Wednesday, March 21, 2018

बंसल कंपनी ने तालाबों के आकार को ही बदल दिया, मनमानी खुदाई से तालाबों की उपयोगिता पर प्रश्नचिन्ह, किस आधार पर हो रहा उत्खनन, क्या बंसल कंपनी के पास है कोई लीज?

दिनांक 22 मार्च 2018, स्थान गढ़ गंगेव रीवा मप्र

(शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)

      ज़िले की मनगवा से चाकघाट तक बनाई जा रही बहचर्चित हाइ वे सड़क के लिए सरकारी तालाबों से मिट्टी लेने का सिलसिला चल रहा है। जहां तहां स्थित सरकारी तालाबों और शासकीय राजस्व की भूमि से मिट्टी खोदकर सड़क मे डाली जा रही है।

      अभी हाल ही मे गढ़ से गुजरते समय लोगों ने बताया की बंसल की जेसीबी और ट्रक गढ़ थाने के पास स्थित पितरी तालाब और इंडियन ऑइल पेट्रोल पम्प तेंदुआ के उत्तर दिशा मे स्थित तालाब से मिट्टी खोदने का कार्य चल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा ग्रामीणों के साथ मौके पर जाकर देखा गया तो पाया गया की चैन वाली जेसीबी और बंसल ट्रडेमार्क वाले कई ट्रक मिट्टी खोदने और ले जाने मे लगे हुये पाये गए। वहाँ मौके पर कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं दिखा जिससे यह जानकारी प्राप्त की जा सकती की यह वैध कार्य था अथवा अवैध। तालाब की आकृति देखकर ऐसा समझ आया की गहरीकरण और भूमि सुधार के हिसाब से भी ज्यादा उचित कार्य होना नहीं पाया गया। सबसे तजुब्ब यह देखने मे हुआ की तालाब को बिना किसी सिविल इंजीन्यरिंग के ही खोदा जा रहा था और बनी हुयी कई खाई से यह अंदाजा लगा की तालाब और शासकीय भूभाग का गलत तरीके से दोहन किया जा रहा है।

तालाबों की ताबड़तोड़ खुदाई से कई प्रश्न उठने लाजमी हैं ?

1)  क्या बंसल कंपनी अथवा किसी भी संबन्धित कंपनी द्वारा शासकीय राजस्व की संपत्ति का दोहन करने के लिए आधिकारिक तौर पर लीज अथवा परमीशन ली गई है?

2)  क्या तालाब गहरीकरण का कोई निश्चित पैमाना नहीं है की तालाब की गहराई कितनी होनी चाहिए क्योंकि जिस तरह से तालाब गहरीकरण का काम चल रहा है उससे पता चलता है की तालाब खुदने के बाद तो खतरे के निशान के बाहर जा सकते हैं।

3)  नियमानुसार सभी निर्माण एजेंसियों को माइनिंग संबंधी सभी जानकारी नोटिस बोर्ड लगाकर सूचना पटल मे रखनी चाहिए जिससे यह पता आम जनता को भी चले की उसकी शासकीय संपत्ति का कौन और किस तरह दोहन कर रहा है जिससे कहीं खनिज अपराध होने की स्थिति मे आम जनमानस भी जानकारी संबंधितों तक पहुचा सके।

4)  आम तौर पर यह देखा जा रहा है की तालाब की खुदाई तो वैध अथवा अवैध तरीके से कर ली जाती है परंतु तालाब के भीटे को वैसे ही छोंड दिया जाता है, भीटे मे कोई भी मिट्टीकरण न हो पाने से तालाब जहां एक ओर देखने मे भद्दे दिखते हैं वहीं दूसरी तरफ भीटा भी अनुपयोगी ही बना रहता है।   
 
   संलग्न – गढ़ तेंदुआ स्थित दोनों तालाबों की बंसल कंपनी द्वारा हो रही खोदाई की तस्वीरें।

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  शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्ता रीवा मप्र

  मोबाइल 78699992139

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