स्थान – कैथा, गढ़ (रीवा, म.प्र.), दिनांक: 20.09.2016, दिन मंगलवार,
त्योंथर डी.ई.
अंतर्गत कटरा विद्युत् वितरण केंद्र में गढ़ फीडर की बदहाल स्थिति. लाइनमैन
राजकुमार मिश्रा और प्रभाकर सिंह मात्र तनख्वाह उठाते हैं. कनिष्ठ यंत्री सोनी
अपनी रीवा की सुनार वाली दुकान में बैठते हैं. बिजली 24 घंटे में बमुश्किल से 6
घंटे.
(कैथा-गढ़,
रीवा) कटरा विद्युत्
वितरण केंद्र अंतर्गत आने वाले गढ़ फीडर में बिजली सप्लाई की स्थिति दयनीय बनी हुई
है. यहाँ लगभग 150 किमी दूरी में एकमात्र फ़ीडर होने से कहीं भी फाल्ट की स्थिति
में 24 घंटे में दर्जनों बार लाइन सप्लाई अवरुद्ध करनी पड़ती है और कई बार तो
मनमाना भी लाइन कटौती मेंटेनेंस के नाम पर कर लेते हैं. यहाँ पर सीएम हेल्पलाइन और
सामान्य शिकायतों का कोई प्रभाव नहीं होता.
दर्जनों सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का गलत और
भ्रामक निराकरण –
गढ़ फीडर से दी जाने वाली अगडाल-कैथा लाइन के विषय में कई बार सीएम
हेल्पलाइन में भी प्रकरण रखा गया परन्तु कोई सही निराकरण नहीं दिया जाता. मोबाइल
फ़ोन आदि से दिए जाने वाले संदेशों का कोई प्रभाव नहीं होता. लाइनमैन का सीधा जबाब
रहता है की मैं कुछ नहीं करूँगा जे.ई. से बात कर लो. और जे.ई. सोनी को तो कभी फ़ोन
ही नहीं लगता. यही हाल ए.ई. और डी.ई. का भी है. अब जनता बिजली की समस्या की शिकायत
आखिर किससे करे? कई बार तो समस्या से अधीक्षण यंत्री वर्मा को भी अवगत कराया गया
परन्तु वहां से भी कोई विशेष समाधान नहीं निकला.
कटरा वितरण केंद्र में मेंटेनेंस और केबलीकरण की
पूरी राशि अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा हज़म –
कम से कम कटरा विद्युत् वितरण केंद्र की स्थिति यह है की यहाँ पर
पिछले 20 वर्ष से ऊपर से आज तक कभी भी मेंटेनेंस का काम नहीं हुआ. गढ़ फीडर सहित
सम्पूर्ण कटरा वितरण केंद्र में ग्रामीण इलाकों में केबलीकरण का कार्य किया जाता
था पर वह भी भ्रष्ट्राचार की बलि चढ़ गया. कागजों में तो केबलीकरण हुआ है परन्तु
वास्तविक धरातल पर कहीं कुछ नहीं हुआ.
सूचना के अधिकार की जानकारी को छुपाने और न देने
का प्रयास –
इसके पूर्व जब कटरा डी.सी. में कनिष्ठ यंत्री एस.के. गुप्ता और रीवा
संभाग में अधीक्षण यंत्री जैन थे तब सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार के
माध्यम से कटरा डी.सी. में मेंटेनेंस और ठेकेदारों द्वारा कार्य, केबलीकरण, और
पिछले 25 वर्ष में जले और बदले गए ट्रांसफार्मर की जानकारी सहित अन्य महत्वपूर्ण
और जनहित सम्बन्धी जानकारी चाही गयी थी परन्तु इन उक्त अधिकारियों द्वारा
भ्रष्ट्राचार में संलिप्त होने के कारण और राशि का गबन करने के कारण उक्त जानकारी
छुपाने का प्रयास किया गया था. तब आवेदक कतिपय कारणों से अपीलिंग प्रक्रिया में
नहीं जा पाया था. उक्त जानकारी न देने और छुपाने का तात्पर्य ही था की चूंकि कभी
भी मेंटेनेंस और केबलीकरण का कार्य कटरा डी.सी. में नहीं हुआ था और पूरी राशि का
गबन ठेकेदारों की मिली भगत से कर लिया गया था तो यह जानकारी कैसे साझा की जा सकती
थी?
गरीब जनता से मनमाने बिलिंग – यहाँ की गरीब जनता और यहाँ तक की जो बीपीएल और
अति गरीबी में शामिल हैं उनके हजारों के बिल आते हैं. सोरहवा ग्राम के राम नरेश
पटेल, कशी पटेल, ब्रिजवासी पटेल, हरिबंस पटेल, सुरेश पटेल, राज बहोर पटेल, कैथा से
भद्रिका प्रसाद द्विवेदी, भैयालाल द्विवेदी, बनस्पति द्विवेदी, भैयालाल पाण्डेय,
रावेन्द्र केवट, सतानंद केवट, सोमधर मिश्रा, अम्बिका प्रसाद मिश्रा, और इसी प्रकार
पडुआ, मिसिरा, इटहा, अमिलिया, बडोखर, हिनौती आदि कई ग्रामों में उपभोक्ताओं से
बिना मीटर रीडिंग के मनमाने तरीके से बिलिंग ली जाती है. उक्त सभी उपभोक्ताओं की
मीटर रीडिंग 150 और उससे ऊपर बताई जाती है है जबकि सभी बमुश्किल दो या तीन LED
अथवा CFL बल्ब जला पाते हैं. साथ ही कभी भी गढ़ फीडर और अगडाल-कैथा की लाइन कुल छः
घंटे से अधिक नहीं दी जाती है. कई बार गरीब लोग अपने बिजली के बिल लेकर सामाजिक
कार्यकताओं के पास आते हैं परन्तु इतनी शिकायतों और न्यायालयीन प्रकरणों के बाद भी
कोई सुनवाई नहीं होती. बिजली विभाग का कहना होता है की चोरी के कारण पेनाल्टी और उच्च
बिलिंग होती है. परन्तु कई गरीब परिवार मात्र एक या दो एलईडी अथवा सीएफएल बल्ब जलाते हैं. यही हाल
सामान्य उपभोक्ताओं का भी है. उनकी भी मनमाने और औसत बिलिंग की जाती है जिसकी कहीं
कोई सुनवाई नहीं है. बिजली विभाग का स्वयं का न्यायलय होने से वहां भी बिजली विभाग
के कर्मचारी अधिकारी जो लिख कर देते हैं जज भी उसी को मानता है. त्योंथर के बिजली
न्यायलय में कई ऐसे प्रकरण हुए हैं जिनमे उपभोक्ता से मनमाने पैसे और पेनाल्टी ले
ली गयी और उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई ऐसे में सामान्य उपभोक्ताओं को चोरी करने पर
मजबूर होना पड़ता है और इस न्यायालयीन प्रक्रिया से विश्वास भी उठ जाता है. कई
उपभोक्ता लाइनमैन को कुछ ले दे कर औसत बिलिंग को ठीक करवा लेते हैं. उनको लगता है
की ऊपर चिल्लाने और हल्लागुल्ला से तो बेहतर है की लाइनमैन को ही ले दे कर मामला सलटा
लो जिससे लाइनमैन ज्यादा रीडिंग ही न भेजे. जनता चोरी नहीं करती बल्कि उसे चोरी
करने के लिए इन कर्मचारियों द्वारा मजबूर होना पड़ता है.
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शिवानन्द द्विवेदी
(सामाजिक एवं
मानवाधिकार कार्यकर्ता)
ग्राम कैथा, पोस्ट
अमिलिया, थाना गढ़,
जिला रीवा (म.प्र.) पिन ४८६११७
मोबाइल नंबर – 07869992139
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