दिनांक 23 अगस्त 2019, स्थान - गढ़/गंगेव, रीवा मप्र
(शिवानन्द द्विवेदी, रीवा मप्र)
सामाजिक एवं मनावाधिकार एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी द्वारा गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को लेकर अध्यक्ष मप्र राज्य मानवाधिकार आयोग अरेरा हिल्स भोपाल को लिखे गए पत्र के जबाब में लगभग एक वर्ष बाद एक लेटर प्राप्त हुआ है जिंसमे गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ साथ जिले के अन्य चार ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों सिरमौर, गंगेव, लौआ,रंगोली के विषय मे निर्माण कार्यों उन्नयन एवं मरम्मत विषय मे संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा जानकारी भेजी गई है जिसमे बताया गया है कि कुल 82 लाख दस हज़ार रुपये विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए सैंक्शन हुए थे परंतु अब तक कार्य पूर्ण नही किया जा सका है।
ह्यूमन राइट्स कमीशन भोपाल से आया पत्र
मप्र राज्य मानवाधिकार आयोग भोपाल द्वारा एक्टिविस्ट द्विवेदी को दिनाँक 29 जून 2019 को भेजे गए पत्र क्रमांक 19290/7300/रीवा/18 में यद्यपि यह कहा गया है कि राशि आवंटन एवं निर्माण कार्य में कोई बाधा उत्पन्न होना सम्भव नही है और प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया गया है लेकिन वास्तव में धरातल पर आज दिनांक तक गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी कार्य सम्पादित नही हुआ है।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल ने आयोग को दिया यह जबाब
एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी की आयोग के समक्ष याचिका पर जब मानवाधिकार आयोग ने संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मप्र भोपाल को प्रकरण क्रमांक/9870/7300/रीवा/2018 दिनांक 28 मार्च 2019 के माध्यम से लिखा तब संचालनालय ने अपने पत्र क्रमांक/5/भवन/सेल-1/2019-20/879/ दिनांक 3.5.2019 का हवाला देकर आयोग को बताया कि सियाराम साहू अवर सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मप्र शासन भोपाल द्वारा आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मप्र शासन को दिनांक 01.08.2013 को पत्र क्रमांक एफ 16 -1/2013/सत्रह/मेडि -3 भोपाल लिखकर सामान्य क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामीण स्वास्थ्य संस्थाओं में विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु प्रशासकीय स्वीकृति हेतु पत्र जारी किया गया था। जिसमे रीवा जिले के चार ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों जिसमे सिरमौर, गंगेव, लौआ,रंगोली एवं शाजापुर जिला में तिलावद मैना सम्मिलित है इनके लिए राशि क्रमसः 42 लाख 26 हज़ार रुपये, 24 लाख 89 हज़ार रुपये, तीन लाख 70 हज़ार रुपये, 6 लाख 83 हज़ार रुपये एवं 4 लाख 42 हज़ार रुपये की स्वीकृति हुई थी इस प्रकार कुल 82 लाख 10 हज़ार रुपये स्वीकृत होने के बाबजूद भी उक्त किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में नियमानुसार कार्य का होना नही पाया गया है।
गंगेव स्वास्थ्य केंद्र विषयक अपर संचालक वित्त मप्र शासन का चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी को पत्र
एक्टिविस्ट द्विवेदी की शिकायत एवं ह्यूमन राइट्स कमीशन के पत्र को आधार बनाकर दिनांक 29 मार्च 2019 को अपर संचालक वित्त संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मप्र शासन भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग अरेरा हिल्स भोपाल के नाम पत्र क्रमांक/5/भवन/2018-19/676 जारी किया गया जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगेव जिला रीवा के अधूरे/जर्जर भवन हेतु आवंटन उपलब्ध कराए जाने विषयक लेख लिखा गया जिसमें अवर सचिव मप्र शासन लोक निर्माण विभाग के पत्र क्रमांक/127/99/2018/19/यो भोपाल दिनांक 24 जनवरी 2019 एवं मॉनव अधिकार आयोग भोपाल के पत्र क्रमांक 1333/3154/होशंगाबाद/18 दिनाँक 11 जनवरी 2019 का हवाला दिया गया जिसमें लेख किया गया कि व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
82 लाख से अधिक राशि व्यय लेकिन कार्य का पता नही
बता दें कि उपरोक्त सभी कार्यों के लिए संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं मप्र शासन द्वारा पीडब्ल्यूडी सहित जो भी जानकारी एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी की शिकायत पर मॉनव अधिकार आयोग भोपाल को उपलब्ध कराई गई है उससे एक बात भलीभांति स्पष्ट हो चुका है कि यद्यपि राशि का आवंटन और आहरण तो कर लिया गया है लेकिन भौतिक धरातल पर कहीं भी नियमानुसार कार्य का होना नही पाया गया है।
गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु 24 लाख 89 हज़ार रुपये आवंटित
उक्त आदेश में जहां 82 लाख 10 हज़ार के कार्य मे जिला रीवा के 4 अस्पताल सम्मिलित थे वहीं सबसे ज्यादा राशि का आवंटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिरमौर के लिए 20 बिस्तरीय वार्ड के निर्मान के लिए 42 लाख 26 हज़ार आवंटित हुए थे वहीं गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जीर्णशीर्ण भवन के सुधार कार्य के लिए 24 लाख 89 हज़ार आवंटित हुए थे। लेकिन जहां आवंटित राशि के हिसाब से जहां सिरमौर अस्पताल में भी 20 वार्डों का उन्नयन ठीक से नही हो पाया वहीं गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जीर्णशीर्ण स्थिति यथावत बनी हुई है जिसमे मालमवेसी बांधने और पशुओं को रखने जैसी स्थिति अभी भी बनी हुई है।
गंगेव स्वास्थ्य केंद्र का पिछले वर्षों उठा मुद्दा
वर्ष 2017 में गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जीर्णशीर्ण होने का मुद्दा सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा उठाया गया जब गर्मियों में अकस्मात विजिट में पाया गया कि न तो पानी पीने के लिए कोई व्यवस्था थी और न ही दवा स्टोर रूम। इसी प्रकार जब बरसात आयी तो पता चला कि जो दवा रूम था उसमें छत से पानी टपक रहा था। जब तत्कालीन बीएमओ देवव्रत पांडेय से जानकारी चाही गयी तो उन्होंने बताया कि यह कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपा गया था जिसमे कोई हिनौती पंचायत का ठेकेदार सुरेश चतुर्वेदी कार्य कर रहा है। लेकिन बीच मे ही पैसा हजम करके भाग गया है। अंदर देखने पर पाया गया कि जहां वार्ड बना हुआ था वह भवन भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त था जहाँ पर मरीजों को बैठने तक के लिए जगह नही थी।
मीडिया में उठा था मामला
गंगेव सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र में अव्यवस्था का मामला उस समय मीडिया में भी उठा था। जिसके बाद रीवा में हड़कंप मच गया था जिससे सीएमओ और बीएमओ एवं संवंधित ठेकेदार एवं पीडब्ल्यूडी विभाग को जबाब देने की स्थिति पैदा हुई थी। इसके बाद न्यूज़पेपर का हवाला देकर सामाजिक कार्यकर्ता द्विवेदी द्वारा मामला ट्विटर एवं ईमेल आदि के माध्यम से उच्चाधिकारियों एवं भोपाल नई दिल्ली तक रखा गया था। साथ ही मामले को मप्र राज्य मानवाधिकार आयोग भोपाल को भी लिखा गया था जिस पर उपरोक्त जबाबी कार्यवाही की गई है।
जनहित के मामलों में आयोग की नही है गंभीरता - शिवानन्द द्विवेदी
यद्यपि गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाले मामले को गौर से देखा जाय तो आयोग को लिखे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग मप्र भोपाल एवं पीडब्ल्यूडी विभाग भोपाल के कानों में जूं तो रेंगी और कुछ कागज़ी कार्यवाही तो की गई है लेकिन यह अपर्याप्त है क्योंकि मात्र कागज़ी कार्यवाही हो जाने और पत्रों के आदान प्रदान हो जाने भर से कुछ नही होता। वास्तव में आयोग को यह भी देखना था कि आखिर जितनी राशि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त सभी स्वस्थ्य केंद्रों के उन्नयन और मरम्मत आदि के लिए जारी किए गए उनका उपयोग हुआ है कि नही। मात्र संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल एवं पीडब्ल्यूडी भोपाल के पत्राचार के आधार पर पूरे प्रकरण को नस्तीबद्ध कर देना उचित नही है। इससे मानवाधिकार के संरक्षण के लिए कार्य करने वाले एक्टिविस्टों शिवानन्द द्विवेदी जैसे जुझारू लोगों के लिए भी कार्य के बोझ को बढ़ाना ही है। इसमे आयोग से और भी निगरानी की उम्मीद की जाती है।
संलग्न - कृपया मप्र राज्य मानवाधिकार आयोग भोपाल द्वारा भेजे गए वह समस्त कागज़ात, पत्राचार के दौरान संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं एवं पीडब्लूडी भोपाल, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पत्र एवं जांच प्रतिवेदन आदि की फ़ोटो भी देखें।
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शिवानन्द द्विवेदी
सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता
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