दिनांक 27 अक्टूबर 2018, स्थान - रामपुर थाना, सतना, मप्र
(शिवानन्द द्विवेदी)
आवारा छोड़ दिए गए गोवंशों की बढ़ी हुई संख्या के चलते पशु प्रताड़ना अब और भी अधिक जोर पकड़ रही है. दिन प्रतिदिन देश प्रदेश के अनेक हिस्सों से गोवंश प्रताड़ना के किस्से सामने आते रहते हैं. अभी हाल ही में रीवा ज़िले के रेहवा घाटी में पचासों गोवंशों को जीवित धकेल दिए जाने का मामला ज्यादा पुराना नही हुआ है और सतना ज़िले में इसी तरह की एक और वारदात सामने आ गई है.
सतना के रामपुर थाना क्षेत्र बकिया ग्राम का है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार सतना ज़िले के रामपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत बकिया ग्राम में सैकड़ों गोवंशों को नहर के बीचोंबीच धकेल दिया गया है जिससे सभी गोवंश जिनमे बहुतायत में गायें हैं उसी सूखी नहर में फंसी हुई हैं.
ग्रामीणों द्वारा बताया गया की कुछ असमाजिक तत्व फसलों की नुकसानी को बचाने के उद्देश्य से गोवंशों के साथ निरंतर अत्याचार कर रहे हैं जिनमे कभी उन्हें नहर के बहाव में धकेल दिया जाता है तो कई स्थानों पर अवैध संचालित बाड़ों में भूखों प्यासा मरने के लिए छोड़ दिया जाता है. लोगों द्वारा आरोप लगाया गया की शासन प्रशासन तमाशबीन बना बैठा हुआ है और न तो फसल नुकसानी के लिए कुछ कर रहा है और न ही गोवंशों की हो रही निरंतर क्रूरता को रोंक पा रहा है.
सतना एसपी को दी गई सूचना
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सतना एसपी को उनके मोबाइल फ़ोन में सूचित किया गया जिसकी जानकारी एसपी सतना को पहले से नही थी. इस बीच एसपी सतना ने आश्वासन दिया की वह गायों को सुरक्षित निकालने में हर संभव मदद करेंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो क्रेन का भी सहारा लिया जाएगा. लेकिन अभी तक गायों को निकाला नही जा सका है.
टी आई रामपुर को दी सूचना
इस बीच जानकारी टी आई रामपुर को भी उनके मोबाइल नंबर पर दी गई क्योंकि मामला थाना रामपुर के अन्तर्गत आता है. टी आई रामपुर द्वारा अवगत कराया गया की उन्हें पहले से घटना की जानकारी थी और दिनांक 26 अक्टूबर को राजस्व अमला जिंसमे तहसीलदार एवं पटवारी एवं साथ ही नहर मंडल के अधिकारी मौका मुआयना करने पहुचे थे और गायों को नहर से बाहर निकालने का प्रयास किया है. आगे बताया गया की बकिया ग्राम से प्रारम्भ होकर लगभग 12 से 14 किलोमीटर तक मवेशियों को मजदूरों की मदद से नहर के बीचोंबीच से हांककर ले जाया गया लेकिन जैसे ही मजदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुचें वहां पर ग्रामीणों ने मजदूरों के साथ मारपीट करके भगा दिया जिससे मवेशी पुनः उसी स्थिति में आ गए हैं.
यह पूँछे जाने पर की जब मवेशियों को हांका जा रहा था तब राजस्व और पुलिश अमला कहां था तो बताया गया की तहसीलदार आईडिया बता कर वापस चले गए थे और इसी प्रकार पुलिश भी अपने दूसरे कार्यों में लग गई थी जिसकी वजह से मजदूर अकेले पड़ने के कारण ग्रामीण लोगों के कोपभाजन बने.
कितने मवेशी अभी फंसे हैं और कैसे निकलेंगे ?
टी आई रामपुर द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई की अभी भी कुल ढाई सौ से अधिक गायें अथवा गोवंश फंसी हुई हैं जिन्हें एक दो दिन में बाहर निकाला जाना अनिवार्य है अन्यथा समस्या पैदा होगी और गोवंश मर जाएंगे. जबकि आम ग्रामीण सूत्रों द्वारा बताया गया कि ढाई सौ नही बल्कि हज़ारों गोवंश नहर के बीचोंबीच फंसे हुए हैं।
टी आई रामपुर ने अपनी यथासंभव मदद उपलब्ध कराने की बात तो कही है लेकिन अपनी असमर्थता जाहिर करते हुए बताया है की आगे जहां से मवेशियों को बाहर निकाला जाना है वह सतना क्षेत्र में न होकर सिरमौर एवं सेमरिया थाना क्षेत्र में आता है. अतः एसडीएम सिरमौर थाना सिरमौर एवं कलेक्टर रीवा से ही मदद ली जाकर मामले को सुलझाया जा सकेगा.
संलग्न - बकिया नहर में फंसी हुई गायों की तस्वीर जिनमे से पचासों मर भी चुकी हैं।
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शिवनांद द्विवेदी
सामाजिक मानवाधिकार कार्यकर्ता
रीवा मप्र 9589152587, 7869992139
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