Sunday, August 6, 2023

Breaking: गोशाला निर्माण के 38 लाख में 14.50 लाख गए कमीशन में, पेटी कांट्रेक्टर का व्हाट्सएप चैट हुआ वायरल // गोशाला घोटाले में अब हो गए नए और बड़े खुलासे // पेटी ठेकेदार पीयूष पांडेय ने बताया कि कैसे बाहर के गिरोह ने आकर गौशाला का धन लूटा // इंदौर के दलाल आलोक शर्मा और राहुल रणदीप ने व्हाट्सएप चैट पर बताया कैसे होती थी सेटिंग //

*Breaking: गोशाला निर्माण के 38 लाख में 14.50 लाख गए कमीशन में, पेटी कांट्रेक्टर का व्हाट्सएप चैट हुआ वायरल // गोशाला घोटाले में अब हो गए नए और बड़े खुलासे // पेटी ठेकेदार पीयूष पांडेय ने बताया कि कैसे बाहर के गिरोह ने आकर गौशाला का धन लूटा // इंदौर के दलाल आलोक शर्मा और राहुल रणदीप ने व्हाट्सएप चैट पर बताया कैसे होती थी सेटिंग //*
दिनांक 6 अगस्त 2023 रीवा मध्य प्रदेश।

  रीवा जिले में हुए व्यापक स्तर के गौशाला घोटाले में कुछ नए खुलासे हुए हैं। रीवा जिले के संविदाकार और पेटी कांट्रेक्टर पियूष पांडेय से हुए व्हाट्सएप चैट में बाहर से आए लुटेरों और दलालों ने गौशाला से जुड़े हुए लेनदेन की विस्तार से चर्चा की जिसका व्हाट्सएप चैट पीयूष पांडेय ने रिलीज किया है। गौरतलब है कि मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा के द्वारा भी की जा रही है। 
  *38 लाख की गौशाला में 14.50 लाख जाएंगे मात्र कमीशन में फिर कैसे बनेगी गौशाला?*

  संविदाकार और पेटी कांट्रेक्टर पीयूष पांडेय ने अपने मोबाइल से जो व्हाट्सएप चैट रिलीज किया है उसमें इंदौर और छतरपुर के आए दलालों और लुटेरों ने गौशाला में कमीशन की विस्तार से चर्चा की है जिसमें बताया गया है की लगभग 7 लाख रूप मनरेगा विभाग को कमीशन में जायेंगे। व्हाट्सएप चैट में ही दलाल आलोक शर्मा और राहुल रणदीव द्वारा आगे बताया जाता है कि 6 लाख रुपए की राशि नीचे से लेकर ऊपर तक सरकारी अधिकारियों के लिए फिक्स होती हैं जो उन्हें हर हाल में देना होता है। चैट में आगे बताया जाता है कि डेढ़ लाख रुपए दलालों को टोकन अमाउंट में दिया जाना होता है जो पेटी कांट्रेक्टर उन्हें देंगे। जिसमें से 50 हजार रुपए कार्य प्रारंभ होने के पहले देना पड़ेगा और शेष 50 प्रतिशत राशि कार्य पूरा होने के बाद दिया जाना है। इस प्रकार देखा जाय तो प्रत्येक गौशाला में 14.50 लाख रुपए तो मात्र कमीशन में ही निकल जाते हैं शेष बची 23.50 लाख रुपए की राशि में स्थानीय स्तर पर सरपंच सचिव इंजीनियर की भी कमीशन फिक्स होती है तब जाकर बची खुची राशि में गोशाला निर्माण का काम सरकारी डकैत करवाते हैं जिसका नतीजा देखा जा सकता है की अधूरी पड़ी गोशाकाएं और चंपत हुए ठेकेदार यही हालत लगभग हर जगह देखने को मिल रहे हैं।
  
  *400 स्वच्छता शौचालय बनाए जाने में भी दलालों ने बता दिया कैसे रहेगा कमीशन का खेल*

  संविदाकार पियूष पांडेय के इसी व्हाट्सएप चैट में बाहर से आए गिरोह और दलालों राहुल रणदीव एवं आलोक शर्मा से हुई चैट में बताया जाता है कि उन्हें (गिरोहों को) 400 मनरेगा के तहत बनाए जाने वाले स्वच्छता शौचालय बनाए जाने का ठेका मिला है। जिसकी लागत 3 लाख 53 हजार रुपए है जिसमे मनरेगा की मजदूरी 50 हजार रुपए और सरकारी अधिकारियों की कमीशन 35 हजार और दलालों के लिए टोकन अमाउंट 7500 रुपए होगा इसमें कार्य प्रारंभ होने के पहले 5 हजार और शेष आधा कार्य होने के बाद 5 हजार देना होगा। जबकि अभी सरपंच सचिव इंजीनियर और पेटी कांट्रेक्टर की कमीशन शेष है। यदि उस कमीशन को भी जोड़ लिया जाए तो शौचालय निर्माण के लिए एक से डेढ़ लाख रुपए ही बचेंगे तब भला कैसे गुणवत्तापूर्ण शौचालय निर्माण किया जा सकता है?
  *दलालों ने 180 आंगनवाड़ी केंद्र बनाए जाने के ठेके में भी कमीशन का खेल बता दिया*

   बात यहीं तक नहीं रुकती है बल्कि इंदौर और छतरपुर से आए दलालों ने 180 की संख्या में आंगनवाड़ी केंद्र बनाए जाने के लिए भी कमीशन का विस्तार से लेखा-जोखा अपने वायरल चैट में दे दिया। मनरेगा योजना अंतर्गत बनाई जा रही एक आंगनवाड़ी में 7 लाख 82 हजार की लागत आएगी जिसमें डेढ़ लाख रुपए मनरेगा मजदूरी में जाएगा और 1 लाख 20 हजार रुपए सरकारी अधिकारियों की कमीशन रहेगी जबकि 20 हजार इन दलालों को टोकन अमाउंट देना पड़ेगा जिसमें 10 हजार रुपए कार्य प्रारंभ होने के पहले और शेष 10 हजार रुपए का कमीशन आधा कार्य होने के बाद पेटी ठेकेदार द्वारा इन गिरोह दलालों को दिया जाएगा। 
  *वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार मुक्त भारत की कल्पना नहीं बल्कि भ्रष्टाचारयुक्त भारत का नाम दिया जाना बेहतर*

  इस प्रकार उपरोक्त व्हाट्सएप चैट के माध्यम से भलीभांति समझा जा सकता है कि जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काला धन वापस लाने भ्रष्टाचार ओसमाप्त करने और सुशासन लाने की बड़ी-बड़ी बातें हांकते हैं वहां अभी भी सरकार में बैठे नुमाइंदों, सरकारी अफसरानो की छत्रछाया में सैकड़ो किलोमीटर दूर से गिरोह और दलाल किस प्रकार बाज की तरह आंख बैठाए हुए सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों के हक और गौमाता के निवाला को हजम कर रहे हैं इस वाक्यात से भलीभांति समझा जा सकता है। फिर भी यदि पियूष पांडेय और उनके जैसे दर्जन भर अन्य फिशिंग के शिकार हुए इनके साथियों की कोई शिकायत आती है तो फिर भी शिकायतकर्ता को ही दोषी ठहराया जाता है और शिकायतों पर लीपापोती का खेल प्रारंभ हो जाता है। ताजा उदाहरण पेटी ठेकेदार पीयूष पांडेय और अन्य पेटी ठेकेदारों की शिकायत का है जिनका लगभग 15 लख रुपए के लगभग राशि यह बाहर से आए गिरोह और दलालों ने हजम कर लिया जिसकी जांच भोपाल स्तर, प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर और लोकायुक्त स्तर से पहले ही होकर दोषियों को क्लीन चिट दिया जा चुका है। अब जबकि जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ रीवा द्वारा की जा रही है इसमें गवाहों और बयानों में नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। हालांकि पीयूष पांडेय ने बताया कि मामले को लेकर वह न्यायालय भी पहुंच चुके हैं जहां से जल्द ही उन्हें रिलीफ मिलने वाली है।
   *एसपी आईजी को भी की गई शिकायत, अब तक नही हुई जांच*

  मामले को लेकर संविदाकार पीयूष पांडेय और उनके साथियों ने बताया कि उन्होंने रीवा जिले के पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को भी मामले की शिकायत सौंपी है। वर्ष 2022 में एसपी और आईजी को की गई शिकायत में पीयूष पांडेय और दर्जन भर उनके साथियों द्वारा कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन दिया गया था और वहां कार्यालय के बाहर ही वीडियो भी बनाए गए थे जिसमें वाह अपनी समस्याओं की बात कर रहे हैं। इसके बाद भी कई बार पियूष पांडेय और उनके साथी एसपी और आईजी से मिले और कार्यवाही की गुहार लगाई है लेकिन अब तक मामले पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है और न ही जांच की गई है जिसके बाद पीड़ित शिकायतकर्ता अब कोर्ट की शरण में गए हैं।
  
  *गौशाला घोटाले के तार जुड़े एक बड़े आईएएस ऑफिसर से*

  रीवा जिले में हुए व्यापक स्तर के गौशाला घोटाले, बाउंड्री वाल निर्माण, शौचालय निर्माण और बाहर से आए दलालों आलोक शर्मा राहुल रणदीव, आभास भारद्वाज, राजाराम कुशवाहा जैसे दलालों के तार रीवा जिले में पदस्थ रहे एक बड़े आईएएस अधिकारी से जुड़े हुए हैं। बतौर पेटी कांट्रेक्टर पीयूष पांडेय की माने तो इन दलालों ने पियूष पांडेय को गुमराह करते हुए मनरेगा के कार्य ठेकेदारी प्रथा और कमीशनखोरी में कराए जाने की लालच दी जिसके बाद पीयूष पांडेय ने कुछ ऐसे वीडियो उपलब्ध करवाए हैं जिसमें यह दलाल रीवा जिले में पदस्थ रहे एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से पार्टी करते हुए कई जगह फोटो वीडियो में नजर आ रहे हैं। हालाकी यह मामला आगे के अंकों में विस्तार से सामने आएगा और फिलहाल के लिए तो बस यही पर्याप्त है कि कैसे संलग्न व्हाट्सएप चैट में बाहर के दलालों ने रीवा की गौशालाओं को लूटा और पुर्तगाली, डच, अंग्रेजों, चंगेज खान और महमूद गजनवी की तरह आए गोमताओं और मजदूरों के हक को लूट कर चले गए। 
*संलग्न* - पेटी कांट्रेक्टर पीयूष पांडेय और उपरोक्त दलाल गिरोह के बीच वे व्हाट्सएप चैट, स्क्रीनशॉट और वीडियो एवं साथ में मामले को लेकर पीड़ित पेटी कांट्रेक्टर पीयूष पांडेय का कथन बयान।
*स्पेशल ब्यूरो रिपोर्ट रीवा मध्य प्रदेश*

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