दिनांक 23 अगस्त 2019, स्थान गढ़/गंगेव/भठवा, रीवा मप्र
घोषणा वीरों की घोषणाओं के बाद भी धरातल स्तर पर गौशाला निर्माण कार्य जीरो
स्थानीय पुलिस प्रशासन की मदद से धड़ल्ले से दौड़ रहे ओव्हर लोड वाहन
शिवानन्द द्विवेदी एवं स्वतंत्र शुक्ला (रीवा मप्र)
प्रदेश सरकार के द्वारा गौशाला निर्माण कार्य की घोषणा करने के बाद भी अब तक धरातल स्तर में कार्य किसी प्रकार से आरंभ होने का नाम नहीं ले रहा है। आपको बता दें कि आज दिनांक 23 अगस्त 2019 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की गोमाता भठवा मार्केट के बस स्टैंड में अज्ञात वाहन से दुर्घटना ग्रस्त होकर अपनी अंतिम सांस गिन रही है। घटना की जानकारी शहर वाशियों द्वारा गौरक्षक शिवानंद द्विवेदी को दी गई जिससे हाल ही में घटना स्थल पर पहुंच कर प्राथमिक उपचार कराया गया, साथ ही पशु संजीवनी एम्बुलेंस 1962 को सूचना प्रेषित की गई, लेकिन अब तक 3 घन्टे बाद भी संजीवनी उपस्थित नहीं हो पाई। अंत मे शाम 4 बजे पशु संजीवनी को लेकर गंगेव वेटेरिनरी एक्सटेंशन अधिकारी उपस्थित हुए जिनके साथ आये सर्जनों ने गाय का इलाज किया।
सुबह लगभग 11 बजे यद्यपि कम्पाउण्डर और ड्रेसर संतलाल साहू एवं रामानुज कोल के द्वारा प्राथमिक उपचार तो किया गया है लेकिन सर्जन के आने के बाद ही प्लास्टर हो पाया, वहीं घटना स्थल पर उपस्थित लोगों का कहना था कि, गाय के पेट में लगभग 5 माह के गर्भ में बच्चा था जो ठोकर लगने से सम्भवतः मर चुका था लेकिन जिस प्रकार गाय जीवित बची हुई थी इससे डॉक्टरों का कहना था कि गाय के पेट मे बच्चा तब तक मरा नही था।
क्या कहना है इनका
गौरव शुक्ला निवासी भठवा - "गौरक्षक श्री शिवानंद द्विवेदी जी के द्वारा हमें गाय एक्सीडेंट होने की सूचना मिली तो हमनें संबंधित अधिकारियों को इस विषय पर अवगत कराया, साथ ही प्राथमिक उपचार करा के ट्रेक्टर ट्राली के माध्यम से गाय को परिजनों के घर पहुंचा दिया "
गिरीश पटेल निवासी बांस- "जब से यह रोड हाइवे बनी है तब से ओव्हर लोड बहनों की निकशी के चलते लगातार इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं।"
ओम शुक्ला निवासी भठवा - "पशुओं की तो गिनती नहीं की एक दिन में कितने दुर्घटना के शिकार होते हैं आए दिन लोगों के साथ भी यही होता है। स्थानीय पुलिस प्रशासन की सह से ओव्हर लोड बहनों की धड़ल्ले से निकासी होती है। इसका विरोध भी किया गया लेकिन कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है।"
शिवानंद द्विवेदी, गौरक्षक सामाजिक कार्यकर्ता - "यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी बड़े बड़े ट्रक घरों में घुस चुके हैं। पता नहीं कितने व्यक्ति व मवेशी दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं। इसलिए साशन प्रशासन संदर्भित विषय को संज्ञान में ले ओव्हर लोडेड व भारी वाहनों के निकासी में प्रतिबंध लगाएं। साथ ही क्षेत्र में बनाएं जाने वाली गौशाला के निर्माण कार्य में भी तीव्रता आए जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।"
गोशालाएं न बनने से बेसहारा मवेशियों की हालत खराब
मप्र में वर्तमान सरकार द्वारा 1000 गोशालाओं को बनाये जाने हेतु प्रस्ताव लाया गया है जिनमे से काफी गोशालाओं को बनाये जाने हेतु जगह भी चिन्हित कर ली गयी हैं। जिला रीवा में ही अकेले 33 गोशालाएं खोली जानी हैं जिनमे से 30 गोशालाओं के निर्माण हेतु टीएस भी जारी किए जा चुके हैं लेकिन ग्राउंड वर्क न होने से स्थिति दयनीय बनी हुई है।
हिनौती और बांस ग्राम पंचायत में मात्र खोदे गए गड्ढे
बता दें कि गंगेव ब्लॉक के हिनौती एवं बांस ग्राम पंचायत में गोशाला निर्माण के नाम पर अब तक मात्र गड्ढे ही खोदे गए हैं। कुछ गड्ढे खोदे जाने के बबाद बाहर के मजदूरों द्वारा कार्य अधूरा छोंड़कर भाग जाने के कारण मनरेगा का कार्य पूर्णतया बन्द हो चुका है। ज्ञात हो कि मनरेगा के कार्य बाहरी मजदूरों नही बल्कि पंचायत और आसपास के मजदूरों के द्वारा करवाये जाते हैं। जबकि उक्त पंचायतों में गोशाला निर्माण के प्रारम्भ से ही धांधली प्रारम्भ होगयी है जिसकी निगरानी शासन प्रशासन को करना अत्यंत आवश्यक है।
वाहनों की स्पीड पर लगे रोक, ऐरा प्रथा पर भी लगे लगाम
आज सबसे ज्यादा मवेशी वैष्णो6 और सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं।सतना से बेला, क्योटी से कलवारी, मनगवां से चाकघाट एवं मनगवां से हनुमना अथवा शहरी रोड कोई भी सड़कें हो, इनमे बेतरतीब और रेलमपेल दौड़ने वाले ओवरस्पीड और ओवरलोड वाहनों की वजह से रोज सैकड़ों ऐरा मवेशी इसका शिकार हो रहे हैं। सामान्य तौर पर फसल नुकसानी बचाने के लिए होने वाली पशु क्रूरता तो है ही लेकिन उससे कहीं भयावह स्थिति सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले मवेशियों की है। इस कारण जब तक ऐरा प्रथा में रोक नही लगती और ओवरस्पीड और ओवरलोड वाहनों पर नियत्रण और कार्यवाही नही होती तब तक कुछ भी कह पाना मुश्किल है। भठवा मार्केट के पास की घटना उसका एक पहलू मात्र है।
संलग्न - कृपया दुर्घटना से बुरी तरह घायल गाय की स्थिति एवं तत्पश्चात सर्जनों एवं डॉक्टर द्वारा किया गया इलाज की फ़ोटो।
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शिवानन्द द्विवेदी
सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता