दिनांक 14 जनवरी 2020, स्थान - रीवा मप्र
👉 डीएफओ सतना राजीव मिश्रा पर लगा 10 हज़ार रुपये का जुर्माना।
👉 तत्कालीन त्योंथर तहसीलदार जितेंद्र तिवारी पर लगा 7 हज़ार 500 रुपये का जुर्माना।
👉 तत्कालीन तहसीलदार त्योंथर एवं वर्तमान में टीकमगढ़ में पदस्थ महेंद्र गुप्ता को कारण बताओ नोटिस, 21 जनवरी को भोपाल में होगी पेशी।
👉 सचिव पंचायत भोलगढ़ संजय मिश्रा पर लगा 10 हज़ार रुपये का जुर्माना।
आरटीआई नियमों की अवहेलना करने के चलते मप्र राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह द्वारा कार्यवाहियां की जा रही हैं जिसमे लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों के ऊपर जुर्मानों के साथ अनुशासनात्मक कार्यवाहियां भी की जा रही हैं लेकिन संभाग के लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकिरियों की कार्यशैली अभी भी पूर्ववत ही बनी हुई है।
तीन अलग अलग प्रकरणों में लगाया गया जुर्माना
अभी हाल ही में मप्र राज्य सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह द्वारा तीन अलग अलग प्रकरणों में जुर्माना लगाया गया है। एक प्रकरण सतना जिले में वन विभाग से सम्बंधित है जिसमे अपीलार्थी रामस्वरूप पटेल बनाम लोक सूचना अधिकारी वन मंडल सतना के एक मामले ए-2352/सतना/2018 में दिनांक 09/01/2020 को फैसला देते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि लोक सूचना अधिकारी एवं डीएफओ सतना राजीव मिश्रा द्वारा अपीलार्थी के आरटीआई प्रकरण दिनाँक 26/12/2017 में असद्भावनापूर्वक, असहयोग करते हुए बिना किसी उचित एवं पर्याप्त कारण के जानकारी छुपाने का प्रयास किया गया एवं सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रति घोर लापरवाही का रवैया अख्तियार किया गया जिसके चलते डीएफओ राजीव मिश्रा के ऊपर आरटीआई की धारा 20(1) के तहत 10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया है।
दूसरा प्रकरण: ददन तिवारी बनाम त्योंथर राजस्व विभाग त्योंथर
ऐसे ही दूसरे अपीलीय मामले ए-4788/रीवा/2017 में भी सूचना आयुक्त द्वारा जुर्माने और शो कॉज नोटिस की कार्यवाही की गई है। यह मामला नक्सा तरमीन की राजस्व विभाग की सामान्य सी कार्यवाही का है जिसे पटवारी, आरआई और तहसीलदार कैसे अत्यधिक पेचीदा बनाकर अपीलार्थी और पीड़ितों की प्रताड़ित कर सकते हैं उसके विषय मे यह प्रकरण प्रकाश डालता है।
ददन तिवारी निवासी तहसील त्योंथर द्वारा राजस्व विभाग त्योंथर के समक्ष कुछ नक्सा तरमीन सम्बंधित जानकारी आरटीआई दाखिल कर चाही गयी थी जिसे तहसीलदार द्वारा छुपाने का प्रयास किया गया। इस पर कई सुनवाइयों के बाद और कई कारण बताओ नोटिसें जारी करने के बाद अभी हाल ही में 06/01/2020 को हुई सुनवाई में तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी एवं तहसीलदार महेंद्र गुप्ता को दोषी पाया गया जिन्होंने 3/5/17 को त्योंथर में पदस्थ रहते हुए जानकारी समय सीमा पर नही दी और धारा 7(1) का उल्लंघन किया तथा अपने दायित्यों के प्रति घोर लापरवाही बरती। जिसके कारण वर्तमान टीकमगढ़ में पदस्थ तहसीलदार महेंद्र गुप्ता को धारा 20(1) एवं 20(2) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 21/01/2020 को व्यक्तिगत तौर पर सूचना भवन भोपाल में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
वहीं इसी मामले में तत्कालीन तहसीलदार और पीआईओ जितेंद्र तिवारी को अपीलार्थी के आरटीआई आवेदन दिनाँक 3/5/2017 पर जानकारी न देने, अपीलार्थी के साथ असद्भावपूर्वक, जानबूझकर और बिना किसी उचित और पर्याप्त कारण के जानकारी छुपाने के चलते एवं सूचना के अधिकार के प्रति घोर लापरवाही बरतने और पदीय दायित्यों का निर्वहन न करने सहित अन्य कारणों के चलते धारा 20(1) के तहत रुपये 7 हज़ार 500 का जुर्माना लगाया गया है।
तीसरा मामला : ज्ञानेंद्र गौतम बनाम भोलगढ़ पंचायत रीवा
तीसरा प्रकरण भोलगढ़ पंचायत जनपद पंचायत रीवा से सम्बंधित है जिसमे भोलगढ़ निवासी ज्ञानेंद्र गौतम द्वारा 2014-15 से 2018 तक कि स्वच्छ भारत और शौचालय निर्माण सम्बन्धी जानकारी लोक सूचना कार्यालय ग्राम पंचायत भोलगढ़ में दिनांक 26/09/2018 को आरटीआई फ़ाइल करके चाही गयी थी तब जानकारी न मिलने पर अपीलकर्ता द्वारा प्रथम अपील 11/01/2019 एवं द्वितीय अपील दिनांक 25/05/2019 को की गई थी। मप्र राज्य सूचना आयुक्त की 28/08/2019 को रीवा में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में घोर लापरवाही बरतते हुए न तो लोक सूचना अधिकारी और न ही प्रथम अपीलीय अधिकारी मौजूद थे। इसके बाद कारण बताओ नोटिस की सुनवाई 23/12/2019 को सूचना आयोग भोपाल में रखी गयी थी जिसमे पीआईओ उपस्थित नहीं थे।
दिनाँक 23/12/2019 की सूचना भवन में हुई सुनवाई में मप्र राज्य सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह ने लोक सूचना अधिकारी संजय मिश्रा सचिव ग्राम पंचायत भोलगढ़ जनपद पंचायत रीवा को अपीलार्थी के आरटीआई आवेदन दिनांक 26/09/2018 पर कार्यवाही न करने, असद्भावपूर्वक, जानबूझकर एवं बिना किसी पर्याप्त और उचित कारणों के जानकारी छुपाने के चलते आरटीआई के नियम प्रावधानों के विरुद्ध व्यवहार करने के चलते धारा 20(1) के तहत प्रतिदिन के हिसाब से 250 रुपये का जुर्माना और अधिकतम 10 हज़ार रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया।
सभी जुर्माना राशि समयसीमा में आयोग में जमा करो
उक्त तीनों प्रकरणों में जुर्माने की राशि समयसीमा में डीडी अथवा अन्य उचित माध्यमो से सूचना आयोग के समक्ष भोपाल में जमा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। आगे आदेशित किया गया कि यदि जुर्माने की राशि समयसीमा में जमा नहीं की जाती तो आयोग द्वारा मप्र सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 (अपील एवं फीस) की धारा 8(6) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी।
जुर्माने रुक नहीं रहे, आदतें सुधर नहीं रहीं
मप्र राज्य सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के उल्लंघन को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है जिसके चलते लोक सूचना अधिकारियों और सम्बंधित विभागों में हड़कम्प मचा हुआ है। जहां वर्तमान सूचना आयुक्त की पदस्थापना के पूर्व मप्र में आरटीआई की स्थिति काफी उदासीन थी वहीं वर्तमान में ऐसा प्रतीत होता है जैसे हर जगह सूचना के अधिकार की ही चर्चाएं हो रही हैं। इसके बाबजूद भी कर्मचारी और अधिकारी सूचना के अधिकार की अवहेलना में रत हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह की सख्ती मप्र में आरटीआई को मजबूत बना पाएगी।
संलग्न - कृपया संलग्न पेज में देखें मप्र राज्य सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह द्वारा ट्वीट कर दी गयी जानकारी एवं साथ ही आदेश की प्रतियां।
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शिवानन्द द्विवेदी
(सोशल एंड ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट)
जिला रीवा मप्र मोबाइल 9589152587
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