
2) मनीष मिश्रा एसडीओ कृषि त्योंथर - 7471120123,
3) उप संचालक रीव कृषि विभाग, रामेन्द्र सिंह - 9755400009,
4) कलेक्टर रीवा, - 9425903973,
संलग्न - 1) कृषि विभाग गंगेव के सन्दर्भ में कुछ फोटोग्राफ जो वहां पर भरे पड़े पोषक तत्त्व, खाद , ग्रोमोर, फास्फोरस, छिडकाव हेतु दवा, एवं चारा काटने की लाई हुई मशीनें भरी पड़ी हैं परन्तु किसानों को कुछ नहीं दिया जा रहा है.
2) कृषि विभाग गंगेव में व्याप्त अनियमितता सम्बन्धी दर्ज सीएम हेल्पलाइन की शिकायत की pdf प्रति भी संलग्न है...
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Sincerely Yours,
Shivanand Dwivedi
(Social, Environmental, RTI and Human Rights Activists)
Village - Kaitha, Post - Amiliya, Police Station - Garh,
Tehsil - Mangawan, District - Rewa (MP)
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