Sunday, October 2, 2016

(Rewa, MP) कैथा के अति प्राचीन श्री हनुमान मंदिर प्रांगण में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई गाँधी और शास्त्री जयंती



स्थान – कैथा-गढ़ (रीवा, म.प्र.), दिनांक: 02.10.2016, दिन रविवार,

 (कैथा-गढ़, रीवा) आज जब हमारे भारत देश को बाहरी और आतंरिक दुश्मनों से खतरा बढ़ गया है आज वह समय आ गया है जब हम उन वीर सपूतों को याद करें जिन्होंने अपने परिवार और स्वयं की कोई फ़िक्र न करते हुए हँसते-हँसते अपने जीवन को देश सेवा में बलिदान कर दिया.
जी हाँ! आज दो अक्टूबर का दिन ऐसे ही भारत के दो महान सपूतों के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है. यह दिन भारत के वर्तमान और आधुनिक काल के इतिहास के अमिट दिन हैं. इस दिन अहिंसा और सत्य के पुजारी श्री मोहनदास करमचन्द्र गाँधी और “जय जवान जय किसान” का नारा देने वाले भारत के सपूत और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी का जन्म हुआ था.
भारतीय संस्कृति में श्रीमद भगवद गीता का अपना एक अति महत्वपूर्ण स्थान है. गीता के पुजारी और उसके प्रत्येक श्लोक का अपने जीवन काल में अनुकरण कर जीवन यापन करने वाले महात्मा गाँधी शायद गौतम बुद्ध के बाद अहिंसा के सिद्धांत को आधुनिक काल में अक्षरसः जीने वाले प्रथम और अविरल व्यक्ति हुए हैं.
वहीँ श्री लालबहादुर शास्त्री एक मझे हुए और दृढ शासक-प्रशासक के उदहारण हैं. उनके नेतृत्व काल में भारत ने अत्यंत विकट स्थिति से गुजरते हुए देश के जवानों और किसानों को आत्मबल और नैतिक बल प्रदान किया. उन्होंने ही यादगार “जय जवान जय किसान” का नारा दिया और उसके बाद ही भारत में दोनों ही क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए. हरित क्रांति के जनक थे पूर्व प्रधानमंत्री श्री शास्त्रीजी.
आज जब भारत को पडोसी देशों से आतंकवाद और युद्ध जैसे भयानक खतरे छाये हुए हैं आज आवश्यकता है इन महान पुरुषों के जीवन और इनकी दृढ़ता को याद कर इनसे शिक्षा ग्रहण करने की.
आज गाढ़ी और शास्त्री जयंती के महान अवसर पर पावन यज्ञस्थली कैथा के अति प्राचीन श्री हनुमान मंदिर प्रांगण में शक्ति की उपासना के पर्व के दूसरे दिन इन महापुरुषों को यादकर श्रद्धांजलि दी गयी. इस बीच समाज के गणमान्य व्यक्ति और बच्चे उपस्थित रहे.

|||धन्यवाद|||
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शिवानन्द द्विवेदी
(सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता)
ग्राम कैथा, पोस्ट अमिलिया, थाना गढ़,
जिला रीवा  (म.प्र.) पिन ४८६११७
मोबाइल नंबर – 07869992139



   


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