दिनांक 27 मार्च 2018, स्थान – रीवा मप्र
(कैथा, शिवानंद द्विवेदी, रीवा मप्र)
गर्मी बढ्ने के साथ ही जिले मे जल संकट बढ़ गया है। कई स्थानो पर तो जलस्तर अभी भी ठीक है पर राइजर पाइप के अभाव और रखरखाव की समस्या के चलते नलकूपों से पानी नहीं निकल रहा है। इस संदर्भ मे जब सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा संबन्धित त्योंथर,गंगेव, हनुमना, जवा, रायपुर करचुलियान आदि के उपयंत्री, अनुविभागीय अधिकारी लोक स्वस्थ्य यान्त्रिकी और कार्यपालन अभियंता शरद कुमार, और पी एस बुंदेला सहित मुख्य अभियंता भोपाल के निज सचिव, मुख्य अभियंता जबलपुर श्री गौड़, और पी एच ई विभाग के अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव आदि से बात की गई तो हर एक व्यक्ति का अपना अलग वक्तव्य सामने आया। हर किसी ने समस्या के समाधान पर तो कम परंतु जनता के ऊपर कुछ ज्यादा ही दोष मढ़ा। अधिकारियों ने अपने विभाग और सरकार की कमी को बिलकुल स्वीकार नहीं किया परंतु जनता ही उनकी नज़र मे सबसे ज्यादा दोषी दिखी। सभी अधिकारियों की बातचीत के अंश भी यहाँ पर औडियो फ़ाइल मे संलग्न हैं कृपया देखें।
देखिये जब इन संबन्धित अधिकारियों से बात की गई तो इनका क्या जबाब था –
1) “अभी हमारे पास हनुमना, जवा,त्योंथर, आदि ब्लॉक का प्रभार है। मैं हर स्थान पर नहीं पहुच सकता, सरकार को इस बात को सोचना चाहिए, आप त्योंथर के सहायक यंत्री एमके यादव से बात कर लें। वैसे हम आपको बता दें की हमारी माग के वावजूद भी हमे पर्याप्त पाइप नहीं दी गई है। मात्र हमारे पास त्योंथर के 95 के आसपास पंचायतों के लिए अभी 100 पाइप हैं। अब बताइये हर पंचायत मे औसतन 40 से 50 नलकूपों के लिए कैसे इतनी पाइप मे काम चल पाएगा।” – आनंद तिवारी, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी, हनुमना, त्योंथर, जवा,पी, एच, ई विभाग रीवा मप्र। मोब –9589135484,
2) “हमने सरकार से 1500 पाइप की डिमांड की थी लेकिन हमे मात्र 100 पाइप एक बार मे दी गई हैं। गाँव वाले चाहते हैं की उनके नलकूप मे हम 10-12 पाइप डालें तो कैसे संभव है। सरकार हमे पर्याप्त माग की हुई पाइप नहीं दे रही है। आप सरकार के उच्चस्तर मे शिकायत करें जिससे हमारे लिए पाइप मिले तो हम काम करें। हमने नलकूप मैकेनिक को बताया है की आपके द्वारा बताई गई डाढ़,जमुई, बरहट, आदि पंचायतों को दिखवाता हूँ। पर आप भोपाल और जबलपुर मे उच्चस्तर मे बात करें। नलजल योजना के विषय मे जो बात आपने बताई है तो उसमे हमारे विभाग से जो किया जाना था किया जा चुका है अब आगे का काम पंचायत का है की वह उसकी व्यवस्था कराये। नलजल के लिए जमुई पंचायत त्योंथर ब्लॉक के लिए सवा लाख रुपए से अधिक उनके खाते मे भेजा जा चुका है। अब यदि पंचायतें काम नहीं करवा रही हैं तो हम क्या कर सकते हैं।”– एम के यादव, सहायक यंत्री त्योंथर ब्लॉक, रीवा मप्र। मोब –7000310187,
3) “आप हमे सारी जानकारी के साथ ईमेल कर दें और उसे हम संबंधितों को प्रेषित कर देंगे। इंजीनियर इन चीफ़ भोपाल से आज बात नहीं हो पाएगी मैं उनका पीए बोल रहा हूँ, आप सब बाते ईमेल कर दें हम कार्यवाही करवा देंगे। वैसे आप के सूचना पर हमने रीवा और सतना के लिए एक टीम गठित कर दिया है जिसमे आपके रीवा के ही अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव भी हैं और जल्द ही पानी संबंधी समस्या का सर्वेक्षण कर अपनी जानकारी वह टीम हमे देगी। मैं आपको उनका मोबाइल नंबर बता देता हूँ आप उनसे संपर्क कर लें जब वह आपके क्षेत्र मे आयें। वैसे हमारे यहाँ से पाइप संबंधी कोई कमी नहीं है पर्याप्त मात्रा मे पाइप भेजी जा रही हैं। यह जिले स्तर के अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है। फिर भी हम दिखवाएंगे। ” – निज सचिव,इंजीनियर इन चीफ़ भोपाल, मप्र शासन लोक स्वस्थ्य यान्त्रिकी विभाग। लैंड्लाइन नंबर इंजीनियर इन चीफ़ – 07552779411,
4) “देखिये नलकूप संधारण और रख रखाव के लिए हमे सरकार से एक निश्चित सीमा मे ही बजट मिल पाता है,और उसी मे हमे काम करना पड़ता है। जनता की सोच बिलकुल गलत है की हमारे पास पाइप का भंडार है और हम जितना चाहें उतना पाइप उपलब्ध करवा सकते हैं। ऐसा नहीं है, हमारे पास प्रति वर्ष के हिसाब से प्रत्येक नलकूप के रखरखाव के लिए 16 सौ रुपये दिये जाते हैं जिसमे 60 प्रतिशत सामाग्री का खर्च होता है जिसमे पाइप, नट, बोल्ट, वासर आदि रहता है और उसमे 40 प्रतिशत लेबर चार्ज होता है। अब इसी मे हमे सब कुछ देखना पड़ता है तो ऐसे मे तो देखा जाय तो वर्ष मे एक नलकूप के लिए मात्र एक ही पाइप आ सकती है। हम चाहे कितना भी यहाँ से डिमांड देंगे लेकिन सरकार बजट मे पर्याप्त नहीं देती जिससे यह सब समस्याएँ बनी रहती हैं। चाहे भले ही इस वर्ष विशेष अकाल सूखे की स्थिति है परंतु सरकार नहीं सुनती उनका बजट पहले से तय रहता है, सरकार का कोई विशेष आवंटन नहीं होता है। फिर भी हमारे द्वारा आपके पूरे रीवा संभाग के लिए पर्याप्त पाइप भेजी जा चुकी है और डिमांड पर भेजी जा रही है मै आपको पूरा हिसाब बता सकता हूँ। कहीं कोई पाइप की कमी नहीं है।” – मिस्टर गौड़, चीफ़ इंजीनियर जबलपुर क्षेत्र (जिसके परिक्षेत्र मे रीवा संभाग आता है) । मोब – 9907065750
5) “रीवा सतना के हमारे दौरे के विषय मे आप बता रहे हैं परंतु अभी मुझे कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है। पर यदि ऐसा है तो जब भी मुझे लिखित आदेश मिलेगा तो मैं आता हूँ और आपको सूचित करूंगा। देखिये हम भी रीवा के ही हैं और 20 वर्ष से अधिक हमने रीवा संभाग मे रहकर नौकरी किया है हम वहाँ की भौगोलिक स्थिति के विषय मे वाकिफ हैं। परंतु लोगों को एट्टीट्यूड प्रॉब्लेम्स है जिसके कारण समस्या होती हैं। लोग यह चाहते हैं की सभी पाइप उनही के नलकूप मे डाल दी जाएँ पर ऐसा नहीं होता है। हमे सभी को देखना पड़ता है। परंतु जब हम आएंगे तो जो भी वास्तविक स्थिति होगी उससे शासन को अवगत कराएंगे। वैसे हम मई-जून मे एक बार दौरा करते हैं।” –अनुराग श्रीवास्तव, अधिकारी पी एच ई, भोपाल, जिनहे रीवा और सतना के लिए दौरा के लिए कई सदस्यों के साथ भेजा जा रहा है। मोब- 9827239912
संलग्न – कृपया उक्त सभी अधिकारियों कर्मचारियों से सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा की गई बातचीत के अंश यहाँ पर संलग्न औडियो फ़ाइल मे हैं, देखने का कष्ट करें। साथ ही पिछले कई दिनों से जल की समस्या को लेकर मीडिया मे खबर का भी अंश यहाँ प्रस्तुत है जिसे इंजीनियर इन चीफ़ को भी उनके ईमेल एड्रैस मे भेजा जा चुका है।
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शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक मानवाधिकार कार्यकर्ता, रीवा मप्र। मोब – 7869992139,