Thursday, January 9, 2025

Breaking: रीवा लोकायुक्त के पास लगभग 400 से अधिक लंबित प्रकरण? विवेचकों के 7 स्वीकृत पदों के विरुद्ध मात्र 3 पद भरे शेष 4 खाली// एक केस की विवेचना में लगते हैं कम से कम 6 महीने// वर्षों से लंबित प्रकरणों में नही पेश हो पाए चालान// अब अभियोजन स्वीकृति भी बनी अलग समस्या // अभियोजन स्वीकृति न मिलने से भी बढ़ रही पेंडेंसी// लोकायुक्त कार्यवाहियों के प्रति जनता में बढ़ रहा अविश्वास//

*Breaking: रीवा लोकायुक्त के पास लगभग 400 से अधिक लंबित प्रकरण? विवेचकों के 7 स्वीकृत पदों के विरुद्ध मात्र 3 पद भरे शेष 4 खाली// एक केस की विवेचना में लगते हैं कम से कम 6 महीने// वर्षों से लंबित प्रकरणों में नही पेश हो पाए चालान// अब अभियोजन स्वीकृति भी बनी अलग समस्या // अभियोजन स्वीकृति न मिलने से भी बढ़ रही पेंडेंसी// लोकायुक्त कार्यवाहियों के प्रति जनता में बढ़ रहा अविश्वास//*
दिनांक 09/01/2025 रीवा मप्र।

  रीवा जिले में लोकायुक्त और विशेष पुलिस स्थापना की बढ़ती ट्रैप की कार्यवाहियों के बीच बढ़ रही पेंडेंसी को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। पिछले कई ऐसे भी मामले देखे गए जहां एक ही लोक सेवक को एक से अधिक बार ट्रैप किया गया जिससे यह सवाल खड़े होने लाजमी हैं की आखिर जब पहली ट्रैप की कार्यवाही हुई तब समय पर चालान पेश होकर अभियोजन स्वीकृति लेकर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? आखिर क्यों एक ही लोकसेवक को इतना अधिक समय दिया गया की वह भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार करता रहा और लोकायुक्त को दुबारा ट्रैप करना पड़ा? 

  सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने मामले पर सवाल पूछा है की आखिर सरकारें क्यों समय पर अभियोजन स्वीकृति देकर कार्यवाही पूर्ण करने के लिए प्रयास करती? प्रदेश में जिलों और संभागों में विशेष पुलिस स्थापना के खाली पदों को क्यों नहीं भरा जा रहा? सूत्रों से प्राप्त जानकारी को मानें तो इस समय रीवा संभाग में ही अकेले लोकायुक्त के लगभग 400 प्रकरण बताए गए हैं जिनकी विवेचना प्रक्रिया में है। जहां तक सवाल खाली पदों का है तो वर्तमान में तो लोकायुक्त एसपी रीवा का ही पूर्णकालिक पद खाली पड़ा है साथ ही विवेचकों के स्वीकृत 7 पदों के विरुद्ध में मात्र 3 विवेचक ही इस समय रीवा में पदस्थ हैं। ऐसे में जाहिर है मामले लंबित होंगे और कार्यवाहियां करने में भी देरी होगी। 

बताया गया आए दिन लोकायुक्त ट्रैप की कार्यवाहियां तो हो रही हैं लेकिन इसका खौफ भ्रष्ट लोकसेवकों पर दिखाई नहीं दे रहा है। जिसका नतीजा यह है की ट्रैप के बावजूद भी भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। 

देखिए मामले पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने क्या कुछ कहा है।

*स्पेशल ब्यूरो रिपोर्ट रीवा मप्र*

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